रियाद: दुनिया का सबसे कट्टर मुस्लिम देश समझा जाने वाला सऊदी अरब अब अपनी इमेज बदलने को आतुर है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के राज में ये मुल्क रूढ़िवादी साम्राज्य से बाहर निकल रहा है. पिछले कुछ सालों में वहां की सरकार ने कई प्रगतिशील फैसले लिए. अब सबसे ताजा उदाहरण रेव पार्टी (Rave Party) और म्यूजिक फेस्टिवल का आयोजन है, जिसमें पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी वेस्टर्न आउटफिट में भाग लिया. सऊदी सरकार का यह ऐसा फैसला है, जिसकी पांच साल पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सऊदी सरकार के समर्थन से एमडीएल बीस्ट साउंडस्टॉर्म (MDLBEAST Soundstorm) नामक इस चार दिवसीय म्यूजिकल फेस्टिवल का आयोजन किया गया था. पार्टी में शामिल लोग म्यूजिक की धुन पर ऐसे थिरके जैसे वह इस्लामिक देश सऊदी अरब में नहीं बल्कि यूरोप में हों. पार्टी में टिएस्टो और आर्मिन वैन बुरेन जैसे फेमस डीजे ने भी शिरकत की. आयोजकों का कहना है कि इस पार्टी में180,000 से अधिक लोग शामिल हुए.
इस पूरे आयोजन के दौरान धार्मिक मान्यताओं का पालन किया गया. पार्टी के दौरान कुछ देर के लिए म्यूजिक बंद हुआ और इसमें शामिल लोगों ने इस्लामिक तरीके से इबादत की, इसके बाद फिर पूरा इलाका तेज संगीत के शोर में गूंजने लगा. पार्टी में शामिल एक शाही परिवार के सदस्य प्रिंस फहद अल सऊद ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा बनने के लिए बहुत उत्सुक हैं. जब हम प्रगति करने की कोशिश करते हैं तो हमें दबाया नहीं जा सकता.
बता दें कि पिछले समय पहले क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सुधार लागू करते हुए महिलाओं की ड्राइविंग पर प्रतिबंध हटा दिया था. साथ ही धार्मिक पुलिस के अधिकार भी कम कर दिए थे, जो संगीत बजाने वाले रेस्तरां को दंडित करने के लिए सड़कों पर घूमती थीं. इसके अलावा लैंगिग भेदभाव कम करने के लिए कानून बनाए गए हैं. बताया जाता है कि सऊदी अरब अब तेल पर अपनी इकॉनमी की निर्भरता कम करना चाहता है, इसलिए देश में टूरिजम को प्रमोट कर रहा है. इसके लिए वह सारी कानूनी पेंचदीगियों को खत्म करने की कोशिश कर रहा है.
जानिए क्या होती है रेव पार्टी : रेव का मतलब होता है मौज-मस्ती से भरी जोशीली महफिल. हाई वोल्टेज धुनों पर थिरकते लोग 'रैवर्स' कहे जाते हैं. यह पार्टी रईसों में लोकप्रिय है. भारत और दुनिया के देशों में रेव पार्टियां खुलेआम नहीं होती हैं, क्योंकि इसमें नशे की एंट्री हो गई है. लंदन में रेव कल्चर ने पहली बार 1950 के दशक में जोर पकड़ा था. तब ऐसी पार्टियां खाली पड़े गोदाम, फॉर्म हाउस और अंडरग्राउंड वेयरहाउस में होती थीं. 1980 के दशक में अमेरिकी युवाओं के बीच रेव पार्टियां पॉपुलर हुईं थीं. सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स जैसे अमेरिकी शहरों में पार्टियों के दौरान इसमें नशे की एंट्री हुई.
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