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'टिकट के लिए सिर्फ पर्रिकर का पुत्र होना ही पर्याप्त नहीं', फडणवीस के इस बयान पर भड़के उत्पल पर्रिकर

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों (five state vidhan sabha chunav)का एलान होने के साथ ही सभी दलों के नेता मोर्चाबंदी करने में जुटे हैं. गोवा विधानसभा चुनाव (goa assembly elections 2022) के लिए 14 फरवरी को वोटिंग होनी है. राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा के लिए विधायकों को एकजुट रखना सबसे बड़ी चुनौती है. दिग्गज भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद उनके पुत्र उत्पल (Manohar parrikar son utpal) पर्रिकर और भाजपा (utpal parrikar bjp rift) के बीच तनातनी की खबरें अक्सर सुर्खियों में रही हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि केवल पर्रिकर का पुत्र होना भाजपा की टिकट हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं (Utpal Parrikar goa election ticket) हो सकता. ताजा घटनाक्रम में गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उत्पल पर्रिकर के संपर्क में है और इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

Pramod Sawant Fadnavis Utpal Parrikar
प्रमोद सावंत फडणवीस उत्पल पर्रिकर
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Published : Jan 16, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 9:23 PM IST

पणजी : गोवा विधानसभा चुनाव (goa assembly elections 2022) में अब एक महीने से भी कम वक्त बाकी है. भाजपा नेताओं-विधायकों का असंतोष एक ओर जहां पार्टी की किरकिरी करा रहा है तो दूसरी ओर 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में उसके लिए मुश्किलें भी खड़ी करता दिख रहा है. दरअसल, दिवंगत मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर (Manohar parrikar son utpal) और भाजपा के बीच तनातनी की खबरें हैं. गोवा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रदेश प्रभारी बनाए गए देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सिर्फ पर्रिकर के पुत्र होने के कारण किसी को भाजपा टिकट देगी, इस बात की कोई गारंटी नहीं (Utpal Parrikar goa election ticket) है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भरोसा जताया है कि उत्पल पर्रिकर के साथ भाजपा मुद्दे को जल्द सुलझा लेगी. उत्पल पर्रिकर ने भाजपा से सवाल किया है कि पार्टी ईमानदारी और चरित्र में विश्वास करती है या नहीं?

दरअसल, पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर का 17 मई, 2019 को निधन हो गया था. उनके निधन के बाद गोवा भाजपा में नेतृत्व को लेकर कई कयास लगाए गए, लेकिन प्रमोद सावंत के सीएम बनने के बाद अटकलों और तनातनी पर एक तरीके का विराम लग गया. विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में अंदरुनी तनाव की खबरें सामने आ रही हैं.

पर्रिकर ने भाजपा के लिए किया काम
बता दें कि फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि पार्टी 14 फरवरी को होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव के लिए किसी को सिर्फ इसलिए टिकट नहीं दे सकती क्योंकि वह एक नेता का बेटा है. उनकी टिप्पणी को उत्पल पर्रिकर के संदर्भ में देखा गया. उत्पल पणजी विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट पाने का प्रयास कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा, मनोहर पर्रिकर ने गोवा में बीजेपी को स्थापित करने के लिए काफी काम किया. लेकिन सिर्फ इसलिए कि आप मनोहर पर्रिकर के या किसी के बेटे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बीजेपी का टिकट मिल जाएगा. उन्होंने कहा, अगर भाजपा के लिए किए गए काम दिखाए जाएं, तो पार्टी टिकट के बारे में सोचेगी. इस बारे में कोई फैसला मैं अकले नहीं संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.

फडणवीस ने उत्पल पर्रिकर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हालिया बैठक पर टिप्पणी करने से भी परहेज किया. मुझे नहीं पता कि उत्पल (पर्रिकर) और अमित शाह के बीच बैठक में क्या हुआ. मैं तभी कुछ बोल सकता हूं जब मुझे पता हो कि बैठक में क्या हुआ ?

