हैदराबाद: जल ही जीवन है या जल है तो कल है. ये शब्द वो हकीकत है जिसे जानते सब हैं लेकिन मानते नहीं क्योंकि देशभर में भू जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. देशभर में भू-जल स्तर को लेकर लोकसभा में सवाल पूछा गया था. जिसके जवाब में 18 मार्च 2021 को सरकार की तरफ से जवाब दिया गया. सरकार की तरफ से भू-जल स्तर को लेकर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़े जारी किए.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भू-जल स्तर
सरकार की तरफ से भू-जल स्तर को लेकर साल 2017 के आंकड़े जारी किए. जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिला इकाइयों (ब्लॉक/मंडल/तालुका) को शामिल किया गया. देशभर से भू-जल इकाइयों को चुना गया और वहां जल स्तर को सुरक्षित, संवेदनशील, अतिसंवेदनशील जैसे इकाइयों के आधार पर बांटा गया.
30 राज्यों के जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में कुल 6828 इकाइयों का आंकलन किया गया. इनमें से 4310 इकाइयां सुरक्षित पाई गई जो कुल इकाइयों का 63 फीसदी है. वहीं 1185 (17%) ऐसी इकाइयां थीं जहां अत्यधिक दोहन हुआ था. जबकि 98 इकाइयां ऐसी मिली जहां से अब खारा पानी निकलता है. जो बताता है कि वहां से भू-जल स्तर का दोहन कितनी अधिक मात्रा में हुआ है.
6 केंद्र शासित राज्यों में कुल 53 इकाइयों का आंकलन हुआ जिनमें से 45 सुरक्षित मिली जबकि 1 इकाइ का अत्यधिक दोहन हुआ है. इस तरह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 6881 इकाइयों का आंकलन किया गया जिसमें से 4310 (63%) इकाइयां सुरक्षित हैं. जबकि 1186 इकाइयों का अत्यधिक दोहन हुआ है. 100 इकाइयां ऐसी भी थी जहां भू जल का इतना दोहन हुआ कि वहां से अब खारा पानी निकलता है.
इन राज्यों में भू-स्तर की स्थिति चिंताजनक
- भू-जल स्तर के आंकड़ो के लिहाज से पंजाब की स्थिति सबसे चिंताजनक राज्यों में से है. पंजाब में कुल 138 भू-जल इकाइयों का आंकलन किया गया. इनमें से सिर्फ 22 इकाइयां ही भू जल स्तर के पैमाने पर सुरक्षित पाई गई. जबकि 109 इकाइयों से भू जल का अत्यधिक दोहन हुआ. इस हिसाब से पंजाब में जिन 138 इकाइयों का आंकलन हुआ उनमें से सिर्फ 16 फीसदी सुरक्षित थीं और 79 फीसदी का अत्यधिक दोहन किया गया.
- भू-जल दोहन के मामले में दूसरे नंबर पर राजधानी दिल्ली है. जहां कुल 34 इकाइयों का आंकलन किया गया तो 65 फीसदी इकाइयों से अत्यधिक दोहन हुआ.
- आंकड़ों के मुताबिक भू-जल के दोहन के मुताबिक तीसरे स्थान पर राजस्थान है. जहां 295 इकाइयों में से 185 भू जल इकाइयों में अत्यधिक दोहन हुआ. जबकि सिर्फ 45 इकाइयां ही सुरक्षित स्तर पर हैं.
- हरियाणा भी भू-जल दोहन मामले में पीछे नहीं है. यहां 128 में से 78 इकाइयों का अत्यधिक दोहन किया गया है. जो कि कुल इकाइयों के 61 फीसदी है.
- पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी जिन 8 भू-जल इकाइयों का आंकलन हुआ था. उनमें से 4 इकाइयों का अत्यधिक दोहन हुआ है.
- तमिलनाडु में भी कुल 1166 इकाइयों में से 462 इकाइयों का अत्यधिक दोहन हुआ. तमिलनाडु में 37 फीसदी इकाइयां सुरक्षित हैं तो 40 फीसदी इकाइयों का अत्यधिक दोहन हो रहा है.
इन राज्यों में स्थिति ठीक है
- सबसे बेहतर नजर ऊत्तर पूर्वी राज्यों के रहे. जहां 7 में से 6 राज्यों में भू-जल सुरक्षित स्तर पर है.
- ओडिशा और झारखंड में भू-जल स्तर की स्थिति बहुत बेहतर है. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड से 260 और ओडिशा से 314 भू-जल इकाइयों का आंकलन किया गया. ओडिशा में 96 फीसदी और झारखंड में 94 फीसदी भू-जल इकाइयां सुरक्षित पाई गई.
- आंध्र प्रदेश में 75 फीसदी, बिहार में 81 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 84 फीसदी, गुजरात में 78 फीसदी, केरल में 78 फीसदी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में 77-77 फीसदी, उत्तराखंड में 72 फीसदी भू-जल इकाइयां सुरक्षित हैं.
- देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कुल 830 इकाइयों का आंकलन हुआ. इसमें प्रदेश के सभी 820 ब्लॉक और 10 शहर शामिल हैं. यहां 65 फीसदी इकाइयां सुरक्षित पाई गई.
- पश्चिम बंगाल के लिए साल 2013 के आंकड़ों को ही आधार माना गया है. जहां 268 इकाइयों में से 191 इकाइयां सुरक्षित पाई गई. जो कुल इकाइयों का 71 फीसदी है.
इन राज्यों में भू-जल 100 फीसदी सुरक्षित
साल 2017 की इस रिपोर्ट में कुल 30 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशो के आंकड़े दिए गए हैं. इनके मुताबिक 10 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश ऐसा है जहां सभी इकाइयों में भू-जल स्तर सुरक्षित स्तर पर था.
इनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, जम्मू -कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, दादर-नगर हवेली शामिल है
100 इकाइयों से निकल रहा खारा पानी
भू जल के लिए देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिन कुल 6881 इकाइयों का आंकलन किया गया उनमें से 100 इकाइयां यानि 1 फीसदी इकाइयों का जल स्तर खारे पानी तक पहुंच गया था.
- ऐसी सबसे ज्यादा 40 इकाइयां आंध्र प्रदेश और 35 इकाइयां तमिलनाडु राज्य में पाई गई. खारे पानी के स्तर तक पहुंची कुल इकाइयों में से 75 फीसदी इकाइयां इन दो राज्यों में मिली.
- इसके अलावा गुजरात (13), महाराष्ट्र (1), ओडिशा (6), राजस्थान (3), अंडमान-निकोबार (1), पुदुच्चेरी (1) भी ऐसी इकाइयां मिली.
- साल 2017 के इन आंकड़ों के हिसाब से जिन 30 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में भूजल इकाइयों का आंकलन किया गया. उनमें से 24 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में खारे पानी के स्तर तक पहुंची एक भी भू जल इकाइयां नहीं हैं.