ETV Bharat / bharat

दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर स्वदेशी रैपिड ट्रेन चलाएगी जर्मन कंपनी

दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर पूर्णतया स्वदेशी रैपिड मेट्रो ट्रेन को एक विदेशी कंपनी चलाएगी. इस कॉरिडोर पर पहले चरण में 17 किलोमीटर में ट्रेन का परिचालन मार्च 2023 में शुरू होगा. रैपिड ट्रेन का पहला सेट मिलने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (NCRTC) ने रैपिड ट्रेन का परिचालन निजी हाथों में सौंप दिया है. एक-दो दिन में ही इस संबंध में वर्क आर्डर भी हो जाएगा.

german-company-will-operate-rapid-train-on-delhi-meerut-corridor
german-company-will-operate-rapid-train-on-delhi-meerut-corridor
author img

By

Published : May 10, 2022, 11:06 PM IST

नई दिल्ली : लंबे इंतजार के बाद अब दिल्ली-NCR में रैपिड ट्रेन के परिचालन का सपना साकार होने वाला है. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई पर मार्च 2023 से रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी. निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. गुजरात से पहली ट्रेन की सेट ट्राला के जरिए गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो अगले सप्ताह पहुंच जाएगा. ऐसे में अभी से सबके मन में सवाल उठ रहे हैं कि रैपिड ट्रेन का परिचालन कैसे होगा, कौन करेगा और किराया कितना होगा? तो पढ़िए यह रिपोर्ट...


दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर पूर्णतया स्वदेशी रैपिड मेट्रो ट्रेन को एक विदेशी कंपनी चलाएगी. इस कॉरिडोर पर पहले चरण में 17 किलोमीटर में ट्रेन का परिचालन मार्च 2023 में शुरू होगा. रैपिड ट्रेन का पहला सेट मिलने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (NCRTC) ने रैपिड ट्रेन का परिचालन निजी हाथों में सौंप दिया है. एक-दो दिन में ही इस संबंध में वर्क आर्डर भी हो जाएगा.

साहिबाबाद से दुहाई पर मार्च 2023 से रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी.
साहिबाबाद से दुहाई पर मार्च 2023 से रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी.
जर्मनी की कंपनी दोशे भान करेगी रैपिड ट्रेन का परिचालनइसकी पुष्टि करते हुए NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह का कहना है कि दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर प्रोजेक्ट की लागत 30,274 करोड़ रुपये है. करीब इतनी ही अनुमानित लागत दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर की है. सरकारी खजाने से इतने रुपये जाने के बाद उसका रिटर्न भी जरूरी है. साथ ही प्रोजेक्ट का बेहतर ढंग से संचालन भी. इसीलिए ट्रेन का परिचालन किसी प्रोफेशनल कंपनी को देने का निर्णय हुआ है. परिचालन और रखरखाव के लिए जर्मनी की कंपनी दोशे भान (डीबी) का चयन किया गया है. यही कंपनी इस ट्रैक पर ट्रेन चलाएगी और इसके बेहतर परिचालन की जिम्मेदारी संभालेगी. NCRTC की भूमिका सिर्फ निगरानी तक ही रहेगी.जल्द तय होगा रैपिड ट्रेन से सफर का किराया

परिचालन को लेकर निकाले गए टेंडर की वजह से ही अभी तक दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर सफर का किराया तय नहीं हो पाया है. इस बाबत रैपिड ट्रेन चलाने वाली कंपनी की राय भी बहुत मायने रखती है. संभावना है कि अब यह किराया भी कुछ माह में तय हो जाएगा. किराया न बहुत ज्यादा न ही बहुत कम होगा. ट्रेन की रफ्तार और सुविधाजनक सफर को ध्यान में रखते हुए ऐसा रखा जाएगा कि हर वर्ग उसे वहन कर सके. NCRTC के अधिकारियों के अनुसार, जर्मनी की कंपनी दोशे भान बहुत बड़ी पुरानी और अनुभवी कंपनी है. वहां का सारा ट्रेन सिस्टम यही कंपनी संभाल रही है. ऐसी किसी प्रोफेशनल कंपनी के जरिए रैपिड ट्रेन का भी निर्माण, परिचालन और विश्वस्तरीय रखरखाव सुनिश्चित हो सकेगा.


