अहमदाबाद : भाजपा विधायक आशा पटेल की डेंगू से मौत हो गई. 44 वर्षीय आशा पटेल की मौत पर पीएम मोदी (pm modi on asha patel death) ने शोक जताया है. गुजरात विधानसभा में मेहसाणा जिले के उंझा विधानसभा क्षेत्र की विधायक आशा पटेल (Unjha MLA Asha Patel) को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. हालांकि, डॉक्टर आशा पटेल को बचाने में कामयाब नहीं हो सके और रविवार को आशा पटेल को मृत घोषित कर दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा पटेल की मौत (pm modi on asha patel death) पर ट्वीट कर शोक जताया. उन्होंने लिखा, आशाबेन पटेल के निधन से दुखी हूं. हाल ही में संसद भवन में उनसे मुलाकात हुई थी. सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.
पीएम मोदी ने आशा पटेल के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रार्थना की. उन्होंने लिखा, दिवंगत आत्मा को प्रभु के चरणों में स्थान और शांति मिले.
इससे पहले आशा पटेल की मौत के बारे में भाजपा के सहयोगियों ने बताया कि आशा पटेल जाइडस अस्पताल में डेंगू का इलाज करा रही थीं. शुक्रवार की शाम उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था.
गुजरात के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने संवाददाताओं से कहा, बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उंझा सीट से भाजपा विधायक आशा पटेल (gujarat bjp mla asha patel) अब हमारे बीच नहीं रहीं.
उन्होंने बताया कि आशा पटेल को डेंगू के इलाज के लिए अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत गंभीर थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए, लेकिन आशा पटेल को बचाया नहीं जा सका.
नितिन पटेल ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को उंझा ले जाया जाएगा और बाजार प्रांगण में रखा जाएगा, जहां आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे और उनका अंतिम संस्कार सोमवार को सिद्धपुर श्मशान घाट में किया जाएगा.
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भाजपा की गुजरात इकाई ने एक बयान में कहा कि पटेल दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद डेंगू से पीड़ित हो गई थीं और वह रविवार को बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई हार गईं.
निधन पर सीएम और राज्यपाल ने जताया शोक
राज्य विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि आशा पटेल के कई अहम अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
पाटीदार आंदोलन में आशा पटेल
आशा पटेल पाटीदार आंदोलन में सक्रिय थीं. वह 2017 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर उंझा से विधायक चुनी गई थीं, लेकिन फरवरी 2019 में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गई थीं और फिर उपचुनाव जीत गई थीं.
(एजेंसी इनपुट)