हैदराबाद : आधिकारिक रूप से गूगल अपना जन्म दिन 27 सितंबर को मनाता है. लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन एक कंपनी के तौर पर चार सितंबर 1998 को कराया गया था. इसी साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो छात्रों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अपना रिसर्च पेपर सबमिट किया था. शुरुआत एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तौर पर की गई थी.
रिसर्च पेपर में उन्होंने लिखा था कि उन्होंने एक सर्ज इंजन बनाने की कोशिश की है. इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सर्च इंजन के रूप में किया जा सकता है. उन्होंने लिखा कि उनका मकसद दुनिया भर की जानकारी को एकत्रित कर सबके लिए उपलब्ध करवाना है.
उस समय इनका सर्च इंजन वर्ल्ड वाइड वेब पर अलग-अलग पेजों को निर्धारित करने के लिए लिंक का उपयोग किया करता था.
लैरी और सर्गेई ने गूगल डॉट स्टैन्फोर्ड डॉट एडीयू एड्रेस पर अपना इंटरनेट सर्च इंजन बनाया था. हालांकि उस समय इसका नाम गूगल नहीं, बल्कि बैकरब (बीएसीकेआरयूबी) रखा गया था. बाद में इसका नाम गूगल रखा गया. यानी गूगल पहले बैकरब के नाम से जानी जाती थी.
सर्च इंजन गूगल का नाम पड़ने के पीछे गणित का एक शब्द Googol है. इस शब्द का मतलब 1 के बाद 100 जीरो से है.
15 सितंबर 1995 को उन्होंने गूगल डॉट कॉम का डोमेन रजिस्टर्ड करवाया. चार सितंबर 1998 से गूगल को कंपनी के तौर पर रजिस्टर करवाया गया.
इसी साल यानी 1998 में ही लैरी और सर्गेई को सन (एसयूएन) के सह संस्थापक एंडी बेकतोलशाइम ने एक लाख डॉलर की मदद की थी. इसके बाद गूगल का नाम गूगल इंक बना.
इन पैसों से ही गूगल का ऑफिस कैलिफोर्निया में बना. शुरुआती दौर में इसका ऑफिस एक गैराज में खोला गया था.
गैराज के मालिक सुजन वोचेस्की भी गूगल के कर्मचारी बन गए थे. सुजन अभी यूट्यूब की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.
जैसे-जैसे कंपनी का काम बढ़ा, उसका ऑफिस कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में खोला गया. बिल्डिंग का नाम गूगल प्लेक्स रखा गया. आज की तारीख में गूगल 100 से अधिक भाषाओं में ऑपरेट की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गूगल दुनिया की चार सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है. आमेजन, एप्पल और फेसबुक के साथ गूगल का भी नाम आता है. गूगल की मदर कंपनी का नाम अल्फाबेट है. इसका वैल्यू 137 बिलियन डॉलर है.
मई 2011 में गूगल एक अरब यूनीक यूजर्स वाली साइट बन गई थी.
सर्च इंजन के अलावा गूगल की अन्य सेवाओं में - जीमेल, गूगल प्लस, गूगल क्रोम ब्राउजर, फोन सेवा शामिल है.