रैपिड ट्रेन के सभी 40 सेट एल्सटॉम के सांवली स्थित कारखाने में बन रहे हैं, जो कि वडोदरा गुजरात में स्थित है. इसी कारखाने में पहली ट्रेन की सेट ट्राला के जरिए गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो लाया जाएगा. अगले सप्ताह में रैपिड ट्रेन का पहला सेट गाजियाबाद पहुंच जाएगा. गाजियाबाद की दुहाई डिपो में ही रैपिड ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है. जल्द ही ट्रेन का ट्रायल भी शुरू होगा. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई पर इसे मार्च 2023 से चलाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पूरे कॉरिडोर पर 2025 से ट्रेन चलने लेंगी.

नई दिल्ली : लंबे इंतजार के बाद अब दिल्ली-NCR में रैपिड ट्रेन के परिचालन का सपना साकार होने वाला है. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई पर मार्च 2023 से रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी. निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. गुजरात से पहली ट्रेन की सेट ट्राला के जरिए गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो अगले सप्ताह पहुंच जाएगा. ऐसे में अभी से सबके मन में सवाल उठ रहे हैं कि रैपिड ट्रेन का परिचालन कैसे होगा, कौन करेगा और किराया कितना होगा? तो पढ़िए यह रिपोर्ट...


दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर पूर्णतया स्वदेशी रैपिड मेट्रो ट्रेन को एक विदेशी कंपनी चलाएगी. इस कॉरिडोर पर पहले चरण में 17 किलोमीटर में ट्रेन का परिचालन मार्च 2023 में शुरू होगा. रैपिड ट्रेन का पहला सेट मिलने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (NCRTC) ने रैपिड ट्रेन का परिचालन निजी हाथों में सौंप दिया है. एक-दो दिन में ही इस संबंध में वर्क आर्डर भी हो जाएगा.

साहिबाबाद से दुहाई पर मार्च 2023 से रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी.
साहिबाबाद से दुहाई पर मार्च 2023 से रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी.
जर्मनी की कंपनी दोशे भान करेगी रैपिड ट्रेन का परिचालनइसकी पुष्टि करते हुए NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह का कहना है कि दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर प्रोजेक्ट की लागत 30,274 करोड़ रुपये है. करीब इतनी ही अनुमानित लागत दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर की है. सरकारी खजाने से इतने रुपये जाने के बाद उसका रिटर्न भी जरूरी है. साथ ही प्रोजेक्ट का बेहतर ढंग से संचालन भी. इसीलिए ट्रेन का परिचालन किसी प्रोफेशनल कंपनी को देने का निर्णय हुआ है. परिचालन और रखरखाव के लिए जर्मनी की कंपनी दोशे भान (डीबी) का चयन किया गया है. यही कंपनी इस ट्रैक पर ट्रेन चलाएगी और इसके बेहतर परिचालन की जिम्मेदारी संभालेगी. NCRTC की भूमिका सिर्फ निगरानी तक ही रहेगी.जल्द तय होगा रैपिड ट्रेन से सफर का किराया

परिचालन को लेकर निकाले गए टेंडर की वजह से ही अभी तक दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर सफर का किराया तय नहीं हो पाया है. इस बाबत रैपिड ट्रेन चलाने वाली कंपनी की राय भी बहुत मायने रखती है. संभावना है कि अब यह किराया भी कुछ माह में तय हो जाएगा. किराया न बहुत ज्यादा न ही बहुत कम होगा. ट्रेन की रफ्तार और सुविधाजनक सफर को ध्यान में रखते हुए ऐसा रखा जाएगा कि हर वर्ग उसे वहन कर सके. NCRTC के अधिकारियों के अनुसार, जर्मनी की कंपनी दोशे भान बहुत बड़ी पुरानी और अनुभवी कंपनी है. वहां का सारा ट्रेन सिस्टम यही कंपनी संभाल रही है. ऐसी किसी प्रोफेशनल कंपनी के जरिए रैपिड ट्रेन का भी निर्माण, परिचालन और विश्वस्तरीय रखरखाव सुनिश्चित हो सकेगा.


रैपिड ट्रेन के सभी 40 सेट एल्सटॉम के सांवली स्थित कारखाने में बन रहे हैं, जो कि वडोदरा गुजरात में स्थित है. इसी कारखाने में पहली ट्रेन की सेट ट्राला के जरिए गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो लाया जाएगा. अगले सप्ताह में रैपिड ट्रेन का पहला सेट गाजियाबाद पहुंच जाएगा. गाजियाबाद की दुहाई डिपो में ही रैपिड ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है. जल्द ही ट्रेन का ट्रायल भी शुरू होगा. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई पर इसे मार्च 2023 से चलाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पूरे कॉरिडोर पर 2025 से ट्रेन चलने लेंगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.