पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 6वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल हुए. बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री सहित केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल/प्रशासक भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार नीति आयोग ने बैठक के पूर्व ही राज्यों के साथ पूरी चर्चा की, जिसमें राज्यों ने भी अपनी बातें रखी हैं. नीति आयोग की पहले की बैठकों में भी हमने राज्य से संबंधित जरुरी बातें रखी है, चाहे वह विशेष राज्य के दर्जा से संबंधित हो या राज्य के हित से संबंधित अन्य मसले हो.
पूरे देश में बिजली की दर एक समान हो
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में जो बिजली की आपूर्ति केंद्र सरकार की तरफ से की जाती है. सभी जगह उसका एक रेट हो जाए तो, बहुत अच्छा होगा. इसके लिए एक पॉलिसी बनाने की जरूरत है.
वन नेशन वन रेट पर नीतीश कुमार ने जोर दिया. साथ ही मुख्यमंत्री ने बैंकों के रवैए पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्यों का जो पैसा बैंकों में जमा होता है. वह विकसित राज्यों में चला जाता है. यहां का पैसा राज्य को ही देने का प्रावधान किया जाए, इसके लिए क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो बढ़ाया जाए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग जल, जीवन, हरियाली, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मौसम के अनुकूल कृषि के विकास जैविक खेती और पौधरोपण के लिए काम कर रहे हैं.
बिहार का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो बहुत ही कम 36. 1 प्रतिशत है. यहां डिपॉजिट 3. 75 लाख करोड रुपये रहता है, लेकिन बैंकों से 1.35 लाख करोड़ का ही लोन दिया जाता है. देशभर में क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो का औसत 76.5% है और कुछ राज्यों का तो 100% है. बिहार जैसे राज्यों का पैसा बैंकों में जमा होता है, लेकिन वह विकसित राज्यों में चला जाता है.
मुख्यमंत्री के संबोधन के मुख्य बिन्दु-
- पूरे देश में जो बिजली की आपूर्ति केंद्र सरकार की तरफ से की जाती है, सभी जगह उसका एक रेट हो. यानि वन नेशन, वन रेट.
- केंद्र ने पूरे देश में प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया है. इससे बिजली का दुरुपयोग नहीं होगा.
- पहले भी बैठक में बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमने रखी गई है.
- उड़ीसा में बिहार के लिए एक बंदरगाह की सुविधा हो. 10 वर्षों सेकई बार हमने प्रस्ताव रखा है.
- गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति से बिहार को लाभ मिलेगा. पूर्व की सरकारों ने नहीं दी थी अनुमति.
- हम लोग जल-जीवन-हरियाली, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, जैविक खेती और पौधरोपण के लिए काम कर रहे हैं.
- बिहार जैसे राज्यों का जो पैसा बैंकों में जमा होता है, वह विकसित राज्यों में चला जाता है. यहां का पैसा राज्य को ही देने का प्रावधान किया जाए. इसके लिये सीडी रेशियो बढ़ाया जाए.
हर घर बिजली पहुंचाने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को हर एक राज्यों को बिजली एक ही दर पर देना चाहिए इससे एकरूपता आएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में हम लोग कई काम शुरू किए हैं. हर घर बिजली पहुंचाने की योजना बनाई और वह पहुंच गई. 2018 अक्टूबर महीने में ही हर घर बिजली हम लोगों ने पहुंचा दी.
बिजली की खपत 700 मेगा वाट 2005 में थी, जो 2020 में बढ़कर 5932 मेगावाट तक पहुंच गई. राज्य सरकार लोगों को 5000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का अनुदान देती है. बिजली कम कीमत पर लगे इसके लिए हम हर घर स्मार्ट मीटर लगवा रहे हैं.