पटना : कोरोना महामारी से आतंकित लोग बड़ी संख्या में अपने गृह नगर लौट रहे हैं. इन्हीं लोगों में प्रवासी श्रमिक भी शामिल हैं. श्रमिक बड़ी संख्या में अपने गृह प्रदेश बिहार लौट रहे हैं. इसी बीच प्रदेश का श्रम संसाधन विभाग आयुष्मान भारत योजना के तहत 15 लाख श्रमिकों का गोल्डन कार्ड बनाने की तैयारी में है. एक मई के दिन मजदूर दिवस के अवसर पर इस योजना की शुरुआत की जाएगी.
प्रवासी मजदूरी को दोहरा लाभ
नीतीश सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने बताया कि राज्य के सभी बीपीएल परिवारों को गोल्डन कार्ड का लाभ दिया जाएगा. साथ ही वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण काल में दूसरे राज्यों से प्रदेश लौट रहे प्रवासियों का भी गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण किया जाए और उनका गोल्डन कार्ड बनाया जाए. 15 लाख प्रवासियों का गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य पूरा करने के लिए जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी गई है.
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आधार लिंक करना जरूरी
उन्होंने बताया कि जिन पंजीकृत मजदूरों का आधार नंबर लिंक है, उन्हें योजना का लाभ मिलेगा. जिन मजदूरों ने ऑफलाइन पंजीकरण कराया है. उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए अपने आधार नंबर को लिंक कराना होगा. जिन लोगों ने फर्जी तरीके से पंजीकरण कराया है, उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा. बीमा कंपनी को श्रम संसाधन विभाग की ओर से राशि का भुगतान किया जाएगा.
वसुधा केंद्र के माध्यम से कर सकेंगे अप्लाई
पंजीकृत श्रमिक वसुधा केंद्र के माध्यम से गोल्डन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकेंगे. इसके लिए पंजीकृत प्रमाणपत्र और आधार कार्ड देना होगा. जिसके बाद विभागीय जांच होगी. सही पाए जाने पर श्रमिक को गोल्डन कार्ड जारी किया जाएगा और विभाग के साइट पर अपलोड किया जाएगा.
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क्या है आयुष्मान भारत योजना
14 अप्रैल, 2018 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया था. इसके तहत पूरे देश के बीपीएल परिवारों का गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है.