प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां जीआरपी के 2 सिपाहियों पर चलती ट्रेन से मुसाफिर को फेंककर मारने का आरोप है. सिपाहियों के द्वारा चलती ट्रेन से फेंके जाने से झारखंड के रहने वाले युवक की मौत हो गई, जिसके बाद घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को प्रयागराज जंक्शन जीआरपी थाने में छिवकी रेलवे स्टेशन के जीआरपी चौकी में तैनात दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और फरार आरोपी सिपाहियों की तलाश की जा रही है.
वसूली के चक्कर में चलती ट्रेन से फेंकने से मुसाफिर की मौत
दरअसल, दिल दहला देने वाली इस घटना में चलती ट्रेन में टिकट चेकिंग के नाम पर वसूली की जा रही थी. अवैध वसूली की मांग पर पैसे न देने पर सिपाहियों की झारखंड के रहने वाले यात्री अरुण भुइयां से कहासुनी हो गई. मुंबई-हावड़ा मेल में दादर से दो भाई अरुण और अर्जुन भुइयां सवार हुए थे. अरुण भुइयां टीटीई से अतिरिक्त टिकट प्रभार से टिकट बनवाकर जनरल कोच से सफर कर रहा था. गुरुवार की रात को ट्रेन प्रयागराज के छिवकी रेलवे स्टेशन पहुंची थी. जहां से रात 9 बजे के करीब ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई. ट्रेन के आगे बढ़ने के बाद ऊंचडीह स्टेशन आई. उसी के पास से गाड़ी में सवार जीआरपी के सिपाही अनुरक्षण करने लगे.
जीआरपी चौकी प्रयागराज छिवकी के दो सिपाही सुरक्षा जांच के नाम पर यात्रियों के टिकट चेक करते हुए अवैध वसूली करने में जुट गए. उसी समय अरुण भुइयां से पैसे की मांग को लेकर दोनों सिपाहियों की कहासुनी हुई. आरोप है कि इस बीच पैसे न मिलने से गुस्साए जीआरपी के सिपाहियों ने ट्रेन से अरुण को धक्का दे दिया, जिसमें यात्री अरुण की मौत हो गई.
मुसाफिर की मौत के करीब 24 घंटे बाद प्रयागराज जंक्शन के जीआरपी थाने में ड्यूटी पर तैनात रहे दोनों सिपाहियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई. इस मामले में जीआरपी ने अपने 2 सिपाहियों के खिलाफ 24 घंटे बाद हत्या की जगह कमजोर धाराओं में केस दर्ज किया है. हालांकि 323 और 304 और एससी एसटी एक्ट समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया गया है.
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