नई दिल्ली : हमास के द्वारा इजरायल पर 7 अक्टूबर को किए गए घातक हमले में 1400 से अधिक इयरायली लोगों की जान जा चुकी है. इसके बाद से से ही इजरायल ने गाजा पर जमीनी आक्रमण करने और आतंकवादी समूह के सफाए की कसम खाई है. हालांकि हमास के हमलों के दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जमीनी आक्रमण अभी शुरू नहीं हुआ है.
इजरायल कथित तौर पर अमेरिका के उस अनुरोध पर सहमत हो गया है जिसमें कहा गया है कि वह गाजा में अपनी योजनाबद्ध घुसपैठ को अस्थायी रूप से विलंबित कर दे. इसकी वजह से वाशिंगटन को क्षेत्र में अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात करने के लिए अधिक समय मिल सके. द टाइम्स ऑफ इज़रायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन इराक, सीरिया, कुवैत, जॉर्डन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सैनिकों को मिसाइल की आग से बचाने के लिए लगभग एक दर्जन एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात करने की जल्दी में है.
इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित प्रॉक्सी (हिज़बुल्ला और अन्य संगठन) ने कम से कम 13 हमले किए हैं. इसमें एक हमले में सीरिया में कम से कम दो दर्जन सैनिक और दूसरे हमले में इराक में 10 अमेरिकी सैनिक घायल हो गए. हालांकि, अमेरिका के अनुरोध के अलावा इजरायल के पास जमीनी आक्रमण शुरू करने से पहले अन्य मुद्दों का भी सामना करना पड़ेगा. इसमें घनी आबादी वाले इलाके में शहरी युद्ध को चलाना चुनौती होगा. वहीं नागरिकों के हताहत होने से इजरायल की छवि खराब होगी.
इजरायल ने उत्तरी गाजा में सभी नागरिकों को खाली करने का आदेश दिया है. इससे एक बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है. एक और चुनौती उन बंधकों से निपटना है जिन्हें हमास ने 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान इजरायल से अपहरण कर लिया था. हालांकि हमास ने चार बंधकों को रिहा कर दिया है, लेकिन अभी भी उसके पास 200 से अधिक बंधक हैं. वहीं यह कुछ भी निश्चित नहीं है कि उन्हें कहां रखा जा रहा है. अगर बंधकों को हमास द्वारा बनाई गई भूमिगत सुरंगों के चक्रव्यूह में रखा जा रहा है, तो इजरायल के लिए उन्हें मुक्त कराना और भी मुश्किल हो जाएगा.
रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका इस बात से भी चिंतित है कि गाजा में अपने नियोजित जमीनी आक्रमण के लिए इजरायल के पास हासिल करने योग्य सैन्य टॉरगेट नहीं हैं. जबकि वाशिंगटन ने यरुशलेम से ऑपरेशन के व्यापक अंत के बारे में सोचने का आग्रह किया है. वहीं इजरायली अधिकारियों ने कहा कि वे अब केवल हमास को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और बाद में क्या होगा इसके बारे में नहीं सोच रहे हैं. लेकिन हकीकत तो ये है कि तमाम अटकलों के बावजूद इजरायल गाजा में जमीनी हमला जरूर करेगा.
अमेरिकी सलाहकारों में लेफ्टिनेंट जनरल जेम्स ग्लिन भी शामिल हैं, जिन्होंने पहले इस्लामिक स्टेट के खिलाफ विशेष अभियान बलों का नेतृत्व करने में मदद की थी और इराक के फालुजा में सबसे गर्म शहरी युद्ध के दौरान सेवा की थी. राजीव ने कहा कि इजरायली जमीनी कार्रवाई शुरू करने से पहले हवाई हमलों के जरिए जितना संभव हो सकेगा गाजा को समतल करना चाह रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि इजरायल के लिए हमास को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि हमास को खत्म करने के लिए इजरायल कौन सी प्रक्रिया अपनाएगा यह स्पष्ट नहीं है. हमास के हमलों के बाद इजरायल ने दुनिया भर से अपने 3 लाख 60 हजार रिजर्व सैनिकों को एकत्र किया है. ये सभी करीब डेढ़ लाख नियमित सैनिकों के साथ इजरायल को पांच लाख सैनिकों की सैन्य शक्ति प्रदान करते हैं.
अब सवाल आता है: बंधकों के बारे में क्या?
कुछ इजरायली मंत्रियों ने इस आशय से कहा था कि हमास के हमलों के दौरान बड़ी संख्या में इजरायली लोगों की जान जाने को देखते हुए बंधकों को एक छोटी सी कीमत चुकानी होगी. हालांकि, उनकी टिप्पणियों के लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. राजीव ने कहा कि इजरायल कतर जैसे अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के माध्यम से बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन हमास उन्हें मुक्त नहीं करने जा रहा है और न ही उनके पास मौजूद एकमात्र लाभ को छोड़ रहा है.
राजीव ने कहा कि यह तीसरा जमीनी ऑपरेशन होगा जो इजराइल गाजा में करेगा. इससे पहले 2009 में पहले जमीनी हमले में इजरायल ने अपने 10 सैनिक खो दिए थे. इस तरह के दूसरे आक्रमण में 66 आईडीएफ सैनिक मारे गए थे. हालांकि पिछले दोनों ऑपरेशनों में हजारों फिलिस्तीनियों की जान चली गई थी. राजीव ने कहा कि एक बार जब जमीनी आक्रमण शुरू हो गया तो इससे होने वाले नुकसान को रोक पाना मुश्किल होगा.