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श्रीनगर में दो मार्गों पर मुहर्रम के पारंपरिक मातमी जुलूस की अनुमति देने पर सरकार गंभीर

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में कई दशकों से दो मार्गों पर लगे मुहर्रम पर प्रतिबंधित जुलुसों को फिर से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. मंडलायुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने इस मामले पर जानकारी दी है.

Muharram's traditional mourning procession
मुहर्रम के पारंपरिक मातमी जुलूस
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Published : Jul 25, 2023, 8:09 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 10:22 AM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस को लेकर प्रशासन की ओर एक बड़ा बयान आया है. मंडलायुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन पारंपरिक मातमी जुलूसों पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध को हटाने को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि सरकार श्रीनगर जिले के दो मार्गों से मुहर्रम के जुलूसों पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है. उन्होंने शिया समुदाय से जुलूस में शामिल होने वाले लोगों की संख्या के बारे में जिला प्रशासन को ब्योरा देने को कहा है. अब गेंद शिया समुदाय के पाले में है.

श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, बिधूड़ी ने कहा कि श्रीनगर में दो मार्गों पर मुहर्रम जुलूसों पर प्रतिबंध हटाने के संबंध में कई बैठकें की गईं. जानकारी के अनुसार जुलूसों पर ये प्रतिबंध दशकों पहले लगाए गए थे, क्योंकि इसके पीछे कुछ मुद्दे हो सकते हैं.

हम प्रतिबंध हटाने को लेकर गंभीर हैं और फिलहाल गेंद शिया समुदाय के पाले में है. सिया समुदाय से इस बात की जानकारी मांगी जा रही है कि जुलूस में कितने लोग भाग ले रहे हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन कई दिनों से श्रीनगर में 8 और 10 मुहर्रम पर पारंपरिक और ऐतिहासिक शोक जुलूस निकालने की अनुमति पर विचार कर रहा है.

इस जुलूस पर 90 के दशक की शुरुआत में सशस्त्र विद्रोह शुरू होने के बाद से ही प्रतिबंध लगा दिया गया है. गौरतलब है कि मुहर्रम के दौरान जनाजे और खासकर 8 मुहर्रम और 10 मुहर्रम के मातम जुलूस की इजाजत को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन और शिया नेताओं के बीच हाल ही में कई बैठकें हुई थीं.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस को लेकर प्रशासन की ओर एक बड़ा बयान आया है. मंडलायुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन पारंपरिक मातमी जुलूसों पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध को हटाने को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि सरकार श्रीनगर जिले के दो मार्गों से मुहर्रम के जुलूसों पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है. उन्होंने शिया समुदाय से जुलूस में शामिल होने वाले लोगों की संख्या के बारे में जिला प्रशासन को ब्योरा देने को कहा है. अब गेंद शिया समुदाय के पाले में है.

श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, बिधूड़ी ने कहा कि श्रीनगर में दो मार्गों पर मुहर्रम जुलूसों पर प्रतिबंध हटाने के संबंध में कई बैठकें की गईं. जानकारी के अनुसार जुलूसों पर ये प्रतिबंध दशकों पहले लगाए गए थे, क्योंकि इसके पीछे कुछ मुद्दे हो सकते हैं.

हम प्रतिबंध हटाने को लेकर गंभीर हैं और फिलहाल गेंद शिया समुदाय के पाले में है. सिया समुदाय से इस बात की जानकारी मांगी जा रही है कि जुलूस में कितने लोग भाग ले रहे हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन कई दिनों से श्रीनगर में 8 और 10 मुहर्रम पर पारंपरिक और ऐतिहासिक शोक जुलूस निकालने की अनुमति पर विचार कर रहा है.

इस जुलूस पर 90 के दशक की शुरुआत में सशस्त्र विद्रोह शुरू होने के बाद से ही प्रतिबंध लगा दिया गया है. गौरतलब है कि मुहर्रम के दौरान जनाजे और खासकर 8 मुहर्रम और 10 मुहर्रम के मातम जुलूस की इजाजत को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन और शिया नेताओं के बीच हाल ही में कई बैठकें हुई थीं.

Last Updated : Jul 26, 2023, 10:22 AM IST
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