नई दिल्ली : सोशल मीडिया कंपनियों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार नए नियम लाने की तैयारी कर रही है. इन प्लेटफॉर्म पर और इंटरनेट के जरिए वीडियो सामग्री का प्रचार कर रहे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने की तैयारी है.
भारत सरकार आज ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइन्स जारी कर रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत में सोशल मीडिया कारोबार करे.
- प्रमुख बातें-
- शिकायत करने पर 24 घंटे में हटाना होगा कंटेंट, सोशल मीडिया के लिए सरकार की गाइडलाइन.
- नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है.
- यूजर्स के लिए समस्या का फोरम होना चाहिए. सोशल मीडिया में दिखाई जा रही चीजें अभद्र.
- हम सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के खिलाफ हैं.
- भारत में करोड़ों लोग ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं.
- शिकायत मिलने पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करनी होगी.
- नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.
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36 घंटे के अंदर हटाना होगा विवादित कंटेंट
सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सोशल मीडिया में पोस्ट हटाए जाने पर यूजर को सूचना देनी होगी. पोस्ट क्यों हटाई गई कंपनी को बताना होगा.
तीन स्तर पर कंटेट की निगरानी होगी.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने बनाए दिशानिर्देश
- दो प्रकार के सोशल मीडिया होंगे, तीन प्रकार के काम
- कंपनियों को शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा
- शिकायत मिलने पर 24 घंटे के भीतर करनी होगी कार्रवाई
- शिकायत निवारण अधिकारी को मासिक रिपोर्ट देनी होगी
- सोशल मीडिया अकाउंट्स के स्वैच्छिक परीक्षण की व्यवस्था
- 5 साल से अधिक सजा वाले मामले में नए नियम लागू होंगे
- अगले तीन महीने में लागू होंगे नए नियम कानून
- डिजिटल मीडिया पोर्टल और ओटीटी पर कोई प्रतिबंध नहीं
- भारत में करोड़ों लोग सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं
- सीमा पार से आपराधिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल की सूचना मिली है
- सभी प्लेटफॉर्म के लिए समान नियम जरूरी
- ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निर्माताओं को अपने बारे में जानकारी देना जरूरी होगा
- ओटीटी में सेंसर बोर्ड नहीं है, ऐसे में सेल्फ क्लासिफिकेशन जरूरी है, इसके लिए 13+, 16+ और ए कैटेगरी होनी चाहिए
- पैरेंटल लॉक का मैकेनिज्म हो जिसमें बच्चे उनके कैटेगरी की फिल्में न देख सकें, ये सुनिश्चित किया जा सके
- यू क्लासिफिकेशन इसमें भी होगा. सेंशर बोर्ड का एथिक्स कोड सबके लिए कॉमन होगा.
सरकार ने कहा कि यूजर कंटेंट हटाने और एक्सेस रोकने का कारण बताना होगा.