अहमदाबाद : गुजरात राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक अस्पताल पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है. इस मामले में अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगे हैं. अस्पताल को मरीज के रिश्तेदार को 11.23 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है.
खबर के मुताबिक बालासिनोर के केएमजी जनरल अस्पताल (Balasinor KMG General Hospital) में एक मरीज के किडनी स्टोन हटाने का ऑपरेशन किए जाने के दौरान किडनी निकाल ली गई. जानकारी के मुताबिक किडनी निकाले जाने के चार महीने बाद मरीज की मौत हो गई.
अब मरीज के रिश्तेदार को ब्याज सहित 11.23 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. गुजरात राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यह आदेश दिया है.
उपभोक्ता अदालत ने गुजरात के महिसागर जिले के बालासिनोर में एक धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा संचालित केएमजी जनरल अस्पताल को 'अपने कर्मचारियों के लापरवाहीपूर्ण कार्य के लिए नियोक्ता की जिम्मेदारी' के जरिए 'चिकित्सा में लापरवाही' का दोषी ठहराया.
अहमदाबाद में गुजरात उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पीठासीन सदस्य डॉ जेजी मेकवान द्वारा हाल ही में पारित एक आदेश में कहा गया है, 'कोई नियोक्ता न केवल अपनी चूक के लिए बल्कि अपने कर्मचारियों की लापरवाही के लिए भी जिम्मेदार है....'
आयोग ने अस्पताल को शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज कराए जाने की तारीख से 7.5 प्रतिशत ब्याज के साथ 11.23 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया.. इसके साथ ही मानसिक पीड़ा और कानूनी खर्च के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने को कहा गया.
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अदालत का यह आदेश यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर आया जिसमें मृतक मरीज देवेंद्र रावल के कानूनी वारिसों की शिकायत पर अगस्त, 2012 में जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती दी गयी थी.
जिला आयोग ने 2012 के अपने आदेश में डॉक्टर, अस्पताल और बीमा कंपनी को ब्याज सहित 11.23 लाख रुपये का मुआवजा शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया था.