चेन्नई: चेन्नई के पुल्यनथोप्पू इलाके के मजदूर मसूद की पत्नी सौमिया ने 5 दिसंबर को चेन्नई में भारी बारिश के बीच एक बच्ची को जन्म दिया. मसूद के घर में पानी भरा हुआ था, जिस कारण सौमिया अस्पताल जाने में असमर्थ थी. सौमिया ने घर पर ही बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद कड़ी मशक्कत के बीच मसूद ने अपनी पत्नी और बच्चे को अस्पताल पहुंचाया.
पुलिस की मदद से वह बारिश में भटकते हुए अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर किलपक्कम अस्पताल पहुंचे. मसूद ने कहा है कि लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई. लगातार इलाज के बाद उनकी पत्नी सौम्या की हालत में सुधार है.
मसूद का आरोप है कि 5 दिन तक बच्चे का शव नहीं दिया गया. साथ ही, शवगृह के कर्मचारियों ने कथित तौर पर बच्चे का शव सौंपने के लिए 2,500 रुपये की रिश्वत मांगी. ऐसे में कल (10 दिसंबर) पुलियानथोप्पु थाने की पुलिस ने मोर्चरी में रखे बच्चे के शव को उसके पिता मसूद को सौंप दिया. लेकिन मृत बच्चे के शव को कपड़े में न लपेटकर गत्ते के डिब्बे में रखा गया था. इसे ले जाते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. इस घटना की राजनीतिक दल के नेताओं समेत विभिन्न दलों ने निंदा की है. बाद में कुछ इस्लामिक स्वयंसेवकों की मदद से बच्चे के शव को दफनाया गया.
इस बीच, मुर्दाघर सहायक पन्नीरसेल्वम को एक शिकायत के आधार पर निलंबित कर दिया गया है कि मुर्दाघर परिचारक ने मृत बच्चे के शरीर को ठीक से ढके बिना उसके माता-पिता को सौंप दिया था. घटना को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. चेन्नई किलपक्कम अस्पताल के अनुसार, वह अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे.
वहीं इस दुखद घटना के संबंध में पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है, 'चूंकि बच्चे की जन्म के तुरंत बाद मौत हो गई और यह एक प्राकृतिक मौत थी, इसलिए इस संबंध में कोई जांच नहीं की गई क्योंकि बच्चे की मौत के बारे में कोई संदेह नहीं था.' बाद में कहा कि 'पुलिस की ओर से पत्र दिया गया था क्योंकि उन्होंने अस्पताल से बच्चे का शव वापस करने के लिए पत्र मांगा था.'
अपने एक्स सोशल मीडिया पोस्ट में घटना का जिक्र करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने निलंबन पर दिखावा नाटक होने का आरोप लगाया. उन्होंने तमिलनाडु सरकार से रचनात्मक कदम उठाने का आग्रह किया.