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Surat rape murder case: कोर्ट ने 28 दिन में दरिंदे को सुनाई मौत की सजा - Surat pocso court

गुजरात के सूरत की पॉक्सो अदालत ने ढाई साल की मासूम की रेप के बाद हत्या करने वाले व्यक्ति को घटना के 28 दिन के भीतर दोषी मौत की सजा सुनाई है. 35 वर्षीय प्रवासी मजदूर ने नवंबर में मासूम से रेप के बाद उसकी हत्‍या कर दी थी. इस जघन्य घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर एक हफ्ते में आरोप पत्र दाखिल किया. कोर्ट ने मामले में 43 गवाहों के बयान दर्ज किए और एक महीने के अंदर फैसला सुना दिया.

Surat rape murder case
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Published : Dec 8, 2021, 9:22 AM IST

Updated : Dec 8, 2021, 1:32 PM IST

सूरत : गुजरात के सूरत में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (Surat pocso court) की एक अदालत ने ढाई साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के मामले (Surat rape murder case) में 35 वर्षीय प्रवासी मजदूर को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई और मामले को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' (rare of the rarest case) करार दिया. यह घटना पिछले महीने की है.

त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए पांडेसरा पुलिस ने आठ नवंबर को मजदूर को गिरफ्तार करने के बाद सात दिन के भीतर ही आरोप-पत्र दाखिल कर दिया था. अदालत ने मामले में 43 गवाहों के बयान दर्ज किए और एक महीने के अंदर फैसला सुना दिया.

अदालत ने सोमवार को आरोपी गुड्डू यादव को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अपहरण, बलात्कार और हत्या के विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया था.

पीड़ित परिवर को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश

पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश पीएस कला ने मंगलवार को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' पाया और गुड्डू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376-एबी और 302 के तहत मौत की सजा सुनाई. अदालत ने राज्य सरकार को बच्ची के परिवर को 20 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश भी दिया.

सुनवाई के अंतिम दिन, लोक अभियोजक नयन सुखाड़वाला ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी, जो बिहार का रहने वाला है और वर्तमान में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सूरत शहर के पांडेसरा इलाके में रहता था. वह एक कारखाने में काम करता था.

सुखाड़वाला ने दोषी को मृत्युदंड देने के अनुरोध पर जोर देते हुए अदालत से इसे एक 'दुर्लभ से दुर्लभतम' मामले के तौर पर देखने का आग्रह किया और देश में पूर्व में ऐसे ही मामलो में दिए 31 आदेशों का हवाला दिया था.

अभियोजन पक्ष ने अदातल को बताया था कि गुड्डू ने इतनी बर्बरता दिखाई थी कि बच्ची के आंतरिक अंग भी शरीर से बाहर आए गए थे. अपराध को अंजाम देने के बाद उसने बच्ची का शव झाड़ियों में फेंक दिया था.

वहीं, आरोपी के वकील ने नरमी की मांग की थी और कहा था कि मृत्युदंड से उसके मुवक्किल के बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है.

यह भी पढ़ें- नशा देकर 17 लड़कियों से रेप की कोशिश, दो स्कूल के मैनेजरों पर केस दर्ज

अभियोजन पक्ष ने अनुसार, गुड्डू ने चार नवंबर की रात को बिहार के ही एक प्रवासी श्रमिक दंपति की ढाई साल की बेटी का अपहरण कर उसका यौन उत्पीड़न किया और फिर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. बच्ची का शव सात नवंबर को उसके घर से करीब एक किलोमीटर दूर एक फैक्टरी के पास से बरामद हुआ था.

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखने और स्थानीय सूत्रों तथा लोगों से जानकारी बटोरने के बाद आठ नवंबर को गुड्डू को गिरफ्तार किया था.

सूरत : गुजरात के सूरत में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (Surat pocso court) की एक अदालत ने ढाई साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के मामले (Surat rape murder case) में 35 वर्षीय प्रवासी मजदूर को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई और मामले को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' (rare of the rarest case) करार दिया. यह घटना पिछले महीने की है.

त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए पांडेसरा पुलिस ने आठ नवंबर को मजदूर को गिरफ्तार करने के बाद सात दिन के भीतर ही आरोप-पत्र दाखिल कर दिया था. अदालत ने मामले में 43 गवाहों के बयान दर्ज किए और एक महीने के अंदर फैसला सुना दिया.

अदालत ने सोमवार को आरोपी गुड्डू यादव को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अपहरण, बलात्कार और हत्या के विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया था.

पीड़ित परिवर को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश

पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश पीएस कला ने मंगलवार को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' पाया और गुड्डू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376-एबी और 302 के तहत मौत की सजा सुनाई. अदालत ने राज्य सरकार को बच्ची के परिवर को 20 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश भी दिया.

सुनवाई के अंतिम दिन, लोक अभियोजक नयन सुखाड़वाला ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी, जो बिहार का रहने वाला है और वर्तमान में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सूरत शहर के पांडेसरा इलाके में रहता था. वह एक कारखाने में काम करता था.

सुखाड़वाला ने दोषी को मृत्युदंड देने के अनुरोध पर जोर देते हुए अदालत से इसे एक 'दुर्लभ से दुर्लभतम' मामले के तौर पर देखने का आग्रह किया और देश में पूर्व में ऐसे ही मामलो में दिए 31 आदेशों का हवाला दिया था.

अभियोजन पक्ष ने अदातल को बताया था कि गुड्डू ने इतनी बर्बरता दिखाई थी कि बच्ची के आंतरिक अंग भी शरीर से बाहर आए गए थे. अपराध को अंजाम देने के बाद उसने बच्ची का शव झाड़ियों में फेंक दिया था.

वहीं, आरोपी के वकील ने नरमी की मांग की थी और कहा था कि मृत्युदंड से उसके मुवक्किल के बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है.

यह भी पढ़ें- नशा देकर 17 लड़कियों से रेप की कोशिश, दो स्कूल के मैनेजरों पर केस दर्ज

अभियोजन पक्ष ने अनुसार, गुड्डू ने चार नवंबर की रात को बिहार के ही एक प्रवासी श्रमिक दंपति की ढाई साल की बेटी का अपहरण कर उसका यौन उत्पीड़न किया और फिर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. बच्ची का शव सात नवंबर को उसके घर से करीब एक किलोमीटर दूर एक फैक्टरी के पास से बरामद हुआ था.

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखने और स्थानीय सूत्रों तथा लोगों से जानकारी बटोरने के बाद आठ नवंबर को गुड्डू को गिरफ्तार किया था.

Last Updated : Dec 8, 2021, 1:32 PM IST
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