हैदराबाद : विस्थापन एक वैश्विक समस्या है, जिसका समाधान पूरी तरह से कभी नहीं किया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के अनुसार, युद्ध, उत्पीड़न, आतंक या आपदाओं से बचने के लिए 80 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक 2018 में हर मिनट 25 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए.
संयुक्त राष्ट्र ने 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में नामित किया था.
एक नजर में वैश्विक शरणार्थियों की स्थिति :
यूएनएचसीआर की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2010 के बाद से शरणार्थियों सहित जबरन विस्थापित लोगों की वैश्विक संख्या दोगुनी हो गई है.
किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक विस्थापित लोग सीरिया से भागे हैं.
शरणार्थियों को जगह देने वाले देशों की सूची में तुर्की सबसे ऊपर है.
विश्व में विस्थापन के उच्चतम स्तर को देखा जा रहा है. 2020 के अंत में दुनिया भर में 82.4 मिलियन लोगों को संघर्ष और उत्पीड़न की वजह से मजबूर होकर विस्थापन करना पड़ा.
![विश्व में विस्थापन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12200899_imagetwo.png)
संघर्ष और विस्थापन
विदेशों में विस्थापित 68% शरणार्थि सिर्फ पांच देशों से आते हैं- सीरियाई अरब गणराज्य, वेनेजुएला, अफगानिस्तान, दक्षिण सूडान और म्यांमार.
तुर्की, कोलंबिया, जर्मनी, पाकिस्तान और युगांडा में सबसे ज्यादा विस्थापित लोगों ने शरण ली है.
तुर्की में 3.7 मिलियन विस्थापित लोगों रह रहे हैं. इसके बाद कोलंबिया का नंबर आता है जहां 1.7 मिलियन शरणार्थी रहते हैं.
तुर्की की स्थिति निकटता के प्रभावों को दर्शाती है, क्योंकि इसके 92% शरणार्थी पड़ोसी देश सीरिया से आए हैं, जहां युद्ध और सशस्त्र संघर्ष लगभग 10 से अधिक वर्षों से चल रहा है. यह दर्शाता है कि बड़ी संख्या में विस्थापित लोग अपने मूल स्थान के करीब रहते हैं.
48 मिलियन से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित लोग हैं - वे लोग जिन्हें अपने गृह राष्ट्र के भीतर कहीं और सुरक्षा की तलाश में अपने घरों से भागना पड़ा है.
![संघर्ष और विस्थापन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12200899_image.png)
आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि अफ्रीका में हुई और सशस्त्र संघर्ष और मानवीय आपदाओं के संयोजन के कारण हुई.
अफ्रीका के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश इथियोपिया में गृहयुद्ध ने एक ऐसे क्षेत्र में विस्थापन की लहर पैदा कर दी है जो पहले से ही 'एक पूर्ण पैमाने पर मानवीय संकट' का सामना कर रहा था.
यूएनएचसीआर का कहना है कि कुल मिलाकर, एक लाख से अधिक इथियोपियाई लोगों को 2020 में अपना घर छोड़ना पड़ा.
महामारी के समय में वापसी
2019 में, 4,25,000 शरणार्थी अपने स्वदेश लौटे या उन्हें किसी तीसरे देश में स्थायी घर मिले. लेकिन 2020 में केवल तीन लाख शरणार्थी ही लौट पाए या उन्हें स्थायी घर मिले क्योंकि महामारी के दौरान यात्रा पर प्रतिबंध था.
अनुमानित 2,51,000 शरणार्थी 2020 में अपने मूल स्थान लौट पाए.