उत्पल की प्रतिक्रिया
फडणवीस के बयान के बाद उत्पल ने कहा, 'मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं और देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेता ने जो कहा है उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन, अगर मैं सिर्फ इसलिए टिकट मांगना चाहता हूं कि मैं (दिवंगत) मनोहर पर्रिकर का बेटा हूं, तो मैंने आखिरी बार (पर्रिकर के निधन के बाद उपचुनाव के दौरान) इसकी मांग की होगी.'

सीएम सावंत आश्वस्त
इसी बीच समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व उत्पल पर्रिकर की अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा से अवगत है और उनके संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, उत्पल पणजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते (Panaji seat utpal parrikar goa election) हैं और केंद्रीय नेतृत्व इसके बारे में पूरी तरह से अवगत है. वह उत्पल के संपर्क में हैं और वे इसका समाधान निकालेंगे.

भाजपा में कोई असंतोष नहीं
उत्पल पर्रिकर के भाजपा टिकट वितरण प्रक्रिया के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, वह (उत्पल) ऐसे काल्पनिक मुद्दे उठा रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं है और मुझे विश्वास है कि इसे हल कर लिया जाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि उत्पल पर्रिकर को विश्वास में लेकर पार्टी नेतृत्व इस मसले का समाधान कर लेगा. उन्होंने यह भी कहा कि गोवा भाजपा में कोई असंतोष नहीं है और जो लोग हाल के दिनों में पार्टी छोड़ चुके हैं ये वही लोग है जिन्होंने अपने परिजनों के लिए टिकट की मांग की थी. इसे ठुकराए जाने के बाद ही वे पार्टी छोड़कर गए है. इसमें उनके कैबिनेट सहयोगी भी शामिल हैं.

गोवा में भाजपा विधायकों के इस्तीफे

भाजपा में असहमति से जुड़े सवाल पर सीएम प्रमोद सावंत ने कहा पार्टी में कोई असहमति नहीं है. मेरे सहयोगी माइकल लोबो ने पार्टी छोड़ दी है. भारतीय जनता पार्टी 'राष्ट्र पहले', 'राज्य पहले', 'लोग पहले' की नीति में विश्वास करती है लेकिन लोबो के लिए यह 'पत्नी पहले' है. वह (लोबो) अपनी पत्नी के लिए टिकट चाहते थे और भाजपा केवल एक परिवार को बढ़ावा देने के इस दर्शन में विश्वास नहीं करती है. उन्होंने पार्टी छोड़ दी और इसका हमारी चुनावी संभावना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

केजरीवाल का बयान
सियासी सरगर्मियों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर उनकी पार्टी में शामिल होना चाहें तो उनका स्वागत है. केजरीवाल ने कहा, 'मैं मनोहर पर्रिकर का सम्मान करता हूं. अगर उनके पुत्र आम आदमी पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हों तो उनका स्वागत है.'

मनोहर पर्रिकर की सीट
खबरों के मुताबिक उत्पल पर्रिकर पणजी विधानसभा क्षेत्र (Panaji seat utpal parrikar goa election) से भाजपा का टिकट लेने के लिए प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने इसे कोई खास तवज्जो नहीं दी है. इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके पिता ने दो दशक से अधिक समय तक किया था. बता दें कि पणजी विधानसभा सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है और अतानासियो मोनसेराते इस सीट से विधायक (BJP MLA Atanasio Monserrate) हैं.

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पणजी विधानसभा सीट से विधायक अतानासियो मोनसेराते (फाइल फोटो)

38 सीटों पर लड़ेगी भाजपा
गोवा विधानसभा चुनाव के बारे में यह भी दिलचस्प है कि सत्ताधारी भाजपा ने 40 में से 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि दो विधानसभा क्षेत्रों - बेनालिम और नुवेम में पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी. भाजपा पदाधिकारी ने कहा, 'उम्मीदवारों के बारे में औपचारिक घोषणा 16 जनवरी के बाद की जाएगी, जब पार्टी का संसदीय बोर्ड सूची को मंजूरी देगा.'

यह भी पढ़ें- Goa Assembly elections : 40 में से 38 सीटों पर लड़ेगी भाजपा

बता दें कि गोवा चुनावों के लिए पार्टी के प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसमें भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सदानंद शेत तानावड़े, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी शामिल हैं.भाजपा वर्तमान में गोवा में अपने 23 विधायकों के साथ शासन कर रही है क्योंकि चार विधायकों - माइकल लोबो, अलीना सल्दान्हा, कार्लोस अल्मेडा और प्रवीण जांटे - ने पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया.

