ETV Bharat / bharat

ज्ञानवापी स्थल में मिले शिवलिंग पर हिंदू को धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति, SC में याचिका दाखिल

author img

By

Published : Jul 15, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 5:07 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में वाराणसी के ज्ञानवापी स्थल पर मिले शिवलिंग पर धार्मिक अनुष्ठान करने की मांग के संबंध में याचिका दायर की गई है. पढ़िए पूरी खबर...

supreme court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : वाराणसी में ज्ञानवापी स्थल पर मिले शिवलिंग पर हिंदुओं को धार्मिक अनुष्ठान करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में याचिका दाखिल की गई है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि चूंकि श्रावण का महीना शुरू हो रहा है इसलिए हिंदुओं को शिवलिंग की पूजा और अनुष्ठान करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि भगवान शिव के भक्तों को शिवलिंग पर पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. मंदिर मामले के फैसले में ये माना गया था कि एक बार एक देवता, हमेशा एक देवता होता है और मंदिर तोड़े जाने पर वो चरित्र, पवित्रता या गरिमा नहीं खोता. इस दौरान कहा गया कि सर्वे के बाद शिवलिंग भी इसी परिसर में मिला है इसलिए एक उपासक होने के नाते, यदि वहां शिवलिंग है तो उनका पूजा के अधिकार भी जीवित रहता है.

बता दें कि मई में, वाराणसी की अदालत ने अदालत द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण दल द्वारा ज्ञानवापी परिसर के अंदर शिवलिंग पाए जाने के बाद सील करने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें - न्यायालय वरवर राव की स्थाई चिकित्सा जमानत याचिका पर 19 जुलाई को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली : वाराणसी में ज्ञानवापी स्थल पर मिले शिवलिंग पर हिंदुओं को धार्मिक अनुष्ठान करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में याचिका दाखिल की गई है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि चूंकि श्रावण का महीना शुरू हो रहा है इसलिए हिंदुओं को शिवलिंग की पूजा और अनुष्ठान करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि भगवान शिव के भक्तों को शिवलिंग पर पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. मंदिर मामले के फैसले में ये माना गया था कि एक बार एक देवता, हमेशा एक देवता होता है और मंदिर तोड़े जाने पर वो चरित्र, पवित्रता या गरिमा नहीं खोता. इस दौरान कहा गया कि सर्वे के बाद शिवलिंग भी इसी परिसर में मिला है इसलिए एक उपासक होने के नाते, यदि वहां शिवलिंग है तो उनका पूजा के अधिकार भी जीवित रहता है.

बता दें कि मई में, वाराणसी की अदालत ने अदालत द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण दल द्वारा ज्ञानवापी परिसर के अंदर शिवलिंग पाए जाने के बाद सील करने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें - न्यायालय वरवर राव की स्थाई चिकित्सा जमानत याचिका पर 19 जुलाई को करेगा सुनवाई

Last Updated : Jul 15, 2022, 5:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.