हरिद्वार: कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. गौरतलब है कि इसी साल हरियाणा के कुरुक्षेत्र अंबाला में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर अभद्र टिप्पणी की थी. जिसको लेकर आरएसएस कार्यकर्ता कमल भदौरिया ने हरिद्वार जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट में मानहानि वाद दायर किया था. अब मामले की सुनवाई कोर्ट में 27 अप्रैल को होगी.
बता दें कि मानहानि केस को न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय शिव सिंह ने प्रकृतिवाद के रूप में दर्ज कर लिया था. पीएम मोदी और आरएसएस पर अभद्र टिप्पणी करने के समय राहुल गांधी लोकसभा सांसद थे. सीजेएम कोर्ट ने अपने क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय से पत्रावली को अपने पास मंगाई है. सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तिथि तय की गई है.
अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया मामला राहुल गांधी से जुड़ा था, जो सांसद भी थे. सांसद रहते हुए उन्होंने आरएसएस पर टिप्पणी की थी. लिहाजा सुनवाई का अधिकार जेएम के अधिकार क्षेत्र से बाहर था. जेएम शिव सिंह ने न्यायालय द्वारा सीजेएम न्यायालय को पत्रावली भेजी थी, जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार संगीता आर्य ने कोर्ट में सुनवाई के लिए फाइल को तलब कर ली है. मामले की सीजेएम हरिद्वार कोर्ट में अगली तारीख 27 अप्रैल रखी गई है.
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गौरतलब है कि मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता कमल भदौरिया ने हरिद्वार जिला एवं सत्र न्यायालय में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शिव सिंह की अदालत में राहुल के खिलाफ मानहानि का वाद दायर किया था. न्यायालय ने मुकदमा स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए पहले 12 अप्रैल की तारीख दी थी. अब मामले की सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 9 जनवरी 2023 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र अंबाला में राहुल गांधी ने आरएसएस को 21वीं सदी का कौरव बताया था. साथ ही राहुल ने कहा था कि आज के कौरव खाकी हाफ पेंट पहनते हैं, हाथों में लाठियां लेते हैं और शाखा लगाते हैं. 2 से 3 सबसे अमीर अरबपति लोग कौरवों के साथ खड़े हैं. इसी के साथ राहुल ने कहा था कि हिंदुस्तान तपस्वियों का देश है, न की पुजारियों का है.