डिब्रूगढ़: असम के ऊपरी भागों में हाल के दिनों में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) के सक्रिय होने की खबरें आई. बताया गया कि संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया गया. यह भी पता चला है कि विद्रोही संगठन धन जुटाने और नए सदस्यों की भर्ती के माध्यम से अपने पैर फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.
दूसरी ओर उल्फा (आई) के खिलाफ आम लोगों में गुस्से की भावना व्याप्त है. म्यांमार में स्थित उल्फा (आई) शिविरों में इसके सदस्यों को फांसी देने के कई मामले सामने आए हैं. गौरतलब है कि इन फांसी के बीच संगठन में सदस्यों की भर्ती में कोई कमी नहीं आई है. ऐसे कई इनपुट हैं कि ऊपरी असम के कई जिलों से कई युवाओं ने उल्फा (आई) में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़ दिया है.
जानकारी के मुताबिक राज्य के चराइदेव जिले में दो उल्फा सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर दिया. शुक्रवार को चराइदेव पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले दो उल्फा सदस्यों की पहचान कैप्टन नयन पाट मौत उर्फ विकास असोम और दीपक हाती बरुआ उर्फ दिव्या असोम के रूप में की गई है. पुलिस ने कहा कि शुक्रवार को आत्मसमर्पण करने वाले दो उल्फा सदस्यों ने आत्मसमर्पण के समय चराइदेव पुलिस को दो थाईलैंड निर्मित ग्रेनेड और दो 9 एमएम पिस्तौल और 25 राउंड सक्रिय गोलियां सौंपीं.
ये भी पढ़ें- Assam news : असम में लापता उल्फा आई कैडर सदस्य का शव भारत-म्यांमार सीमा के पास दबा मिला
आत्मसमर्पण करने वाले दो उल्फा सदस्यों में से एक विक्रम असोम सोनारी के लुखुरखानी गांव का रहने वाला है. वहीं, दिव्या असोम तिनसुकिया के डिगबोई के टोकनी गांव का रहने वाला है. पुलिस के एक विशेष सूत्र ने जानकारी दी है कि आत्मसमर्पण करने वाले दो उल्फा कैडरों को चराइदेव पुलिस ने गुवाहाटी में असम पुलिस की विशेष शाखा में भेज दिया है.