गाजीपुर: गाजीपुर की एमपी-एममएलए कोर्ट ने 2010 के गैंगस्टर मामले में पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही इस मामले दूसरे आरोपी सोनू यादव को 5 साल की सजा और 2 लाख का जुर्माना की सजा कोर्ट ने दी है. एमपी एमएलए कोर्ट के जज अरविंद मिश्र की अदालत ने गैंगस्टर मामले में अंसारी को गुरुवार को ही दोषी करार दिया था. शुक्रवार को सजा सुनाए जाने के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिग से पेश हुए मुख्तार अंसारी ने मायूसी से कहा कि 'हुजूर इस मामले से मेरा कोई सरोकार नहीं है, मैं तो 2005 से जेल में बंद हूं. वहीं, मुख्तार के वकील लियाकत ने कहा कि केस मेंटेनेबल नहीं है. हम हाई कोर्ट में करेंगे अपील और उम्मीद है कि हमें मिलेगा न्याय.
मुख्तार जेल से चला रहा था गैंग : एडीजीसी नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि साल 2009 में करंडा के सबुआ निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक कपिलदेव सिंह की हत्या कर दी गई थी. मुख्तार अंसारी उस समय मऊ सदर सीट से विधायक थे. अपराधिक मुकदमों में गाजीपुर जेल में बंद थे. आरोप है कि वहां से अपना गैंग संचालित कर रहे थे. इसी वर्ष 2009 में ही मुहम्मदाबाद थाने के मीर हसन ने मुख्तार के खिलाफ हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज कराया था. आरोप लगाया था कि उसकी भी हत्या का प्रयास किया गया था. इन दोनो मामलों को जोड़कर साल 2010 में तत्कालीन बसपा सरकार में गैंग चार्ट बनाकर गैंगस्टर का एक मुकदमा मुख्तार अंसारी और इस केस में उसके सहयोगी सोनू यादव पर दर्ज किया गया था.
14 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला : एडीजीसी ने बताया कि लगभग 14 सालों बाद मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी सोनू यादव को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए मुख्तार अंसारी को 10 साल की सश्रम कारावास के साथ 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है. सोनू यादव को 5 साल की सजा के साथ 2 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्यवाही में शामिल मुख्तार अंसारी ने जज से अपने बीमार होने की बात कही. कम सजा देने की भी गुहार लगाई. भले ही मुख्तार इन दोनों केस में बरी हो चुके हैं, लेकिन गैंगस्टर एक्ट में ऐसे अपराधियों के लिए अलग से व्यवस्था दी गई है. इसी के तहत आज अंसारी और उनके सहयोगी सोनू यादव को सजा सुनाई गई.
गैंगस्टर के चौथे केस में मुख्तार अंसारी दोषी करार: मुख्तार अंसारी को चौथे गैंगस्टर केस में सजा हुई है. इससे पहले भी अवधेश राय हत्याकांड, कृष्णानंद राय हत्याकांड और रूंगटा हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई जा चुकी है. कृष्णानंद हत्या केस में मुख्तार को कोर्ट से दस साल की सजा मिली थी. वहीं अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा मिली है. अवधेश राय यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे. एक ही साल में चारों मामलों में मुख्तार को सजा हो चुकी है.
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