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जैसलमेर में भू वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, करीब 16 करोड़ साल पुराने डायनासोर के जीवाश्म खोजे - geologists found dinosaur fossil in thar rajasthan

जैसलमेर के रेगिस्तान में किसी जमाने में समुद्र हुआ करता था इस बात पर तो भू वैज्ञानिकों ने मुहर लगा ही दी है. लेकिन इस सच को तलाशने के दौरान यहां एक अनोखा सच यह भी निकल कर सामने आया है कि प्राकृतिक बदलावों और समुद्र के सूखने के बाद यहां डॉयनासोर की उत्पति भी हुई थी.

Thar Desert, Jaisalmer Rajasthan
थार मरूस्थल जैसलमेर राजस्थान
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Published : Aug 10, 2023, 11:52 AM IST

Updated : Aug 10, 2023, 1:43 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर के रेगिस्तान में किसी जमाने में समुद्र हुआ करता था इस बात पर तो भू वैज्ञानिकों ने मुहर लगा ही दी थी. लेकिन इस सच को तलाशने के दौरान यहां एक अनोखा सच सामने आया है. वह यह है कि प्राकृतिक बदलावों और समुद्र के सूखने के बाद इस धरती पर डॉयनासोर की उत्पति भी हुई थी. अलग अलग आकारों के डॉयनासोर यहां पर लंबे समय तक रहे. जिसमें धरती पर चलने वाले और उड़ने वाले दोनो ही प्रजातियां शामिल हैं. इसकी पुष्टि जैसलमेर में भूजल विभाग के वैज्ञानिक डॉ नारायणदास इनखिया ने की है. डॉ इनखिया जीएसआई के दल के साथ रिसर्च के दौरान मौजूद थे.

यह कोई काल्पनिक बात नहीं हैं. बल्कि ये बात अब साबित हो गई है. जैसलमेर में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई के वैज्ञानिकों के एक दल ने अपनी खोज में इस बात का पता लगाया है कि जैसलमेर के रेगिस्तान में आज से करीब 16 करोड़ साल पहले यहां डायनासोर बहुतायात में रहते थे. डॉ नारायणदास इनखिया ने बताया कि "जैसलमेर में जुरासिक काल का अध्ययन करने आए भूवैज्ञानिकों ने जैसलमेर में दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म के हिस्सों को खोज निकाला है. ये जीवाश्म चीन में मिले जीवाश्म से भी पुराने हैं." बता दें कि जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने जीवाश्म की खोज के लिए साल 2018 में एक कार्यक्रम शुरू किया था.

जैसलमेर जिले के जेठवाई गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान थारोसोरस के जीवाश्म जीएसआई की टीम को मिले थे. जिनमें सबसे ज्यादा हड्डियों के जीवाश्म मिले हैं. जैसलमेर में आज भले ही थार का रेगिस्तान नजर आता है, लेकिन करीब 16 करोड़ साल पहले यहां दुनिया का सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर रहा करता था. थार रेगिस्तान में इसका जीवाश्म मिला है इसलिए इसे थारोसोरस इंडिकस यानी भारत के थार का डायनासोर नाम दिया गया है. भारत में हुई इस ताजा खोज ने चीन के जीवाश्म को भी 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है. भू वैज्ञानिकों की इस खोज के बाद खोजकर्ताओं का ध्यान एक बार फिर जैसलमेर की और केंद्रित कर दिया है.

पढ़ें जालोरः आसमान से गिरी बमनुमा वस्तु को जांच के लिए भेजा जाएगा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण

जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर के रेगिस्तान में किसी जमाने में समुद्र हुआ करता था इस बात पर तो भू वैज्ञानिकों ने मुहर लगा ही दी थी. लेकिन इस सच को तलाशने के दौरान यहां एक अनोखा सच सामने आया है. वह यह है कि प्राकृतिक बदलावों और समुद्र के सूखने के बाद इस धरती पर डॉयनासोर की उत्पति भी हुई थी. अलग अलग आकारों के डॉयनासोर यहां पर लंबे समय तक रहे. जिसमें धरती पर चलने वाले और उड़ने वाले दोनो ही प्रजातियां शामिल हैं. इसकी पुष्टि जैसलमेर में भूजल विभाग के वैज्ञानिक डॉ नारायणदास इनखिया ने की है. डॉ इनखिया जीएसआई के दल के साथ रिसर्च के दौरान मौजूद थे.

यह कोई काल्पनिक बात नहीं हैं. बल्कि ये बात अब साबित हो गई है. जैसलमेर में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई के वैज्ञानिकों के एक दल ने अपनी खोज में इस बात का पता लगाया है कि जैसलमेर के रेगिस्तान में आज से करीब 16 करोड़ साल पहले यहां डायनासोर बहुतायात में रहते थे. डॉ नारायणदास इनखिया ने बताया कि "जैसलमेर में जुरासिक काल का अध्ययन करने आए भूवैज्ञानिकों ने जैसलमेर में दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म के हिस्सों को खोज निकाला है. ये जीवाश्म चीन में मिले जीवाश्म से भी पुराने हैं." बता दें कि जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने जीवाश्म की खोज के लिए साल 2018 में एक कार्यक्रम शुरू किया था.

जैसलमेर जिले के जेठवाई गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान थारोसोरस के जीवाश्म जीएसआई की टीम को मिले थे. जिनमें सबसे ज्यादा हड्डियों के जीवाश्म मिले हैं. जैसलमेर में आज भले ही थार का रेगिस्तान नजर आता है, लेकिन करीब 16 करोड़ साल पहले यहां दुनिया का सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर रहा करता था. थार रेगिस्तान में इसका जीवाश्म मिला है इसलिए इसे थारोसोरस इंडिकस यानी भारत के थार का डायनासोर नाम दिया गया है. भारत में हुई इस ताजा खोज ने चीन के जीवाश्म को भी 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है. भू वैज्ञानिकों की इस खोज के बाद खोजकर्ताओं का ध्यान एक बार फिर जैसलमेर की और केंद्रित कर दिया है.

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Last Updated : Aug 10, 2023, 1:43 PM IST

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