नई दिल्ली : एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) ने गुरुवार को दावा किया कि गूगल भारत में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ( CCI ) के आदेशों की घोर अवहेलना कर रहा है, ऐप डेवलपर्स से 11-26 प्रतिशत कमीशन वसूल रहा है. Google ने हाल ही में ऐप डेवलपर्स के लिए अपनी बिलिंग आवश्यकता में बदलाव किया है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि यदि कोई उपयोगकर्ता वैकल्पिक बिलिंग प्रणाली के माध्यम से भुगतान करता है, तो गूगल प्ले सेवा शुल्क 4 प्रतिशत कम हो जाएगा.
जबकि Google द्वारा एक वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम की अनुमति दी जाएगी, यह डेवलपर्स से सेवा शुल्क लेना जारी रखेगा जो सामान्य सेवा से 4 प्रतिशत कम होगा, जो उपयोगकर्ता द्वारा गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम ( GPBS ) विकल्प का लाभ उठाने पर लिया जाएगा - ADIF ने कहा कि उपयोगकर्ता की पसंद के तहत कमीशन की दर 11 प्रतिशत या 26 प्रतिशत होगी. The Alliance of Digital India Foundation ने एक बयान में कहा, "इसलिए, गूगल की किसी भी सेवा का उपयोग नहीं करने के बावजूद ऐप डेवलपर्स को गूगल को कमीशन देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा." Google forcing to pay commission .
![Google defying CCI orders Google forcing to pay commission](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17835049_76532310rb.jpg)
दायित्व से बचने के लिए गूगल का प्रयास
गूगल द्वारा दावा किया गया कि बदलाव भारत में विनियामक विकास के जवाब में है, जो सीसीआई के आदेशों को संदर्भित करता है. ADIF ने कहा, "यह कानून के तहत अपने दायित्व से बचने के लिए गूगल द्वारा एक और जबरदस्त प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है और जबकि गूगल का दावा है कि ये परिवर्तन विनियामक विकास के जवाब में स्पष्ट रूप से हैं, उक्त परिवर्तन उउक आदेश में उल्लिखित उपायों का घोर उल्लंघन है." Google defying CCI orders .
गूगल को कमीशन देने के लिए मजबूर
ADIF ने पिछले साल अक्टूबर में गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जो कि अपनी प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के अलावा एक संघर्ष विराम आदेश जारी करने के लिए था. आयोग ने गूगल को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने आचरण को संशोधित करने का भी निर्देश दिया. एडीआईएफ के मुताबिक, गूगल की किसी भी सेवा का उपयोग नहीं करने के बावजूद ऐप डेवलपर्स को गूगल को कमीशन देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
एडीआईएफ ने कहा, "यह CCI के एक विशिष्ट निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है कि गूगल ऐप डेवलपर्स पर कोई शर्त (मूल्य संबंधी शर्त सहित) नहीं लगाएगा, जो ऐप डेवलपर्स को प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए अनुचित, अनुचित, भेदभावपूर्ण या असंगत है." इसके अलावा, इस बात में बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है कि उपयोगकर्ता द्वारा तृतीय-पक्ष प्रसंस्करण सेवा का लाभ उठाने पर भी गूगल 11-26 प्रतिशत शुल्क क्यों लेगा. इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने गूगल द्वारा अदालत के 19 जनवरी के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और तकनीकी दिग्गज को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपनी आपत्तियां उठाने के लिए कहा.
(This is an agency copy and not edited by Etv Bharat ) (आईएएनएस)
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