नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का भयावह मंजर सभी के सामने है. सूरजमुखी के अलावा कई तरह के अन्न और फलों की खेती करने वाला यह देश अपने लोगों की मौत का गवाह बन रहा है. स्की रिसॉर्ट और खिली धूप वाले समुद्री किनारों वाला यह देश इस वक्त हथियारों का जखीरा व सैनिकों को देख रहा है. यूक्रेन में अमूमन रोजाना 9 लाख राउंड गोलियां झोंकी जा रही हैं.
ग्रामीण इलाकों में बमबारी: रूसी आक्रमण सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण इलाकों को भी थर्रा रहा है. तोपों से हमले और मिसाइलों की बारिश हो रही है. अमेरिका के सहयोग से हथियारों की खेप यूक्रेन भी पहुंच रही है. 24 फरवरी की उस भयावह सुबह के बाद से लगभग 56 दिनों के दौरान अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा देश में 50 मिलियन राउंड छोटे हथियार भेजे जा चुके हैं.
पेंटागन ने क्या कहा: पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन एफ किर्बी ने ब्रीफिंग में इस संख्या को फिर से बताया और कहा कि आक्रमण के बाद से हमने न केवल अपने स्टॉक से बल्कि अन्य देशों के स्टॉक से करीब 50 मिलियन यानी पांच करोड़ से अधिक छोटे हथियार और गोला-बारूद की मदद की है. जबसे यह आक्रमण शुरू हुआ है, तबसे यूक्रेनियन हर दिन इन हथियारों का उपयोग कर रहे हैं. किर्बी ने कहा कि छोटे हथियारों और गोला-बारूद की निरंतर डिलीवरी पर हर किसी का ध्यान नहीं जाता है, लेकिन यह अभी भी महत्वपूर्ण योगदान है. जिस देश की आबादी महज 4.3 करोड़ के आसपास वह रोजाना 9 लाख गोलियों के साथ 5 करोड़ राउंड गोला-बारुद का उपयोग कर रहा है. अमेरिका और उसके सहयोगी हथियारों की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं.
यह भी मिलेगा यूक्रेन को: जल्द ही यूक्रेन में हथियारों की एक नई खेप भेजी जाने वाली है जो 80 करोड़ डॉलर के हथियारों के पैकेज का हिस्सा है. नए हथियारों में 18155 मिमी हॉवित्जर, 40000 आर्टिलरी राउंड, मानव रहित तटीय रक्षा पोत 10 एएन/टीपीक्यू-36 काउंटर आर्टिलरी रडार, दो एएन/एमपीक्यू -64 सेंटिनल एयर सर्विलांस सिस्टम, 500 जेवलिन मिसाइल, एंटी-आर्मर सिस्टम, 300 स्विचब्लेड ड्रोन शामिल हैं. साथ ही 200 M113 बख्तरबंद कार्मिक वाहक, 100 बख्तरबंद उच्च गतिशीलता बहुउद्देशीय पहिया वाहन और 11 Mi-17 हेलीकॉप्टर भी यूक्रेन को मिलेंगे.
यह भी पढ़ें- स्मार्ट फोन बना 'बुलेट प्रूफ' जैकेट, बच गई यूक्रेनी सैनिक की जान
हथियारों की इस खेप में नवीनतम बॉडी आर्मर, ऑप्टिक्स और लेजर रेंज फाइंडर, विस्फोटक और रासायनिक, जैविक और परमाणु हमलों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपकरण भी शामिल होंगे. माना जा रहा है कि हॉवित्जर अत्याधुनिक एम-777 अल्ट्रा लाइट टॉव्ड अत्याधुनिक तोपखाने के टुकड़े हैं, जो 155 मिमी राउंड फायर करते हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और सऊदी अरब के अलावा भारत भी एम-777 का संचालन करता है. नवंबर 2016 में 5100 करोड़ रुपये के सौदे में भारत ने अमेरिका से 145 हॉवित्जर का ऑर्डर दिया है. जिनमें से अब तक लगभग 90 की डिलीवरी हो चुकी है.