दो सीटों पर भाजपा उम्मीदवार नहीं
बता दें कि बेनालिम और नुवेम विधानसभा क्षेत्र के लोग परंपरागत रूप से गैर-भाजपाई उम्मीदवारों के लिये मतदान करते हैं. यह दोनों ईसाई बहुल सीटें हैं. फिलहाल बेनालिम का प्रतिनिधित्व चर्चिल अलेमाओ करते हैं जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद पिछले महीने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे. वहीं नुवेम का प्रतिनिधित्व विल्फ्रेड डीसा करते हैं जिन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे.

2019 में बोले उत्पल, पिता 25 साल तक रहे, सीट बरकरार रखना जरूरी
बता दें कि अप्रैल, 2019 में भाजपा ने सिद्धार्थ कुनकालिंकर को पणजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. इस पर उत्पल पर्रिकर ने कहा था कि मेरे पिता ने इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 25 से अधिक वर्षों तक किया. इसलिए यह जरूरी है कि हम इसे बरकरार रखें. पणजी सीट पर उपचुनाव में सिद्धार्थ कुनकालिंकर को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर उत्पल ने कहा था, 'मैं पहले दिन से कह रहा था कि मैं पार्टी द्वारा तय किए गए उम्मीदवार के पक्ष में काम करूंगा. उत्पल ने खुद को कैंडिडेट बनाए जाने को लेकर कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं की वजह से मेरा नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया था, लेकिन पार्टी ने सिद्धार्थ कुंकालिंकर को मैदान में उतारने का फैसला किया है. मेरी पार्टी प्रचार करेगी. जीतने के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं करूंगा.

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2019 में दिया गया उत्पल का बयान

गोवा का सियासी समीकरण
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी जैसे पारंपरिक प्रतियोगी चुनाव मैदान में होंगे. इनके अलावा, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) गोवा की राजनीति में प्रवेश करने वाली नई पार्टी है. कांग्रेस ने पहले ही जीएफपी के साथ अपने चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा कर दी है, जबकि टीएमसी ने आगामी चुनावों के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठबंधन किया है.

यह भी पढ़ें- गोवा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला : चिदंबरम

पिछले चुनाव का नतीजा
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा के लिए 2017 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस गोवा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और उसने 40 सदस्यीय सदन में 17 सीटें जीती थीं. हालांकि, वह तब सरकार बनाने में विफल रही थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए कुछ निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर लिया था. पर्रिकर का 2019 में निधन हो गया. भाजपा के प्रमोद सावंत वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं.

(एजेंसी इनपुट)

पणजी : गोवा विधानसभा चुनाव (goa assembly elections 2022) में अब एक महीने से भी कम वक्त बाकी है. भाजपा नेताओं-विधायकों का असंतोष एक ओर जहां पार्टी की किरकिरी करा रहा है तो दूसरी ओर 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में उसके लिए मुश्किलें भी खड़ी करता दिख रहा है. दरअसल, दिवंगत मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर (Manohar parrikar son utpal) और भाजपा के बीच तनातनी की खबरें हैं. गोवा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रदेश प्रभारी बनाए गए देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सिर्फ पर्रिकर के पुत्र होने के कारण किसी को भाजपा टिकट देगी, इस बात की कोई गारंटी नहीं (Utpal Parrikar goa election ticket) है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भरोसा जताया है कि उत्पल पर्रिकर के साथ भाजपा मुद्दे को जल्द सुलझा लेगी. उत्पल पर्रिकर ने भाजपा से सवाल किया है कि पार्टी ईमानदारी और चरित्र में विश्वास करती है या नहीं?

दरअसल, पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर का 17 मई, 2019 को निधन हो गया था. उनके निधन के बाद गोवा भाजपा में नेतृत्व को लेकर कई कयास लगाए गए, लेकिन प्रमोद सावंत के सीएम बनने के बाद अटकलों और तनातनी पर एक तरीके का विराम लग गया. विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में अंदरुनी तनाव की खबरें सामने आ रही हैं.

