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Sacking Of Group Captain : मिसाइल हमले में एमआई-17 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में ग्रुप कैप्टन को बर्खास्त करने की सिफारिश

भारतीय वायु सेना द्वारा स्थापित एक जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) ने 27 फरवरी 2019 को एक मिसाइल की चपेट में आने के बाद जम्मू-कश्मीर के बडगाम में एक एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए एक ग्रुप कैप्टन को बर्खास्त करने का आदेश दिया है.

Sacking Of Group Captain
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 12, 2023, 9:45 AM IST

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के बडगाम में 27 फरवरी 2019 को एक मिसाइल की जद में आने पर एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के सिलसिले में वायुसेना द्वारा गठित 'जनरल कोर्ट मार्शल' (जीसीएम) ने एक ग्रुप कैप्टन को बर्खास्त करने की सिफारिश की है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' के मुताबिक, लड़ाकू हेलीकॉप्टर को वायुसेना की खुद की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने उस वक्त निशाना बनाया था, जब वह (हेलीकॉप्टर) भारतीय और पाकिस्तानी वायुसेनाओं के बीच हुई झड़प के दिन श्रीनगर लौट रहा था.

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सूत्रों ने बताया कि जीसीएम ने ग्रुप कैप्टन सुमन रॉय चौधरी को बर्खास्त करने का आदेश दिया है, जो उस समय श्रीनगर एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य अभियान अधिकारी (सीओओ) के तौर पर सेवारत थे. दुर्घटना में, हेलीकॉप्टर पर सवार वायुसेना के छह कर्मी और जमीन पर मौजूद एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. सूत्रों ने बताया कि वायुसेना घटना से जुड़े मामले पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाये जाने के बाद ही जीसीएम की सिफारिश पर कार्रवाई कर सकती है.

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निर्धारित नियमों के मुताबिक, वायुसेना प्रमुख को उक्त अधिकारी की बर्खास्तगी के लिए जीसीएम की सिफारिश को मंजूरी देनी होगी. सूत्रों ने बताया कि मामले पर अदालत के फैसले के बाद जीसीएम का आदेश वायुसेना प्रमुख के समक्ष रखा जाएगा. जीसीएम का गठन घटना की 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' में सामने आये तथ्यों के आधार पर किया गया था. वहीं, घटना की 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' में पाया गया था कि एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर एक मिसाइल की जद में आ गया था.

पढ़ें : Ajmer-Delhi Vande Bharat Express : ट्रेन को पीएम मोदी वर्चुअल दिखाएंगे हरी झडी, जानिए क्या है खास

जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर पर लगी 'मित्र या शत्रु की पहचान' (आईएफएफ) प्रणाली को बंद कर दिया गया था और जमीन पर मौजूद कर्मियों तथा हेलीकॉप्टर के चालक दल के सदस्यों के बीच संवाद व समन्वय में बड़ा अंतराल था. मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन किये जाने की बात भी सामने आई है. आईएफएफ वायु रक्षा रडार को यह पता लगाने में मदद करता है कि कोई विमान या हेलीकॉप्टर मित्र है या शत्रु.

पढ़ें : Karnataka election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के 7 विधायकों समेत मंत्रियों के टिकट कटे

गौरतलब है कि हेलीकॉप्टर 27 फरवरी 2019 को दिन में करीब 10 बजे बडगाम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जब भारतीय और पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के बीच नौशेरा में एक हवाई झड़प हुई थी. इसके एक दिन पहले, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था.

पढ़ें : TS Singhdev: चुनावी साल में सचिन पायलट के बहाने चर्चा में सिंहदेव, साधने में जुटी बीजेपी

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के बडगाम में 27 फरवरी 2019 को एक मिसाइल की जद में आने पर एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के सिलसिले में वायुसेना द्वारा गठित 'जनरल कोर्ट मार्शल' (जीसीएम) ने एक ग्रुप कैप्टन को बर्खास्त करने की सिफारिश की है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' के मुताबिक, लड़ाकू हेलीकॉप्टर को वायुसेना की खुद की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने उस वक्त निशाना बनाया था, जब वह (हेलीकॉप्टर) भारतीय और पाकिस्तानी वायुसेनाओं के बीच हुई झड़प के दिन श्रीनगर लौट रहा था.

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सूत्रों ने बताया कि जीसीएम ने ग्रुप कैप्टन सुमन रॉय चौधरी को बर्खास्त करने का आदेश दिया है, जो उस समय श्रीनगर एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य अभियान अधिकारी (सीओओ) के तौर पर सेवारत थे. दुर्घटना में, हेलीकॉप्टर पर सवार वायुसेना के छह कर्मी और जमीन पर मौजूद एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. सूत्रों ने बताया कि वायुसेना घटना से जुड़े मामले पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाये जाने के बाद ही जीसीएम की सिफारिश पर कार्रवाई कर सकती है.

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निर्धारित नियमों के मुताबिक, वायुसेना प्रमुख को उक्त अधिकारी की बर्खास्तगी के लिए जीसीएम की सिफारिश को मंजूरी देनी होगी. सूत्रों ने बताया कि मामले पर अदालत के फैसले के बाद जीसीएम का आदेश वायुसेना प्रमुख के समक्ष रखा जाएगा. जीसीएम का गठन घटना की 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' में सामने आये तथ्यों के आधार पर किया गया था. वहीं, घटना की 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' में पाया गया था कि एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर एक मिसाइल की जद में आ गया था.

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जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर पर लगी 'मित्र या शत्रु की पहचान' (आईएफएफ) प्रणाली को बंद कर दिया गया था और जमीन पर मौजूद कर्मियों तथा हेलीकॉप्टर के चालक दल के सदस्यों के बीच संवाद व समन्वय में बड़ा अंतराल था. मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन किये जाने की बात भी सामने आई है. आईएफएफ वायु रक्षा रडार को यह पता लगाने में मदद करता है कि कोई विमान या हेलीकॉप्टर मित्र है या शत्रु.

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गौरतलब है कि हेलीकॉप्टर 27 फरवरी 2019 को दिन में करीब 10 बजे बडगाम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जब भारतीय और पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के बीच नौशेरा में एक हवाई झड़प हुई थी. इसके एक दिन पहले, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था.

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(पीटीआई-भाषा)

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