पटना/चेन्नई: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु सरकार के NSA लगाने के फैसले को राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने मंजूरी नहीं दी है. शुक्रवार को राजभवन से जारी प्रेस नोट में यह जानकारी दी गयी. उस खबर का खंडन किया गया जिसमें बताया जा रहा था कि मनीष कश्यप पर NSA लगाने के लिए राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है. अब मनीष को एक साल तक जेल में रहना पड़ेगा.
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कार्रवाई की चेतावनीः तमिलनाडु राजभवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि "हमारे संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया में यह संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि तमिलनाडु के माननीय राज्यपाल ने बिहार के एक व्यक्ति के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई को मंजूरी दी है. यह स्पष्ट किया जाता है कि सूचना सत्य नहीं है. माननीय राज्यपाल ने स्वयं किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम स्वीकृत नहीं किया है. हम नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसे असत्यापित फॉरवर्ड या सामग्री को साझा/प्रचारित ना करें. झूठी और भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी".
क्या है पूरा मामला?: दरअसल मार्च महीने में तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों के साथ मारपीट का दावा करते हुए मनीष कश्यप के यूट्यूब चैनल और ट्विटर हैंडल से कई वीडियो पोस्ट किए गए थे. इसी को लेकर उनके खिलाफ बिहार और तमिलनाडु में कई केस दर्ज हुए हैं. मनीष ने बाद में 18 मार्च को पश्चिम चंपारण जिले के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर कर दिया था. पहले बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने उनके कई दिनों तक पूछताछ की, फिर मदुरै पुलिस उसे अपने साथ तमिलनाडु लेते आई. 12 अप्रैल को मनीष पर रासुका लगा दिया गया.