नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को दवा उद्योग के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से जुड़े परिचालन दिशानिर्देश जारी किए. इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र में निवेश और उत्पादन बढ़ाकर भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है.
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि औषधि विभाग ने दवा उद्योग के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी. इसके तहत 15,000 करोड़ रुपये के व्यय की मंजूरी दी गई है.
इसमें कहा गया है, 'इसमें उन इकाइयों को वैश्विक चैंपियन बनाने की परिकल्पना की गई है जिनमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके आकार और पैमाने में बढ़ने की क्षमता है...'
कंपनियां कर सकती हैं आवेदन
मंत्रालय के अनुसार दवा उद्योग और सरकार से जुड़े संबद्ध पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर योजना के लिए परिचालन दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं. इस दिशानिर्देश को मंगलवार को जारी कर दिया गया है. योजना के तहत कंपनियां अब आवेदन दे सकती हैं.
बयान में कहा गया है कि आवेदकों के वित्त वर्ष 2019-20 के वैश्विक विनिर्माण राजस्व के आधार पर तीन समूह में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इस योजना के तहत एमएसएमई के लिए एक अलग श्रेणी रखी गई है.
मंत्रालय के अनुसार आवेदन दो जून, 2021 से 31 जुलाई, 2021 तक दिए जा सकते हैं. यानी क्षेत्र की कंपनियों के लिए आवेदन देने को लेकर 60 दिन का समय दिया गया है.
बयान में कहा गया है, 'योजना के तहत आनेवाले उत्पादों में फार्मुलेशंस, जैव औषधि, दवाओं में कच्चे माल के रूप में उपयोग होने वाले रसायन (एपीआई), दवा उद्योग से संबद्ध शुरुआती प्रमुख सामग्री, दवा मध्यस्थ, चिकित्सा जांच से जुड़े उपकरण आदि शामिल हैं.'
55 आवेदकों का चयन किया जाएगा
योजना के तहत अधिकतम 55 आवेदकों का चयन किया जाएगा. एक आवेदक एक ही आवेदन के माध्यम से एक से अधिक उत्पादों के लिए आवेदन कर सकता है. आवेदक द्वारा आवेदन किए गए उत्पाद तीन श्रेणियों में से किसी में भी हो सकते हैं.
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मंत्रालय के अनुसार श्रेणी-1 और श्रेणी-2 के उत्पादों पर 10 प्रतिशत का प्रोत्साहन और श्रेणी-3 के उत्पादों के मामले में बढ़ी हुई बिक्री का 5 प्रतिशत प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है.
(पीटीआई-भाषा)