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पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध चंदन यात्रा

ओडिशा के पुरी में 21 दिन तक चलने वाली भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध चंदन यात्रा (chandan-yatra) शुरू हो गई. मंगलवार को विधिविधान से इसका प्रारंभ किया गया.

grand festival of Lord Jagannaths famous Chandan Yatra performed
भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध चंदन यात्रा
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Published : May 4, 2022, 10:22 AM IST

Updated : May 4, 2022, 11:27 AM IST

पुरी: पवित्र अक्षय तृतीय के अवसर पर 21 दिन तक चलने वाली भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध चंदन यात्रा शुरू हो गई. दो साल से इसका आयोजन नहीं किया जा रहा था. इसके साथ रथ बनाने का भी काम शुरू हो गया है. नरेंद्र सरोवर में नंदा एवं भद्रा नाव में बैठकर महाप्रभु की जलक्रीड़ा शुरू हुई है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त जुटे.

देखिए वीडियो

चंदन यात्रा के लिए महाप्रभु की चलंति प्रतिमा मदनमोहन, श्रीदेवी, भूदेवी रामकृष्ण के साथ पंच महादेव जम्बेश्वर, लोकनाथ, कपालमोचन, मार्कण्डेश्र एवं नीलकंडेश्वर को जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाला गया. ऐसी मान्यता है कि स्वयं भगवान जगन्नाथ ने राजा इंद्रद्युम्न को आदेश दिया था कि इस तरह का उत्सव मनाया जाए. 21 दिवसीय यात्रा के दौरान भगवान के रथों के लिए पवित्र लकड़ी का पूजन किया जाता है. चंदन यात्रा के दौरान महाप्रभु के प्रतिनिधि मदन मोहन, भूदेवी, श्रीदेवी, राम-कृष्ण के साथ पंच महादेव नौका विहार करते हैं.

जगन्नाथ धाम में महाप्रभु की चंदन यात्रा के लिए नरेंद्र पुष्करणी को सजाया जाता है. चंदन यात्रा ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी तिथि तक आयोजित की जाती है. इस दौरान समस्त वैष्णव भक्त अपने आराध्य भगवान कृष्ण के पूरे शरीर पर चंदन का लेप लगाकर रखते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि वैशाख-ज्येष्ठ की भीषण गर्मी से भगवान को बचाया जा सके.

पढ़ें- रथयात्रा विशेष : जानिए भगवान कृष्ण के पूरे शरीर पर क्यों लगाते हैं चंदन का लेप

पुरी: पवित्र अक्षय तृतीय के अवसर पर 21 दिन तक चलने वाली भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध चंदन यात्रा शुरू हो गई. दो साल से इसका आयोजन नहीं किया जा रहा था. इसके साथ रथ बनाने का भी काम शुरू हो गया है. नरेंद्र सरोवर में नंदा एवं भद्रा नाव में बैठकर महाप्रभु की जलक्रीड़ा शुरू हुई है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त जुटे.

देखिए वीडियो

चंदन यात्रा के लिए महाप्रभु की चलंति प्रतिमा मदनमोहन, श्रीदेवी, भूदेवी रामकृष्ण के साथ पंच महादेव जम्बेश्वर, लोकनाथ, कपालमोचन, मार्कण्डेश्र एवं नीलकंडेश्वर को जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाला गया. ऐसी मान्यता है कि स्वयं भगवान जगन्नाथ ने राजा इंद्रद्युम्न को आदेश दिया था कि इस तरह का उत्सव मनाया जाए. 21 दिवसीय यात्रा के दौरान भगवान के रथों के लिए पवित्र लकड़ी का पूजन किया जाता है. चंदन यात्रा के दौरान महाप्रभु के प्रतिनिधि मदन मोहन, भूदेवी, श्रीदेवी, राम-कृष्ण के साथ पंच महादेव नौका विहार करते हैं.

जगन्नाथ धाम में महाप्रभु की चंदन यात्रा के लिए नरेंद्र पुष्करणी को सजाया जाता है. चंदन यात्रा ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी तिथि तक आयोजित की जाती है. इस दौरान समस्त वैष्णव भक्त अपने आराध्य भगवान कृष्ण के पूरे शरीर पर चंदन का लेप लगाकर रखते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि वैशाख-ज्येष्ठ की भीषण गर्मी से भगवान को बचाया जा सके.

पढ़ें- रथयात्रा विशेष : जानिए भगवान कृष्ण के पूरे शरीर पर क्यों लगाते हैं चंदन का लेप

Last Updated : May 4, 2022, 11:27 AM IST
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