पर्रिकर ने भाजपा के लिए किया काम
बता दें कि फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि पार्टी 14 फरवरी को होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव के लिए किसी को सिर्फ इसलिए टिकट नहीं दे सकती क्योंकि वह एक नेता का बेटा है. उनकी टिप्पणी को उत्पल पर्रिकर के संदर्भ में देखा गया. उत्पल पणजी विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट पाने का प्रयास कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा, मनोहर पर्रिकर ने गोवा में बीजेपी को स्थापित करने के लिए काफी काम किया. लेकिन सिर्फ इसलिए कि आप मनोहर पर्रिकर के या किसी के बेटे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बीजेपी का टिकट मिल जाएगा. उन्होंने कहा, अगर भाजपा के लिए किए गए काम दिखाए जाएं, तो पार्टी टिकट के बारे में सोचेगी. इस बारे में कोई फैसला मैं अकले नहीं संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.

फडणवीस ने उत्पल पर्रिकर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हालिया बैठक पर टिप्पणी करने से भी परहेज किया. मुझे नहीं पता कि उत्पल (पर्रिकर) और अमित शाह के बीच बैठक में क्या हुआ. मैं तभी कुछ बोल सकता हूं जब मुझे पता हो कि बैठक में क्या हुआ ?

उत्पल की प्रतिक्रिया
फडणवीस के बयान के बाद उत्पल ने कहा, 'मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं और देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेता ने जो कहा है उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन, अगर मैं सिर्फ इसलिए टिकट मांगना चाहता हूं कि मैं (दिवंगत) मनोहर पर्रिकर का बेटा हूं, तो मैंने आखिरी बार (पर्रिकर के निधन के बाद उपचुनाव के दौरान) इसकी मांग की होगी.'

सीएम सावंत आश्वस्त
इसी बीच समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व उत्पल पर्रिकर की अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा से अवगत है और उनके संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, उत्पल पणजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते (Panaji seat utpal parrikar goa election) हैं और केंद्रीय नेतृत्व इसके बारे में पूरी तरह से अवगत है. वह उत्पल के संपर्क में हैं और वे इसका समाधान निकालेंगे.

भाजपा में कोई असंतोष नहीं
उत्पल पर्रिकर के भाजपा टिकट वितरण प्रक्रिया के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, वह (उत्पल) ऐसे काल्पनिक मुद्दे उठा रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं है और मुझे विश्वास है कि इसे हल कर लिया जाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि उत्पल पर्रिकर को विश्वास में लेकर पार्टी नेतृत्व इस मसले का समाधान कर लेगा. उन्होंने यह भी कहा कि गोवा भाजपा में कोई असंतोष नहीं है और जो लोग हाल के दिनों में पार्टी छोड़ चुके हैं ये वही लोग है जिन्होंने अपने परिजनों के लिए टिकट की मांग की थी. इसे ठुकराए जाने के बाद ही वे पार्टी छोड़कर गए है. इसमें उनके कैबिनेट सहयोगी भी शामिल हैं.

गोवा में भाजपा विधायकों के इस्तीफे

भाजपा में असहमति से जुड़े सवाल पर सीएम प्रमोद सावंत ने कहा पार्टी में कोई असहमति नहीं है. मेरे सहयोगी माइकल लोबो ने पार्टी छोड़ दी है. भारतीय जनता पार्टी 'राष्ट्र पहले', 'राज्य पहले', 'लोग पहले' की नीति में विश्वास करती है लेकिन लोबो के लिए यह 'पत्नी पहले' है. वह (लोबो) अपनी पत्नी के लिए टिकट चाहते थे और भाजपा केवल एक परिवार को बढ़ावा देने के इस दर्शन में विश्वास नहीं करती है. उन्होंने पार्टी छोड़ दी और इसका हमारी चुनावी संभावना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

केजरीवाल का बयान
सियासी सरगर्मियों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर उनकी पार्टी में शामिल होना चाहें तो उनका स्वागत है. केजरीवाल ने कहा, 'मैं मनोहर पर्रिकर का सम्मान करता हूं. अगर उनके पुत्र आम आदमी पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हों तो उनका स्वागत है.'

