नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र अपनी नई 'गति शक्ति योजना' के तहत अगले चार से पांच वर्षों के दौरान 500 'मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल' बनाने के लिए करीब 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
उन्होंने बताया कि ये मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल (बहु-स्तरीय मालवाहक टर्मिनल) ऐसी जगहों पर होंगे जहां परिवहन के विभिन्न साधनों- सड़क, जलमार्ग, वायुमार्ग या अन्य साधन- को रेलवे टर्मिनल के साथ एकीकृत किया जाएगा.
वैष्णव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'इसके (मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल) जरिए कोयला, स्टील, बॉक्साइट, एल्यूमीनियम, चूना पत्थर और सीमेंट जैसे थोक मात्रा वाले माल की ढुलाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसके साथ ही पार्सल सेवाओं के लिए अन्य सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी.'
मंत्री ने कहा कि उदाहरण के लिए, जब भी नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का कार्य शुरू होगा तो पार्सल सेवाओं के लिए एक एकीकृत सुविधा स्थापित की जाएगी.
वैष्णव ने कहा, ' ऐसा इसलिए है क्योंकि एक बड़े शहर में बड़ी मात्रा में पार्सल आते और जाते हैं. ऐसे में यदि पार्सल एक केंद्रीय स्थान तक पहुंच सकते हैं, तो इसे कम कीमत पर आगे भेजे जाने वाले अन्य स्थानों पर वितरित किया जा सकता है.'
पढ़ें :- पीएम मोदी ने लॉन्च किया 'गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान', अब योजनाएं ना लटकेंगी, ना अटकेंगी
रेल मंत्री ने कहा कि इसी सोच के साथ गति शक्ति कार्यक्रम के तहत कम से कम 500 मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी' के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है. मोदी ने योजना की शुरूआत के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का लक्ष्य 'लॉजिस्टिक्स' की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना और कार्यान्वयन को तेज करना है.