अहमदाबाद : गुजरात में पहले चरण के लिए 89 सीट पर मतदान एक दिसंबर को हुआ था, जिसमें सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की सीट थीं. पहले चरण में औसत 63.31 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछली बार से कम रहा. आज (सोमवार) दूसरे चरण का चुनाव है. दूसरे चरण में 93 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, जिसमें 833 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मतगणना आठ दिसंबर को होगी. दूसरे चरण में मैदान में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (घाटलोदिया से), पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (विरमगाम से) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता अल्पेश ठाकोर (गांधीनगर दक्षिण से) हैं. हार्दिक पटेल और ठाकोर दोनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार हैं.
दूसरे चरण की 93 सीट उत्तर और मध्य गुजरात के 14 जिलों में फैली हैं, जिनमें अहमदाबाद, वड़ोदरा और गांधीनगर शामिल हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में 2.54 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. मतदान 26,409 मतदान केंद्रों पर होगा और करीब 36,000 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग किया जाएगा.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इनमें से 51 सीट जीती थी. कांग्रेस ने 39, जबकि तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. मध्य गुजरात में भाजपा ने 37 सीट जीती थी. कांग्रेस को 22 सीट मिली थी. लेकिन उत्तर गुजरात में, कांग्रेस ने 17 सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को 14 सीट मिली थी.
दूसरे चरण में जिन शेष 93 सीट पर मतदान होगा, उसके लिए 61 राजनीतिक दलों के 833 उम्मीदवार मैदान में हैं. राज्य चुनाव निकाय के अनुसार, उम्मीदवारों में 285 निर्दलीय भी शामिल हैं. भाजपा और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सभी 93 सीट पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस 90 सीट पर चुनाव लड़ रही है और उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने दो सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं.
अन्य दलों में, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने 12 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 44 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. 93 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, वे अहमदाबाद, वडोदरा, गांधीनगर और अन्य जिलों में फैले हुए हैं. दूसरे चरण के कुछ महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का घाटलोडिया, भाजपा नेता हार्दिक पटेल का विरमगाम और गांधीनगर दक्षिण क्षेत्र शामिल हैं, जहां से भाजपा के ही अल्पेश ठाकोर चुनाव लड़ रहे हैं.
इसके अलावा, दलित नेता जिग्नेश मेवानी बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, और गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा छोटा उदयपुर जिले के जेतपुर से उम्मीदवार हैं. वडोदरा जिले की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
अहमदाबाद की 16 सीटों पर मतदान- अहमदाबाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसने 1990 के बाद से यहां हुए चुनावों में हमेशा बढ़त हासिल की है. कांग्रेस को 2012 में इन 16 सीट में से दो पर जीत मिली थी. 2017 में उसके प्रदर्शन में सुधार हुआ और पार्टी चार सीट जीतने में कामयाब रही. आम आदमी पार्टी (आप) के आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है, जिसने सभी 16 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन चार सीट पर चुनाव लड़ रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि फिलहाल इन 16 में से 12 सीट पर काबिज भाजपा इनमें से अधिकतर सीट जी सकती है और आप शायद ही कोई प्रभाव छोड़ पाए. कुछ सीट पर एआईएमआईएम कांग्रेस के वोट काट सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे चरण के मतदान से पहले शहर में एक के बाद एक दो रोडशो किए हैं. इस चरण में उत्तर और मध्य गुजरात की सीटों पर मतदान होना है. ऐसे भाजपा की गढ़ कही जाने वालीं अहमदाबाद शहर की 16 विधानसभा सीट फिर से चर्चा में आ गई हैं.
मोदी ने शहर में एक दिसंबर को 30 किलोमीटर लंबे रोड शो का नेतृत्व किया था. उनका रोडशो अहमदाबाद के 13 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरा था. दो दिसंबर को, उन्होंने अपने धुआंधार प्रचार अभियान के तहत अहमदाबाद हवाई अड्डे से सरसपुर क्षेत्र तक 10 किलोमीटर के रोड शो का नेतृत्व किया. गुजरात के अन्य शहरों की तरह इस शहर के मतदाता 90 के दशक की शुरुआत से भाजपा के पीछे मजबूती से खड़े रहे हैं.
शहर में दो प्रमुख सीट मणिनगर और घाटलोडिया हैं. मणिनगर सीट से 2002 से 2014 तक मोदी विधायक रहे थे जबकि पाटीदार समुदाय के प्रभुत्व वाली घाटलोडिया सीट से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल विधायक हैं. इससे पहले इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल विधायक थीं. साल 2015 में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बावजूद 2017 में भूपेंद्र पटेल ने 1.17 लाख वोट के भारी अंतर से जीत हासिल की थी. भाजपा ने दोबारा सत्ता में आने पर पटेल को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने की घोषणा की है. कांग्रेस ने घाटलोडिया से अपने राज्यसभा सदस्य डॉक्टर अमी याज्ञनिक को मैदान में उतारा है.
मणिनगर निर्वाचन क्षेत्र को शहर की सबसे चर्चित सीट और भाजपा का गढ़ कहा जा सकता है. एक ओर जमालपुर-खड़िया व दरियापुर सीट पर मुसलमानों का प्रभाव है, तो दूसरी ओर कम से कम छह अन्य सीट-घाटलोडिया, ठक्करबापा नगर, साबरमती, मणिनगर, निकोल और नरोदा में पाटीदार समुदाय के मतदाताओं की बड़ी संख्या है. वेजलपुर और दानिलिमदा (सुरक्षित) सीट पर भी मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है.
साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को 14 सीट मिलीं थीं और कांग्रेस को दो सीट दरियापुर व दानिलिमदा में जीत हासिल हुई थी. साल 2017 में कांग्रेस ने प्रदर्शन में सुधार कर चार सीट बापूनगर, जमालपुर-खड़िया, दरियापुर और दानिलिमदा सीट पर जीत हासिल की थी. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने इन चार और वेजलपुर सीट पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी, लेकिन बापूनगर सीट से पार्टी के उम्मीदवार शाहनवाज पठान ने जाहिर तौर पर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लिया.
इस बार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप ने शहर की सभी 16 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. साल 2017 में बापूनगर में कांग्रेस के हिम्मतसिंह पटेल ने भाजपा विधायक जगरूपसिंह राजपूत को लगभग 3,000 मतों के मामूली अंतर से हराया था. राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल ने बताया कि हालांकि एआईएमआईएम के उम्मीदवार ने हिम्मतसिंह पटेल के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लिया है, लेकिन संभावना है कि कांग्रेस के मतों के संभावित विभाजन के कारण इस बार भाजपा फिर से सीट जीत सकती है.
उन्होंने कहा, 'भले ही एआईएमआईएम मैदान में नहीं हो, लेकिन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अल्ताफ खान पठान मुस्लिम मतों के विभाजन के माध्यम से हिम्मतसिंह पटेल का खेल बिगाड़ सकते हैं और अंततः भाजपा यह सीट जीत सकती है.'