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मछली पालक किसानों के लिए केंद्र ने लॉन्च किया 'मत्स्य सेतु' ऐप

केंद्र सरकार ने मछली पालन के लिए 'मत्स्य सेतु' ऐप लॉन्च किया है. इसके जरिए किसानों को मछली पालन के तौर तरीकों को लेकर आधुनिक जानकारी दी गई है. किसान ऐप के माध्यम से विशेषज्ञों से विशिष्ट सलाह प्राप्त कर सकते हैं.

मत्स्य सेतु ऐप
मत्स्य सेतु' ऐप
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Published : Jul 7, 2021, 5:43 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को ऑनलाइन पाठ्यक्रम मोबाइल ऐप 'मत्स्य सेतु' को पेश किया. इस ऐप के माध्यम से किसानों को स्वच्छ जल में मछली पालन के तौर तरीकों को लेकर आधुनिक जानकारी दी गई है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस ऐप को केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर द्वारा हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के वित्त पोषण समर्थन से विकसित किया गया है.

विज्ञप्ति के अनुसार इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम ऐप का उद्देश्य देश के जलकृषकों के लिए नवीनतम स्वच्छ जल कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना है। मत्स्य सेतु ऐप में प्रजाति-वार / विषय-वार स्व-शिक्षण ऑनलाइन पाठ्य सामग्रियां हैं. इनमें व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मछलियों के प्रजनन, बीज उत्पादन और पालन-पोषण संवर्धन पर बुनियादी अवधारणाओं और व्यावहारिक प्रदर्शनों की व्याख्या की गयी है.

इस अवसर पर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र के टिकाऊ और जिम्मेदार विकास के लिए सितंबर 2020 में प्रमुख योजना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) की शुरुआत की थी. पीएमएसवाई के तहत अतिरिक्त 70 लाख टन मत्स्य उत्पादन, एक लाख करोड़ रुपये मत्स्य निर्यात, अगले पांच वर्षों में 55 लाख रोजगार सृजन आदि के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार और हितधारकों के बीच सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों के साथ बहुआयामी रणनीतियों की आवश्यकता है.

गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि CIFA द्वारा विकसित और NFDB द्वारा फाइनेंस वर्चुअल लर्निंग ऐप मत्स्य सेतु लॉन्च किया. यह किसानों को मोबाइल पर मत्स्य पालन तकनीक में प्रशिक्षण और विशेषज्ञ मार्गदर्शन देगा. इस अवसर पर देशभर में RAS, बायोफ्लॉक आदि में उत्कृष्ट कार्य कर रहे कई मत्स्य उद्यमियों के साथ बातचीत की.

विशेषज्ञों से मिलेगी विशिष्ट सलाह
ऐप में शिक्षार्थियों को प्रेरित करने और एक जीवंत सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिए, स्व-मूल्यांकन के लिए प्रश्नोत्तरी / परीक्षण विकल्प भी प्रदान किए गए हैं. प्रत्येक पाठ्यक्रम मॉड्यूल के सफल समापन पर, एक ई-प्रमाण पत्र स्वतः उत्पन्न किया जा सकता है. किसान ऐप के माध्यम से भी अपनी शंकाएं पूछ सकते हैं और विशेषज्ञों से विशिष्ट सलाह प्राप्त कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को ऑनलाइन पाठ्यक्रम मोबाइल ऐप 'मत्स्य सेतु' को पेश किया. इस ऐप के माध्यम से किसानों को स्वच्छ जल में मछली पालन के तौर तरीकों को लेकर आधुनिक जानकारी दी गई है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस ऐप को केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर द्वारा हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के वित्त पोषण समर्थन से विकसित किया गया है.

विज्ञप्ति के अनुसार इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम ऐप का उद्देश्य देश के जलकृषकों के लिए नवीनतम स्वच्छ जल कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना है। मत्स्य सेतु ऐप में प्रजाति-वार / विषय-वार स्व-शिक्षण ऑनलाइन पाठ्य सामग्रियां हैं. इनमें व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मछलियों के प्रजनन, बीज उत्पादन और पालन-पोषण संवर्धन पर बुनियादी अवधारणाओं और व्यावहारिक प्रदर्शनों की व्याख्या की गयी है.

इस अवसर पर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र के टिकाऊ और जिम्मेदार विकास के लिए सितंबर 2020 में प्रमुख योजना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) की शुरुआत की थी. पीएमएसवाई के तहत अतिरिक्त 70 लाख टन मत्स्य उत्पादन, एक लाख करोड़ रुपये मत्स्य निर्यात, अगले पांच वर्षों में 55 लाख रोजगार सृजन आदि के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार और हितधारकों के बीच सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों के साथ बहुआयामी रणनीतियों की आवश्यकता है.

गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि CIFA द्वारा विकसित और NFDB द्वारा फाइनेंस वर्चुअल लर्निंग ऐप मत्स्य सेतु लॉन्च किया. यह किसानों को मोबाइल पर मत्स्य पालन तकनीक में प्रशिक्षण और विशेषज्ञ मार्गदर्शन देगा. इस अवसर पर देशभर में RAS, बायोफ्लॉक आदि में उत्कृष्ट कार्य कर रहे कई मत्स्य उद्यमियों के साथ बातचीत की.

विशेषज्ञों से मिलेगी विशिष्ट सलाह
ऐप में शिक्षार्थियों को प्रेरित करने और एक जीवंत सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिए, स्व-मूल्यांकन के लिए प्रश्नोत्तरी / परीक्षण विकल्प भी प्रदान किए गए हैं. प्रत्येक पाठ्यक्रम मॉड्यूल के सफल समापन पर, एक ई-प्रमाण पत्र स्वतः उत्पन्न किया जा सकता है. किसान ऐप के माध्यम से भी अपनी शंकाएं पूछ सकते हैं और विशेषज्ञों से विशिष्ट सलाह प्राप्त कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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