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सोशल मीडिया पर अकाउंट वेरिफाई करने से पहले सावधान! नहीं तो हो सकते हैं ठगी का शिकार

देश में ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आजकल साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर लोगों को निशाना बनाने लगे हैं, हैकर्स पहले लोगों को अकाउंट वेरिफाई करने का लिंक भेजते हैं और जब यूजर उस लिंक पर अपनी जानकारी शेयर करता है तब शुरू हो जाता है ठगी का गोरखधंधा.

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Published : Oct 6, 2021, 8:21 PM IST

देश में ऑनलाइन ठगी
देश में ऑनलाइन ठगी

फरीदाबाद : आज भारत 21वीं सदी की तकनीक में बदल गया है. लोग पहले के मुताबिक ज्यादा डिजिटाइज हुए हैं. इंसान अपनी निजी जिंदगी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social Media Platforms) पर एडजस्ट कर चुका है. वर्तमान में स्थिति यह है कि व्यक्ति बिना सोशल मीडिया के नहीं रह सकता है. आज कल बच्चों से बड़ों तक सभी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का यूज कर रहे हैं.

आप ने हमेशा सुना और देखा होगा जो चीच लोगों के लिए जितनी फायदेमंद है उतनी ही नुकसानदायक भी, लोगों की इन्हीं जरूरतों को देखते हुए साइबर अपराधी निशाना बनाने लगे हैं. आज कल साइबर क्रिमिनल्स सोशल मीडिया पर पॉपुलर लोगों को अकाउंट वेरिफाई करने के नाम पर ठगने (Social media hacker verified accounts) और ब्लैकमेल करने का काम कर रहे हैं. हरियाणा में फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला सोशल मीडिया हैकर्स का निशाना बन चुकी हैं. ये महिला एक मेकअप आर्टिस्ट हैं.

ऑनलाइन ठगी का शिकार हुईं रितु

मेकअप आर्टिस्ट कैसे बनी ठगी का शिकार

रितु के इंस्टाग्राम पर 38 लाख फॉलोवर्स हैं, लेकिन इनका अकाउंट वेरिफाई नहीं हैं. एक दिन रितु के पास मोबाइल वेरिफिकेशन लिंक आया, उन्होंने उस लिंक को ऑफिशियल वेबसाइट समझकर अपने अकाउंट से संबंधित सभी निजी जानकारी शेयर कर दी. लेकिन कुछ ही देर में उनका अकाउंट हैक हो गया. रितु को हैकर्स की तरफ से मैसेज आया और उनसे ₹14 हजार की डिमांड की गई. रितु को अपना अकाउंट दोबारा लेने के लिए हैकर्स को ₹14 हजार देने पड़े और उसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की.

ईटीवी भारत ने साइबर एक्सपर्ट से की बातचीत

ईटीवी भारत ने इन्हीं सब समस्याओं को लेकर साइबर एक्सपर्ट से जाना कि साइबर क्रिमिनल्स से कैसे बच सकते हैं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि टेक्नोलॉजी के इस जमाने में किसी भी प्लेटफॉर्म पर आपका अकाउंट है तो आपको बेहद सचेत रहने की जरूरत है, किसी भी लिंक पर जाकर अपनी कोई जानकारी शेयर करने से काफी परेशानियां हो सकती है. हैकर्स आपको आर्थिक रूप से हानि पहुंचाने के साथ आपकी सार्वजनिक छवि भी बिगाड़ सकता है.

कोई भी वेबसाइट खोलें तो यह अवश्य जांच लें कि वह सिक्योर है या नहीं. ज्यादातर वेबसाइट सिर्फ http होते हैं, लेकिन जिस वेबसाइट की शुरुआत में https है तो वह सुरक्षित है. सोशल मीडिया पर अपराधी, लोगों की शिकायतों पर नजर रखते हैं. आपके शिकायत करते ही इनबॉक्स में कंपनी के अधिकारी बनकर वे अपना नंबर दे सकते हैं. ध्यान रखें कि कोई भी संस्थान सीधे इनबॉक्स में संपर्क करके अपना नंबर नहीं देता है. आज के युग में भारी संख्या में लोग सोशल मीडिया को लेकर दिवाने हैं और चाहते हैं कि उनका अकाउंट भी ब्लू टिक वाला हो, लेकिन सोशल मीडिया हैकर्स ऐसे लोगों को ज्यादा फॉलोवर्स देने और ब्लूटिक दिलाने के नाम पर मोटी रकम ठग लेते हैं. अधिकतर ऐसा होता है कि यूजर्स अपना अकाउंट खोने के डर पुलिस में शिकायत देने की बजाए ब्लैकमेलर्स को पैसे देने पर मजबूर हो जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-त्योहारों के सीज़न में ठगों से सावधान ! नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं साइबर ठग

