नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद नगर निगम की मंगलवार को बोर्ड बैठक हुई. सदन में बोर्ड बैठक के दौरान 23 प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस दौरान गाजियाबाद के नाम को परिवर्तित करने का प्रस्ताव रखा गया. सदन द्वारा नाम परिवर्तित करने के प्रस्ताव को बहुमत के साथ पास कर दिया गया. अब शासन और मुख्यमंत्री को यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. प्रस्ताव के साथ-साथ शासन को शहर वासियों द्वारा सुझाए गए नाम की सूची भी भेजी जाएगी. शासन से अनुमति मिलने के बाद नाम बदलने की कार्यवाही निगम द्वारा की जाएगी.
हालांकि, इस दौरान निगम की बैठक काफी हंगामेदार रही. निगम की बोर्ड बैठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. 33 सेकंड के इस वीडियो में पार्षद और महापौर में जबरदस्त नोकझोंक होती दिखाई दे रही है. सदन में एक तरफ नगर आयुक्त और मेयर बैठे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ तमाम पार्षद बैठे हैं. वीडियो में पहली पंक्ति में बैठे हुए एक पार्षद महापौर से कुछ कहते दिखाई दे रहे हैं.
हालांकि, वीडियो में बोर्ड बैठक के दौरान काफी हंगामे के चलते क्या कुछ महापौर सुनीता दयाल और पार्षद के बीच बातचीत हो रही है. यह ठीक से समझ नहीं आ रहा है. वीडियो में महापौर कहती हुई सुनाई दे रही है, "अरे सुनो.....गर्दन अलग कर दूंगी....रिकॉर्ड हो रहा है तो हो जाए... वह बताएं तो सही किसे दे दिए 30 लाख, अगर मेरे किसी अधिकारी को दिए तो सस्पेंड होगा ये मैं कह रही हूं." सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद लगातार लोगों की प्रतिक्रिया भी आ रही है.
जानकारी के अनुसार, वार्ड नंबर 60 के भाजपा पार्षद सचिन डागर ने 30 लाख रुपए के भ्रष्टाचार का बोर्ड बैठक के दौरान आरोप लगाया था. हालांकि, वीडियो में भाजपा पार्षद मेयर की तरफ उंगली उठाते हुए कह रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार का आरोप मेयर नहीं बल्कि निगम अधिकारियों पर लगा रहे हैं.