मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर एमपी एमएलए कोर्ट (Muzaffarpur MP MLA Court) ने गिरिराज सिंह समेत 23 लोगों को बरी कर दिया है. सभी पर मुजफ्फरपुर में ट्रेन रोकने का आरोप था. इस मामले में शनिवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित 23 लोगों को निर्दोष बताया. इसके बाद से समर्थकों में खुशी का माहौल है. कोर्ट परिसर में समर्थकों की भीड़ लगी रही. बता दें कि 2024 में मुजफ्फरपुर में ट्रेन रोकने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कराया था.
यह भी पढ़ेंः Manish Kashyap Case: सच उगलवाने में EOU के छूटे पसीने, यूट्यूबर मनीष कश्यप के मोबाइल में छिपा है राज?
ट्रेन रोकने का मामलाः मामला 2014 से जुड़ा है. उस समय बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम के विरोध में प्रदर्शन किया गया था. इसी अंतराल में बीजेपी नेताओं के द्वारा ट्रेन रोको अभियान चलाया गया था. इसको लेकर मुजफ्फरपुर के तत्कालीन रेल थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बीजेपी नेता गिरिराज सिंह, सुरेश शर्मा सहित कुल 23 लोगों को नामजद करते हुए केस दर्ज किया था, इसी मामले में सुनवाई की गई. शनिवार को विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई की. इस दौरान सभी 23 आरोपी शामिल हुए. न्यायालय ने सभी को साक्ष्य के अभाव में तत्काल बरी कर दिया.
इन पर लगा था आरोपः ट्रेन रोकने के मामले में कुल 23 लोग आरोपित थे, जिसमें प्रमुख रूप से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अलावा राज्य के पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, रामसूरत राय, वैशाली सांसद वीणा देवी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, अंजू रानी, देवांशु किशोर, कमलेश्वर प्रसाद उर्फ केपी पप्पू, आशीष साहू, विनोद कुमार कुशवाहा, देवीलाल, शशिकुमार सिंह, रितेंद्र कुमार उर्फ रितेंद्र प्रकाश शर्मा, दिनेश कुमार उर्फ दिनेश कुमार पुष्पम, धीरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ धीरेंद्र कुमार सिंह, मनीष कुमार अविनाश सुमन कुमार उर्फ सुमन कुमार सिन्हा, रघुनंदन प्रसाद सिंह, मदन चौधरी, रामबाबू राय, गीता देवी व वंदना शामिल थे.
"रेलवे एक्ट का मामला था. 2014 में ट्रेन रोकने को लेकर थानाध्यक्ष की ओर से केस दर्ज कराया गया था. इसी मामले में सुनवाई हुई है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सुरेश शर्मा, वीणा देवी सहित सभी 23 आरोपी को अभीयुक्त बनाया गया था. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी को बरी कर दिया गया है." -अशोक कुमार, अधिवक्ता, एमपी एमएलए कोर्ट मुजफ्फरपुर