गांधीनगर : गुजरात में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के प्रयास के क्रम में राज्य सरकार और श्रम व रोजगार विभाग के द्वारा राज्यभर के 50 आईटीआई में ड्रोन के कोर्स शुरू किए जाएंगे. हालांकि ये कोर्स जुलाई से शुरू होंगे. इस कोर्स की निजी क्षेत्र में कीमत काफी अधिक है. कौशल्या विश्वविद्यालय और 50 आईटीआई में इस पाठ्यक्रम को जल्द लागू किया जाएगा. राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के अनुसार गुजरात सरकार आने वाले दिनों में विश्वविद्यालयों और आईटीआई में इस ड्रोन कोर्स का संचालन करेगी. इसका पहला चरण अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा में होगा. इतना ही नहीं इस प्रशिक्षण की लागत भी न्यूनतम रखी जाएगी. इसके जरिए युवाओं को रोजगार मिलने में मदद मिलेगी.
राज्य सरकार 100 शिक्षकों को प्रशिक्षित करती है : राज्य सरकार द्वारा आईटीआई में ड्रोन पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए 50 आईटीआई में से प्रत्येक में दो शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. ड्रोन कोर्स सिखाने वाले व्यक्ति के पास डीजीसीए प्लाइंग लाइसेंस होना जरूरी है. अभी तक कुल 100 में से केवल 19 शिक्षकों ने ट्रेनिंग को पूरा कर लिया है.
कोर्स 7 दिनों का होगा : सटीक जानकारी के लिए 7 दिवसीय ड्रोन उड़ान का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें दो दिन थ्योरी और तीन दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण होगा. वहीं छात्रों को दो दिन की तकनीकी ड्रोन विशेषज्ञता भी मिलेगी. इसके अलावा छात्रों के 7 दिवसीय सत्र के बाद लिखित परीक्षा होगी. वहीं परीक्षा पास करने वाले छात्रों को डीजीसीए के द्वारा पायलट का लाइसेंस दिया जाएगा.
पाठ्यक्रम में और क्या शामिल होगा?: इस ड्रोन कोर्स में छात्रों को ड्रोन एप्लिकेशन, ड्रोन स्पेयर पार्ट्स, फ्लाइंग ट्रेनिंग, सॉफ्टवेयर कॉम्प्रिहेंशन, ड्रोन डेटा एनालिसिस, ड्रोन रूट की जानकारी और ड्रोन कहां उड़ सकते हैं के बारे में जानकारी दी जाएगी. यह कोर्स राज्य भर के 50 आईटीआई में शुरू होगा. ड्रोन कोर्स का निर्देश समाप्त होने के बाद डीजीसीए लाइसेंस जारी करेगा. यह कोर्स केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन ने तैयार किया है.
ड्रोन लैब भी स्थापित किए जाएंगे : गुजरात भर में लगभग 50 आईटीआई और कौशल विश्वविद्यालयों में, राज्य सरकार ड्राइंग डिजाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. फिर अहमदाबाद में एक मैन्युफैक्चरिंग लैब की स्थापना की जाएगी, जहां ड्रोन के पुर्जों का रखरखाव और मरम्मत की जा सकेगी. इसे विद्यार्थियों को भी पढ़ाया जाएगा. छात्रों के साथ ड्रोन डेटा विश्लेषण और ड्रोन प्रोग्रामिंग पाठ्यक्रमों पर भी चर्चा की जाएगी.
राज्य सरकार घोषित करेगी फ्लाइंग जोन : राज्य प्रशासन कहीं भी ड्रोन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता है. हालांकि राज्य प्रशासन निकट भविष्य में एक ड्रोन फ्लाइंग जोन नामित करेगा. साथ ही राज्य सरकार तीन जोन बनाएगी, जिसमें एक रेड जोन, एक ग्रीन जोन और एक येलो जोन होगा.
किस क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं : यह ध्यान रखना अहम है कि ड्रोन को केंद्र सरकार के सुरक्षा विभाग, सेना के ठिकानों और हवाई अड्डों जैसे स्थानों पर उड़ान भरने की रोक है. इतना ही नहीं जहां इस कोर्स के लिए ग्रीन जोन बनाया जाएगा, वहीं पुलिस या डीजीसीए की पूर्व सहमति से ड्रोन को विशिष्ट श्रेणियों के लिए येलो जोन में उड़ाया जा सकता है. वहीं राज्य प्रशासन जल्द ही इस संबंध में औपचारिक रूप से ड्रोन फ्लाइंग जोन की स्थापना करेगा.
जून में खरीदेगी सरकार 100 ड्रोन : कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रही है सरकार हालांकि, राज्य सरकार को 100 ड्रोन खरीदने हैं, लेकिन पाठ्यक्रम से पहले लगभग 16 ड्रोन खरीदेगी. इस संबंध में जून के अंत तक राज्य सरकार ड्रोन की खरीद के लिए टेंडर जारी करेगी.
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