ETV Bharat / bharat

सांसदों का निलंबन : सरकार ने बुलाई बैठक, विपक्षी दल झुकने को तैयार नहीं

सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर सत्ताधारी दल और विपक्षी दलों के बीच बात बनती नहीं दिख रही है. सरकार ने एक तरफ जहां विपक्षी दलों के नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया (Govt calls meeting of Opposition parties) है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि सिर्फ चार दलों को बुलाकर सरकार विपक्षी एकता को तोड़ने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस ने सोमवार सुबह पौने 10 बजे सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है.

parliament
संसद
author img

By

Published : Dec 19, 2021, 10:18 PM IST

Updated : Dec 19, 2021, 10:49 PM IST

नई दिल्ली : राज्य सभा से निलंबित किए गए सांसदों के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए सरकार ने विपक्षी दलों की सोमवार को बैठक बुलाई (Govt calls meeting of Opposition parties) है. संसदीय कार्यमंत्री ने इसकी जानकारी दी. विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं, इस पर अभी तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. कांग्रेस ने कहा है कि सिर्फ चार दलों को सरकार ने बैठक में शामिल किया है, यह सही नहीं है. कांग्रेस ने सोमवार सुबह पौने 10 बजे सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है.

राज्य सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार विपक्षी एकता को तोड़ने का प्रयास कर रही है. लेकिन वह सफल नहीं होगी. विपक्षी दल टूटने वाले नहीं हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उन्हें निमंत्रण मिला है, लेकिन बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं, इसका निर्णय सोमवार सुबह को ही होगा.

यह बैठक सोमवार सुबह 10 बजे संसद के पुस्तकालय भवन में आयोजित की गई है. आपको बता दें कि संसद के पिछले सत्र यानी मानसून सत्र के दौरान अनुशासनहीनता को लेकर राज्य सभा के 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र की पूरी कार्यवाही से निलंबित किया जा चुका है. विपक्षी दलों ने उसके बाद से संसद की कार्यवाही में भाग लेने से मना कर दिया है. वे हर दिन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.

कांग्रेस के छह, टीएमसी के दो, सीपीआई और सीपीएम के एक-एक और शिवसेना के दो सांसदों को निलंबित किया गया था. इनके नाम हैं- कांग्रेस की फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजामणि पटेल, अखिलेश प्रसाद सिंह और सैयद नासिर हुसैन. शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं. सीपीआई के एलामारम करीम, सीपीएम के विनय विश्वम शामिल हैं.

ये भी पढ़ें : हमारे फोन टैप कर रही यूपी सरकार, हर शाम योगी आदित्यनाथ सुनते हैं रिकॉर्डिंग: अखिलेश यादव

निलंबन के तुरंत बाद संसदीय कार्यमंत्री ने कहा था कि अगर विपक्षी दलों के सांसद अपने आचरण पर खेद व्यक्त करते हैं, तो निलंबन वापस लेने पर विचार किया जा सकता है. लेकिन विपक्षी सांसदों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि यह फैसला असंवैधानिक और नियमों के खिलाफ है.

नई दिल्ली : राज्य सभा से निलंबित किए गए सांसदों के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए सरकार ने विपक्षी दलों की सोमवार को बैठक बुलाई (Govt calls meeting of Opposition parties) है. संसदीय कार्यमंत्री ने इसकी जानकारी दी. विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं, इस पर अभी तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. कांग्रेस ने कहा है कि सिर्फ चार दलों को सरकार ने बैठक में शामिल किया है, यह सही नहीं है. कांग्रेस ने सोमवार सुबह पौने 10 बजे सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है.

राज्य सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार विपक्षी एकता को तोड़ने का प्रयास कर रही है. लेकिन वह सफल नहीं होगी. विपक्षी दल टूटने वाले नहीं हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उन्हें निमंत्रण मिला है, लेकिन बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं, इसका निर्णय सोमवार सुबह को ही होगा.

यह बैठक सोमवार सुबह 10 बजे संसद के पुस्तकालय भवन में आयोजित की गई है. आपको बता दें कि संसद के पिछले सत्र यानी मानसून सत्र के दौरान अनुशासनहीनता को लेकर राज्य सभा के 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र की पूरी कार्यवाही से निलंबित किया जा चुका है. विपक्षी दलों ने उसके बाद से संसद की कार्यवाही में भाग लेने से मना कर दिया है. वे हर दिन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.

कांग्रेस के छह, टीएमसी के दो, सीपीआई और सीपीएम के एक-एक और शिवसेना के दो सांसदों को निलंबित किया गया था. इनके नाम हैं- कांग्रेस की फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजामणि पटेल, अखिलेश प्रसाद सिंह और सैयद नासिर हुसैन. शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं. सीपीआई के एलामारम करीम, सीपीएम के विनय विश्वम शामिल हैं.

ये भी पढ़ें : हमारे फोन टैप कर रही यूपी सरकार, हर शाम योगी आदित्यनाथ सुनते हैं रिकॉर्डिंग: अखिलेश यादव

निलंबन के तुरंत बाद संसदीय कार्यमंत्री ने कहा था कि अगर विपक्षी दलों के सांसद अपने आचरण पर खेद व्यक्त करते हैं, तो निलंबन वापस लेने पर विचार किया जा सकता है. लेकिन विपक्षी सांसदों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि यह फैसला असंवैधानिक और नियमों के खिलाफ है.

Last Updated : Dec 19, 2021, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.