मनोहर पर्रिकर की सीट
खबरों के मुताबिक उत्पल पर्रिकर पणजी विधानसभा क्षेत्र (Panaji seat utpal parrikar goa election) से भाजपा का टिकट लेने के लिए प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने इसे कोई खास तवज्जो नहीं दी है. इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके पिता ने दो दशक से अधिक समय तक किया था. बता दें कि पणजी विधानसभा सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है और अतानासियो मोनसेराते इस सीट से विधायक (BJP MLA Atanasio Monserrate) हैं.

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पणजी विधानसभा सीट से विधायक अतानासियो मोनसेराते (फाइल फोटो)

38 सीटों पर लड़ेगी भाजपा
गोवा विधानसभा चुनाव के बारे में यह भी दिलचस्प है कि सत्ताधारी भाजपा ने 40 में से 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि दो विधानसभा क्षेत्रों - बेनालिम और नुवेम में पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी. भाजपा पदाधिकारी ने कहा, 'उम्मीदवारों के बारे में औपचारिक घोषणा 16 जनवरी के बाद की जाएगी, जब पार्टी का संसदीय बोर्ड सूची को मंजूरी देगा.'

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बता दें कि गोवा चुनावों के लिए पार्टी के प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसमें भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सदानंद शेत तानावड़े, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी शामिल हैं.भाजपा वर्तमान में गोवा में अपने 23 विधायकों के साथ शासन कर रही है क्योंकि चार विधायकों - माइकल लोबो, अलीना सल्दान्हा, कार्लोस अल्मेडा और प्रवीण जांटे - ने पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया.

दो सीटों पर भाजपा उम्मीदवार नहीं
बता दें कि बेनालिम और नुवेम विधानसभा क्षेत्र के लोग परंपरागत रूप से गैर-भाजपाई उम्मीदवारों के लिये मतदान करते हैं. यह दोनों ईसाई बहुल सीटें हैं. फिलहाल बेनालिम का प्रतिनिधित्व चर्चिल अलेमाओ करते हैं जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद पिछले महीने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे. वहीं नुवेम का प्रतिनिधित्व विल्फ्रेड डीसा करते हैं जिन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे.

2019 में बोले उत्पल, पिता 25 साल तक रहे, सीट बरकरार रखना जरूरी
बता दें कि अप्रैल, 2019 में भाजपा ने सिद्धार्थ कुनकालिंकर को पणजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. इस पर उत्पल पर्रिकर ने कहा था कि मेरे पिता ने इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 25 से अधिक वर्षों तक किया. इसलिए यह जरूरी है कि हम इसे बरकरार रखें. पणजी सीट पर उपचुनाव में सिद्धार्थ कुनकालिंकर को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर उत्पल ने कहा था, 'मैं पहले दिन से कह रहा था कि मैं पार्टी द्वारा तय किए गए उम्मीदवार के पक्ष में काम करूंगा. उत्पल ने खुद को कैंडिडेट बनाए जाने को लेकर कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं की वजह से मेरा नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया था, लेकिन पार्टी ने सिद्धार्थ कुंकालिंकर को मैदान में उतारने का फैसला किया है. मेरी पार्टी प्रचार करेगी. जीतने के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं करूंगा.

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2019 में दिया गया उत्पल का बयान

गोवा का सियासी समीकरण
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी जैसे पारंपरिक प्रतियोगी चुनाव मैदान में होंगे. इनके अलावा, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) गोवा की राजनीति में प्रवेश करने वाली नई पार्टी है. कांग्रेस ने पहले ही जीएफपी के साथ अपने चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा कर दी है, जबकि टीएमसी ने आगामी चुनावों के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठबंधन किया है.

यह भी पढ़ें- गोवा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला : चिदंबरम

पिछले चुनाव का नतीजा
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा के लिए 2017 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस गोवा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और उसने 40 सदस्यीय सदन में 17 सीटें जीती थीं. हालांकि, वह तब सरकार बनाने में विफल रही थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए कुछ निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर लिया था. पर्रिकर का 2019 में निधन हो गया. भाजपा के प्रमोद सावंत वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Jan 16, 2022, 9:23 PM IST
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