गुवाहाटी: रोशनी के त्योहार दीपावली के दौरान दो दिनों तक की गई आतिशबाजी की वजह से शहर के वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ है. प्रदूषण के बढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो गया है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आंकड़ों के मुताबिक वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी हुई है. पिछले दो दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 152 से बढ़कर 234 हो गया है. फलस्वरूप वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य से 72 गुना तक बढ़ गया है.
बता दें कि यदि किसी स्थान पर वायु गुणवत्ता सूचकांक दो सौ से तीन सौ है तो उसे निम्न स्तर का माना जाता है. हालांकि दिवाली के दौरान ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ गया है. हालांकि शहर के कुछ हिस्सों में ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है लेकिन पान बाजार इलाके में ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार पिछले साल दिवाली के दौरान शहर के प्रमुख स्थान पानबाजार में ध्वनि प्रदूषण 74.6 था. जबकि इस बार ध्वनि प्रदूषण का स्तर 78.9 तक पहुंच गया है.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि लोगों के द्वारा दिवाली समारोह के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किए जाने से स्थिति बदतर हो गई है. उन्होंने कहा कि रात 8 से 10 बजे तक 125 डेसिबल की आवाज वाले पटाखे चलाने की इजाजत दी गई, लेकिन लोगों ने इस निर्देश का उल्लंघन किया है. इसके अलावा शहर के अलग-अलग हिस्सों में 125 डेसिबल की आवाज वाले पटाखे फोड़े गए और रात 10 बजे के बाद भी पटाखे फोड़े जाने का सिलसिला जारी रहा. शहर के रिहायशी इलाकों में परंपरागत रूप से पटाखे फोड़ने का क्रम जारी रहा. इसकी वजह से प्रदूषण बढ़ गया है. दूसरी ओर नलबाड़ी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. एयर इंडेक्स खराब है. दिवाली से पहले नलबाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 168 था. दिवाली के दो दिन में सूचकांक बढ़कर 221 पर पहुंच गया.
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