फरीदाबाद : आज भारत 21वीं सदी की तकनीक में बदल गया है. लोग पहले के मुताबिक ज्यादा डिजिटाइज हुए हैं. इंसान अपनी निजी जिंदगी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social Media Platforms) पर एडजस्ट कर चुका है. वर्तमान में स्थिति यह है कि व्यक्ति बिना सोशल मीडिया के नहीं रह सकता है. आज कल बच्चों से बड़ों तक सभी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का यूज कर रहे हैं.

आप ने हमेशा सुना और देखा होगा जो चीच लोगों के लिए जितनी फायदेमंद है उतनी ही नुकसानदायक भी, लोगों की इन्हीं जरूरतों को देखते हुए साइबर अपराधी निशाना बनाने लगे हैं. आज कल साइबर क्रिमिनल्स सोशल मीडिया पर पॉपुलर लोगों को अकाउंट वेरिफाई करने के नाम पर ठगने (Social media hacker verified accounts) और ब्लैकमेल करने का काम कर रहे हैं. हरियाणा में फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला सोशल मीडिया हैकर्स का निशाना बन चुकी हैं. ये महिला एक मेकअप आर्टिस्ट हैं.

ऑनलाइन ठगी का शिकार हुईं रितु

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रितु के इंस्टाग्राम पर 38 लाख फॉलोवर्स हैं, लेकिन इनका अकाउंट वेरिफाई नहीं हैं. एक दिन रितु के पास मोबाइल वेरिफिकेशन लिंक आया, उन्होंने उस लिंक को ऑफिशियल वेबसाइट समझकर अपने अकाउंट से संबंधित सभी निजी जानकारी शेयर कर दी. लेकिन कुछ ही देर में उनका अकाउंट हैक हो गया. रितु को हैकर्स की तरफ से मैसेज आया और उनसे ₹14 हजार की डिमांड की गई. रितु को अपना अकाउंट दोबारा लेने के लिए हैकर्स को ₹14 हजार देने पड़े और उसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की.

ईटीवी भारत ने साइबर एक्सपर्ट से की बातचीत

ईटीवी भारत ने इन्हीं सब समस्याओं को लेकर साइबर एक्सपर्ट से जाना कि साइबर क्रिमिनल्स से कैसे बच सकते हैं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि टेक्नोलॉजी के इस जमाने में किसी भी प्लेटफॉर्म पर आपका अकाउंट है तो आपको बेहद सचेत रहने की जरूरत है, किसी भी लिंक पर जाकर अपनी कोई जानकारी शेयर करने से काफी परेशानियां हो सकती है. हैकर्स आपको आर्थिक रूप से हानि पहुंचाने के साथ आपकी सार्वजनिक छवि भी बिगाड़ सकता है.

कोई भी वेबसाइट खोलें तो यह अवश्य जांच लें कि वह सिक्योर है या नहीं. ज्यादातर वेबसाइट सिर्फ http होते हैं, लेकिन जिस वेबसाइट की शुरुआत में https है तो वह सुरक्षित है. सोशल मीडिया पर अपराधी, लोगों की शिकायतों पर नजर रखते हैं. आपके शिकायत करते ही इनबॉक्स में कंपनी के अधिकारी बनकर वे अपना नंबर दे सकते हैं. ध्यान रखें कि कोई भी संस्थान सीधे इनबॉक्स में संपर्क करके अपना नंबर नहीं देता है. आज के युग में भारी संख्या में लोग सोशल मीडिया को लेकर दिवाने हैं और चाहते हैं कि उनका अकाउंट भी ब्लू टिक वाला हो, लेकिन सोशल मीडिया हैकर्स ऐसे लोगों को ज्यादा फॉलोवर्स देने और ब्लूटिक दिलाने के नाम पर मोटी रकम ठग लेते हैं. अधिकतर ऐसा होता है कि यूजर्स अपना अकाउंट खोने के डर पुलिस में शिकायत देने की बजाए ब्लैकमेलर्स को पैसे देने पर मजबूर हो जाते हैं.

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