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Goa Assembly Election 2022 : गोवा के सभी 40 सीटों के लिए भाजपा ने झोंकी अपनी पूरी ताकत, पढ़ें क्या है रणनीति - पिछले 10 सालों में बंद पड़े माइनिंग

गोवा में विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election 2022) के लिए मतदान 14 जनवरी को होने वाला है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Minister of Defence of India Rajnath Singh), परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Minister of Road Transport and Highways of India Nitin Gadkari) और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ( president of the Bharatiya Janata Party J. P. Nadda) समेत तमाम नेता चुनाव मैदान (Goa Assembly Election 2022) में दम लगा रहे हैं. अंतिम समय में अन्य पार्टियों की तरह भाजपा भी किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती है. गोवा के सभी 40 सीटों के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. क्या है सत्ताधारी पार्टी भाजपा की रणनीति गोवा चुनाव के लिए... पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

Goa Assembly Election 2022
गोवा में विधानसभा चुनाव
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Published : Feb 9, 2022, 10:31 PM IST

नई दिल्ली: पिछले 10 सालों से गोवा की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा है. पर इस बार (Goa Assembly Election 2022) चुनौती कठीन है. भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल, सभी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. विपक्षी पार्टियां जनता से वादा कर रही है कि सत्ता में आने पर वो गोवा में रोजगार बढ़ाने और बंद पड़े माइनिंग को फिर से शुरू करवाने के साथ-साथ गोवा के राजस्व को बढ़ाने के लिए काम करेगी. ये भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चुनौती का सबब बन गयी है.

पिछले 10 सालों में बंद पड़े माइनिंग की वजह से गोवा में राजस्व की काफी हानि हुई है. जिससे लोगों के रोजगार पर भी काफी फर्क पड़ा है. इसका ठोस जवाब भारतीय जनता पार्टी अपनी तरफ से कुछ खास नहीं दे पा रही है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में 10 बड़े वादे किए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता इन वादों को अपनी चुनावी जनसभा में बार-बार दोहरा कर वोटर्स को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में विकास के नाम पर सबसे ज्यादा काम करने वाले मंत्रालय सड़क परिवहन के मंत्री नितिन गडकरी से पार्टी ने गोवा में संकल्प पत्र जारी करवाया गया.

गोवा में भारतीय जनता पार्टी ने पर्यटन को बढ़ाने और गरीबी को खत्म करने जैसे वादे किए हैं. 10 वर्षों में $50000 की अर्थव्यवस्था बनाने का भी बड़ा वादा किया है. यही नहीं बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में यहां तक कहा है कि यदि वह सत्ता में लौटती है तो राज्य में पार्टी ,पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए टैक्स की अधिकतम सीमा भी तय कर देगी. साथ ही, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पारिकर कल्याण कोष शुरू करने का भी आश्वासन दिया है. हालांकि मनोहर पारिकर के बेटे उत्पल पारिकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

पढ़ेंः गोवा में सभी पार्टियां सिर्फ पोस्टर में रह जाएंगी, बीजेपी ही सत्ता में आएगी : सीटी रवि

हालांकि, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी भी अपने वादे कर रही है. हालांकि, कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी का दामन थाम चुके हैं. कांग्रेस के पास बीजेपी के खिलाफ कोई सशक्त सीएम का चेहरा भी नहीं है. जहां कांग्रेस के पास नेतृत्व संकट है वहीं भारतीय जनता पार्टी गोवा सीएम प्रमोद सावंत के चेहरे के साथ-साथ डबल इंजन की सरकार देने का दावा कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी बार-बार चुनाव प्रचार में लिया जा रहा है. यही नहीं कांग्रेस, टीएमसी और आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने की वजह से भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में नुकसान कम और फायदा ज्यादा होता दिख रहा है ,क्योंकि ये तीनों विपक्षी पार्टियां आपस में वोट काटती नजर आ रहीं हैं.

पढ़ेंः गोवा विधानसभा चुनाव: 26 प्रतिशत उम्मीदवारों पर हैं आपराधिक मामले

यही नहीं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शुरुआत में यह प्रचार भी जोर शोर से किया गया कि टीएमसी पश्चिम बंगाल से कार्यकर्ताओं को गोवा में भेज रही है. कांग्रेस को छोड़ आम आदमी पार्टी और टीएमसी में ज्यादातर बाहरी ही नेता है. क्योंकि उनका कैडर अभी नहीं है. ये बाहरी नेता ही वहां जाकर चुनाव की कमान भी संभाल रहे हैं. वैसे भी देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में 8% ज्यादा वोट मिले थे. उसके पीछे केंद्रीय नेतृत्व भी पूरे दमखम के साथ रणनीति तैयार कर रहा है.

भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रभारी सिटी रवि ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी को इन पार्टियों से कोई नुकसान नहीं है. टीएमसी और आम आदमी पार्टी की वजह से बीजेपी की नहीं बल्कि कांग्रेस की चुनौतियां बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में थी. मगर अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी. अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई थी. इस बार भी ये पार्टियां पोस्टरों में ही हैं. उन्होंने कहा कि जमीन पर सिर्फ भाजपा है. आम आदमी पार्टी और टीएमसी और कांग्रेस हवा और पोस्टर में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं को ही अपने साथ नहीं रख पाई है तो जनता उनका साथ क्या देगी. उन्होंने कहा कि भाजपा डबल इंजन की सरकार देगी जिसमें गोवा के विकास को और गति मिलेगी.

नई दिल्ली: पिछले 10 सालों से गोवा की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा है. पर इस बार (Goa Assembly Election 2022) चुनौती कठीन है. भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल, सभी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. विपक्षी पार्टियां जनता से वादा कर रही है कि सत्ता में आने पर वो गोवा में रोजगार बढ़ाने और बंद पड़े माइनिंग को फिर से शुरू करवाने के साथ-साथ गोवा के राजस्व को बढ़ाने के लिए काम करेगी. ये भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चुनौती का सबब बन गयी है.

पिछले 10 सालों में बंद पड़े माइनिंग की वजह से गोवा में राजस्व की काफी हानि हुई है. जिससे लोगों के रोजगार पर भी काफी फर्क पड़ा है. इसका ठोस जवाब भारतीय जनता पार्टी अपनी तरफ से कुछ खास नहीं दे पा रही है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में 10 बड़े वादे किए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता इन वादों को अपनी चुनावी जनसभा में बार-बार दोहरा कर वोटर्स को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में विकास के नाम पर सबसे ज्यादा काम करने वाले मंत्रालय सड़क परिवहन के मंत्री नितिन गडकरी से पार्टी ने गोवा में संकल्प पत्र जारी करवाया गया.

गोवा में भारतीय जनता पार्टी ने पर्यटन को बढ़ाने और गरीबी को खत्म करने जैसे वादे किए हैं. 10 वर्षों में $50000 की अर्थव्यवस्था बनाने का भी बड़ा वादा किया है. यही नहीं बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में यहां तक कहा है कि यदि वह सत्ता में लौटती है तो राज्य में पार्टी ,पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए टैक्स की अधिकतम सीमा भी तय कर देगी. साथ ही, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पारिकर कल्याण कोष शुरू करने का भी आश्वासन दिया है. हालांकि मनोहर पारिकर के बेटे उत्पल पारिकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

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हालांकि, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी भी अपने वादे कर रही है. हालांकि, कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी का दामन थाम चुके हैं. कांग्रेस के पास बीजेपी के खिलाफ कोई सशक्त सीएम का चेहरा भी नहीं है. जहां कांग्रेस के पास नेतृत्व संकट है वहीं भारतीय जनता पार्टी गोवा सीएम प्रमोद सावंत के चेहरे के साथ-साथ डबल इंजन की सरकार देने का दावा कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी बार-बार चुनाव प्रचार में लिया जा रहा है. यही नहीं कांग्रेस, टीएमसी और आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने की वजह से भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में नुकसान कम और फायदा ज्यादा होता दिख रहा है ,क्योंकि ये तीनों विपक्षी पार्टियां आपस में वोट काटती नजर आ रहीं हैं.

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यही नहीं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शुरुआत में यह प्रचार भी जोर शोर से किया गया कि टीएमसी पश्चिम बंगाल से कार्यकर्ताओं को गोवा में भेज रही है. कांग्रेस को छोड़ आम आदमी पार्टी और टीएमसी में ज्यादातर बाहरी ही नेता है. क्योंकि उनका कैडर अभी नहीं है. ये बाहरी नेता ही वहां जाकर चुनाव की कमान भी संभाल रहे हैं. वैसे भी देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में 8% ज्यादा वोट मिले थे. उसके पीछे केंद्रीय नेतृत्व भी पूरे दमखम के साथ रणनीति तैयार कर रहा है.

भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रभारी सिटी रवि ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी को इन पार्टियों से कोई नुकसान नहीं है. टीएमसी और आम आदमी पार्टी की वजह से बीजेपी की नहीं बल्कि कांग्रेस की चुनौतियां बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में थी. मगर अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी. अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई थी. इस बार भी ये पार्टियां पोस्टरों में ही हैं. उन्होंने कहा कि जमीन पर सिर्फ भाजपा है. आम आदमी पार्टी और टीएमसी और कांग्रेस हवा और पोस्टर में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं को ही अपने साथ नहीं रख पाई है तो जनता उनका साथ क्या देगी. उन्होंने कहा कि भाजपा डबल इंजन की सरकार देगी जिसमें गोवा के विकास को और गति मिलेगी.

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