नई दिल्ली : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों के लिए नियम अधिसूचित कर दिए हैं.
इन केंद्रों पर उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता का ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं पढ़ाई कराई जाएगी. इनमें परीक्षण में सफल उम्मीदवार को ड्राइविंग लाइसेंस (driving licence) हासिल करते समय फिर से ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा, उन्हें इससे छूट होगी.
मंत्रालय ने कहा कि इन केंद्रों पर प्रशिक्षण की तमाम सुविधाओं के साथ ही ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक होगा, जिससे अभ्यर्थियों को उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा.
नियम एक जुलाई, 2021 से लागू होंगे
मंत्रालय ने कहा कि मोटर वाहन कानून, 1988 के तहत इन केंद्रों पर 'रेमिडियल' और 'रिफ्रेशर' पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे. मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अनिवार्य नियम अधिसूचित कर दिए हैं. ये नियम एक जुलाई, 2021 से लागू होंगे. इन केंद्रों पर दाखिला लेने वाले अभ्यार्थियों को पर्याप्त प्रशिक्षण और जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
ड्राइविंग टेस्ट की जरूरत नहीं
इन केंद्रों पर होने वाली परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने वाले अभ्यर्थियों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए होने वाले ड्राइविंग टेस्ट की जरूरत नहीं होगी.
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस प्रकार के मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केन्द्रों से वाहन चलाने का प्रशिक्षण पाने के बाद चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस पाने में मदद मिलेगी.
(पीटीआई-भाषा)