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गो फर्स्ट की दिल्ली-गुवाहाटी फ्लाइट की 'विंडशील्ड' में आई दरार, जयपुर डायवर्ट - गो फर्स्ट फ्लाइट न्यूज़

गो फर्स्ट के विमान में तकनीकी गड़बड़ी की घटना फिर से सामने आई है. दिल्ली से गुवाहाटी जा रहे विमान की 'विंडशील्ड' में बीच रास्ते में दरार आ गई. जिसके बाद उड़ान को जयपुर डायवर्ट कर दिया गया.

Flight Windshield Cracks
गो फर्स्ट के विमान में तकनीकी गड़बड़ी
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Published : Jul 20, 2022, 4:45 PM IST

Updated : Jul 20, 2022, 8:46 PM IST

नई दिल्ली: एयरलाइन गो फर्स्ट के दिल्ली से गुवाहाटी जा रहे विमान की 'विंडशील्ड' में बीच रास्ते में दरार आने के बाद उड़ान का मार्ग बदल कर उसे जयपुर ले जाया गया. नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) के अधिकारियों ने बताया कि यह विमान ए-320 नियो मॉडल है और गत दो दिनों में गो फर्स्ट के विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की यह तीसरी घटना है. उन्होंने बताया कि डीजीसीए तीनों घटनाओं की जांच कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि पायलट ने विमान की 'विंडशील्ड' में जब दरार देखी तो वे दिल्ली लौटना चाहते थे, लेकिन बुधवार दोपहर भारी बारिश होने की वजह से वे ऐसा नहीं कर सके. उन्होंने बताया कि इसके बाद उड़ान का मार्ग परिवर्तित कर उसे जयपुर ले जाया गया.

गो फर्स्ट के प्रवक्ता ने नई दिल्ली में बयान जारी कर बुधवार को हुई इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, 'विमान उड़ाने वाले पायलट अनुभवी और टीआरआई(टाइप रेटिंग इंस्ट्रक्टर) अर्हता प्राप्त हैं. उन्होंने इस पूरे मुद्दे को पूरी कर्मठता और परिपक्वता से संभाला. दिल्ली में मौसम खराब हो जाने की वजह से वे एहतियातन विमान को जयपुर ले गये.' उन्होंने बताया कि यात्रियों को जयपुर से गुवाहाटी भेजने के लिए वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की गई और उनकी सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भी गो फर्स्ट की मुंबई-लेह और श्रीनगर-दिल्ली उड़ान के दौरान विमानों के इंजन में गड़बड़ी पायी गई थी तथा डीजीसीए ने दोनों विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की घटना में संलिप्त दो विमानों को डीजीसीए की अनापत्ति के बाद ही दोबारा उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी.

गो फर्स्ट की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के बेड़े में 57 विमान हैं. गौरतलब है कि गत एक महीने में भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों में तकनीकी खामी आने की कई घटनाएं हुई हैं. इसके मद्देनजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार और मंगलवार के बीच विमानन कंपनियों, अपने मंत्रालय के अधिकारियों और डीजीसीए के साथ कई दौर की बैठकें की हैं.

यह भी पढ़ें- बीच सफर प्लेन के इंजन में खराबी, गो फर्स्ट के दो विमानों को उड़ान भरने से रोका गया

डीजीसीए ने सोमवार को कहा था कि उसने पाया है कि उड़ान भरने से पहले विमानों को सत्यापित करने वाले इंजीनियरिंग कर्मियों की संख्या अपर्याप्त है. विमान के उड़ान भरने से पहले एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (एएमई) द्वारा उसकी जांच और सत्यापन किया जाना होता है. डीजीसीए ने अब विमानन कंपनियों के लिए दिशानिर्देश जारी कर अर्हता प्राप्त एएमई को तैनात करने और 28 जुलाई तक निर्देशों का अनुपालन करने को कहा है.

नई दिल्ली: एयरलाइन गो फर्स्ट के दिल्ली से गुवाहाटी जा रहे विमान की 'विंडशील्ड' में बीच रास्ते में दरार आने के बाद उड़ान का मार्ग बदल कर उसे जयपुर ले जाया गया. नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) के अधिकारियों ने बताया कि यह विमान ए-320 नियो मॉडल है और गत दो दिनों में गो फर्स्ट के विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की यह तीसरी घटना है. उन्होंने बताया कि डीजीसीए तीनों घटनाओं की जांच कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि पायलट ने विमान की 'विंडशील्ड' में जब दरार देखी तो वे दिल्ली लौटना चाहते थे, लेकिन बुधवार दोपहर भारी बारिश होने की वजह से वे ऐसा नहीं कर सके. उन्होंने बताया कि इसके बाद उड़ान का मार्ग परिवर्तित कर उसे जयपुर ले जाया गया.

गो फर्स्ट के प्रवक्ता ने नई दिल्ली में बयान जारी कर बुधवार को हुई इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, 'विमान उड़ाने वाले पायलट अनुभवी और टीआरआई(टाइप रेटिंग इंस्ट्रक्टर) अर्हता प्राप्त हैं. उन्होंने इस पूरे मुद्दे को पूरी कर्मठता और परिपक्वता से संभाला. दिल्ली में मौसम खराब हो जाने की वजह से वे एहतियातन विमान को जयपुर ले गये.' उन्होंने बताया कि यात्रियों को जयपुर से गुवाहाटी भेजने के लिए वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की गई और उनकी सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भी गो फर्स्ट की मुंबई-लेह और श्रीनगर-दिल्ली उड़ान के दौरान विमानों के इंजन में गड़बड़ी पायी गई थी तथा डीजीसीए ने दोनों विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की घटना में संलिप्त दो विमानों को डीजीसीए की अनापत्ति के बाद ही दोबारा उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी.

गो फर्स्ट की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के बेड़े में 57 विमान हैं. गौरतलब है कि गत एक महीने में भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों में तकनीकी खामी आने की कई घटनाएं हुई हैं. इसके मद्देनजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार और मंगलवार के बीच विमानन कंपनियों, अपने मंत्रालय के अधिकारियों और डीजीसीए के साथ कई दौर की बैठकें की हैं.

यह भी पढ़ें- बीच सफर प्लेन के इंजन में खराबी, गो फर्स्ट के दो विमानों को उड़ान भरने से रोका गया

डीजीसीए ने सोमवार को कहा था कि उसने पाया है कि उड़ान भरने से पहले विमानों को सत्यापित करने वाले इंजीनियरिंग कर्मियों की संख्या अपर्याप्त है. विमान के उड़ान भरने से पहले एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (एएमई) द्वारा उसकी जांच और सत्यापन किया जाना होता है. डीजीसीए ने अब विमानन कंपनियों के लिए दिशानिर्देश जारी कर अर्हता प्राप्त एएमई को तैनात करने और 28 जुलाई तक निर्देशों का अनुपालन करने को कहा है.

Last Updated : Jul 20, 2022, 8:46 PM IST
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