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कर्नाटक भारतीय फैबलेस स्टार्ट-अप का केंद्र बनेगा: मंत्री डॉ नारायण - कर्नाटक

मंत्री डॉ सीएन अश्वथा नारायण ने कहा कि भारत में ESDM सेक्टर जिसका 16.1 प्रतिशत तक विस्तार होने का अनुमान है, उद्योगों को सुनहरा मौका लेकर आएगा. इससे विश्व के लिए मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के उद्देश्य पूरे होंगे.

मंत्री डॉ नारायण
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Published : Oct 21, 2021, 6:42 PM IST

बेंगलुरू : कर्नाटक को इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (Indian Electronics And Semiconductor Association-IESA) इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (Electronic System Design & Manufacturing-ESDM) क्षेत्र को बढ़ावा देने वाला हब के रूप में तैयार करने का सरकार ने लक्ष्य बनाया है. यह एक ऐसा हब बनेगा जहां भारतीय फैबलेस स्टार्टअप और नई घरेलू कंपनियों को समर्थन मिलेगा. ये बातें इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/बीटी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ सीएन अश्वथा नारायण ने कही.

डॉ नारायण यहां IESA विजन समिट- 2021 के 16वें संस्करण में 'इंडियाज एक्सेलेरेटेड ESDM ग्रोथ - द डिफाइनिंग डिकेड' विषय पर एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में ESDM सेक्टर जिसका 16.1 प्रतिशत तक विस्तार होने का अनुमान है, उद्योगों को सुनहरा मौका लेकर आएगा इससे विश्व के लिए मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के उद्देश्य पूरे होंगे.

मंत्री ने कहा कि देश में ESDM क्षेत्र 2025 तक यूएस डॉलर 220 बिलियन तक पहुंच सकती है. इस क्षेत्र में एक हजार स्टार्ट-अप, दस हजार आईपी (Intellectual Properties) और दस लाख नियुक्तियां करने की क्षमता है.

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 2050 तक लगभग एक करोड़ रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं. भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के बढ़ने के ऊपर एग्रीटेक, मेडिकल डिवाइस, टेलीमेडिसिन, उद्योग 4.0, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष और रक्षा जैसे कई डोमेन और क्षेत्र निर्भर करते हैं.

उन्होंने बताया कि भारत में सौ से अधिक सेमीकंडक्टर डिजाइन सेवा कंपनियां मौजूद हैं, जो अपने वैश्विक ग्राहकों को सेमीकंडक्टर के डिजाइन की पेशकश करती हैं. इसे सेमीकंडक्टरों के डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभी और आगे जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इसे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई नीतिगत पहलों पर कार्य कर रही है तथा भरोसा करती है कि देश में सिलिकॉन और कंपाउंड सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण पर जोर दिया जाएगा.

उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार की क्षेत्र-विशिष्ट नीतिया हैं जिसमें इंजीनियरिंग आर एंड डी पॉलिसी, केडीईएम, बियॉंड बेंगलुरू व अन्य शामिल हैं.

इस अवसर पर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, उद्योग और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश, डिक्सन के उपाध्यक्ष और एमडी अतुल लाल, आंध्र प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री गौतम रेड्डी वक्ता के रूप में उपस्थित थे.

बेंगलुरू : कर्नाटक को इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (Indian Electronics And Semiconductor Association-IESA) इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (Electronic System Design & Manufacturing-ESDM) क्षेत्र को बढ़ावा देने वाला हब के रूप में तैयार करने का सरकार ने लक्ष्य बनाया है. यह एक ऐसा हब बनेगा जहां भारतीय फैबलेस स्टार्टअप और नई घरेलू कंपनियों को समर्थन मिलेगा. ये बातें इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/बीटी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ सीएन अश्वथा नारायण ने कही.

डॉ नारायण यहां IESA विजन समिट- 2021 के 16वें संस्करण में 'इंडियाज एक्सेलेरेटेड ESDM ग्रोथ - द डिफाइनिंग डिकेड' विषय पर एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में ESDM सेक्टर जिसका 16.1 प्रतिशत तक विस्तार होने का अनुमान है, उद्योगों को सुनहरा मौका लेकर आएगा इससे विश्व के लिए मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के उद्देश्य पूरे होंगे.

मंत्री ने कहा कि देश में ESDM क्षेत्र 2025 तक यूएस डॉलर 220 बिलियन तक पहुंच सकती है. इस क्षेत्र में एक हजार स्टार्ट-अप, दस हजार आईपी (Intellectual Properties) और दस लाख नियुक्तियां करने की क्षमता है.

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 2050 तक लगभग एक करोड़ रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं. भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के बढ़ने के ऊपर एग्रीटेक, मेडिकल डिवाइस, टेलीमेडिसिन, उद्योग 4.0, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष और रक्षा जैसे कई डोमेन और क्षेत्र निर्भर करते हैं.

उन्होंने बताया कि भारत में सौ से अधिक सेमीकंडक्टर डिजाइन सेवा कंपनियां मौजूद हैं, जो अपने वैश्विक ग्राहकों को सेमीकंडक्टर के डिजाइन की पेशकश करती हैं. इसे सेमीकंडक्टरों के डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभी और आगे जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इसे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई नीतिगत पहलों पर कार्य कर रही है तथा भरोसा करती है कि देश में सिलिकॉन और कंपाउंड सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण पर जोर दिया जाएगा.

उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार की क्षेत्र-विशिष्ट नीतिया हैं जिसमें इंजीनियरिंग आर एंड डी पॉलिसी, केडीईएम, बियॉंड बेंगलुरू व अन्य शामिल हैं.

इस अवसर पर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, उद्योग और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश, डिक्सन के उपाध्यक्ष और एमडी अतुल लाल, आंध्र प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री गौतम रेड्डी वक्ता के रूप में उपस्थित थे.

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