मुंबई (महाराष्ट्र) : सीजीएसटी भिवंडी, मुंबई ने शुक्रवार को एक फर्म के एक और साथी को जीएसटी चोरी और आईटीसी में धोखाधड़ी कर लाभ अर्जित करने के लिए गिरफ्तार किया है. सीजीएसटी भिवंडी कमिश्नरी के सीजीएसटी आयुक्त सुमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने जीएसटी की चोरी और आईटीसी में धोखाधड़ी कर 78 करोड़ रुपये अर्जित किये हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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सीजीएसटी भिवंडी, मुंबई ने 23.9.22 को एक फर्म के एक और साथी को जीएसटी चोरी और आईटीसी के धोखाधड़ी लाभ के लिए गिरफ्तार किया है, जो कि 78 करोड़ रुपये है।मजिस्ट्रेट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।@nsitharamanoffc @cbic_india @cgstmumbaizone @PIBMumbai @mppchaudhary @FinMinIndia pic.twitter.com/IJFkcOgrPM
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उन्होंने कहा कि कार्रवाई एक विशिष्ट खुफिया जानकारी पर की गई थी. जिसने 7 अगस्त को मेसर्स ए एस एग्री और एक्वा एलएलपी के (जीएसटीआईएन 27ABLFA4344D1ZM) के खिलाफ उपरोक्त मामला दर्ज किया था. जिनके तीन साथी पहले उसी दिन गिरफ्तार किए गए थे और 4 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं. इसके अलावा, इसके एक अन्य साथी को शुक्रवार को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया. उसे 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि उक्त फर्म ने पॉली हाउस के निर्माण के लिए कार्य अनुबंध सेवाओं के प्राप्तकर्ताओं से प्राप्त 292 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान पर 53 करोड़ रुपये की जीएसटी देयता का निर्वहन नहीं किया है, जो धारा 13 (2) (बी) के तहत कर योग्य है. सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 17(5)(सी) के प्रावधानों के तहत अचल संपत्ति के निर्माण के लिए कार्य अनुबंध सेवाओं पर कथित फर्म ने धोखाधड़ी से 25 करोड़ रुपये की आईटीसी का लाभ उठाया है, जो कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 17(5)(सी) के प्रावधानों के तहत सही नहीं है.
आयुक्त ने कहा कि अब तक की कुल 78 करोड़ रुपये की देनदारी में से, फर्म ने 35 करोड़ रुपये की जीएसटी देयता को 'स्वेच्छा से निर्वहन' किया गया है. यह मामला टैक्स धोखाधड़ी करने वालों और फर्जी आईटीसी नेटवर्क के खिलाफ सीजीएसटी मुंबई जोन द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि अब तक, सीजीएसटी भिवंडी कमिश्नरी ने पिछले एक साल में ही 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. सीजीएसटी अधिकारी संभावित धोखेबाजों की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए डेटा विश्लेषण और नेटवर्क विश्लेषण टूल का उपयोग कर रहे हैं. सीजीएसटी अधिकारी आने वाले दिनों में टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ इस मुहिम को और तेज करेंगे.