नई दिल्ली: सरकार ने खंडित या बंटे उद्योगों द्वारा डंपिंगरोधी शुल्क की जांच की मांग करने वाले आवेदन दायर करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है. इसका लक्ष्य लघु और सूक्ष्म इकाइयों के लिए कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देना तथा व्यापार संबंधी उपचार उपायों में तेजी लाना है.
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के एक नोटिस के अनुसार, जहां उद्योग टुकड़ों में बंटे हैं और उनमें घरेलू उत्पादकों की एक बड़ी संख्या शामिल है, घरेलू उद्योग की ओर से कोई संघ डंपिंग रोधी या प्रतिपूरक शुल्क जांच के लिए आवेदन दायर कर सकता है.
इसे भी पढ़े-टाटा संस की सहायक कंपनी ने तेजस नेटवर्क की 16.8% हिस्सेदारी खरीदी
हालांकि नोटिस में कहा गया कि ऐसे घरेलू उत्पादकों के पास उत्पाद के कुल पात्र घरेलू उत्पादन में कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा होना चाहिए, जिस पर डंपिंग रोधी शुल्क का अनुरोध किया जा रहा है.
सरलीकृत प्रक्रिया के अनुसार, ऐसे मामलों में सभी घरेलू उत्पादकों को श्रम और प्रति यूनिट बिजली लागत जैसे विस्तृत आंकड़े प्रदान करने की जरूरत नहीं होगी, इसके बजाय, ऐसे सभी उत्पादकों को कारोबार, स्थापित क्षमता, निर्यात और घरेलू बिक्री जैसी जानकारी दर्ज करने की जरूरत होगी.
(पीटीआई-भाषा)