गुवाहाटी: एक विशेष अदालत ने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) के अधिकारियों से सवाल किया है कि निलंबित पुलिस अधीक्षक कुमार संजीत कृष्ण को अभी भी पेइंग केबिन में क्यों रखा जा रहा है. साथ ही पूछा है कि क्या इसके लिए सीआईडी से आवश्यक अनुमति ली थी. अदालत ने अस्पताल अधिकारियों से मामले की अगली सुनवाई के दौरान कुमार संजीत कृष्ण की स्वास्थ्य स्थिति पर एक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि कृष्णा को सीबीआई ने असम पुलिस के एसआई भर्ती घोटाले में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया था. सीआईडी ने आरोपी के घर से भारी मात्रा में पैसे और प्रश्न पत्र भी बरामद किए हैं.
प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप
आरोप है कि कृष्णा ने अपने सूत्रों के माध्यम से असम पुलिस की एसआई परीक्षा के प्रश्नपत्र को पैसे के लिए लीक कर दिया. अदालत ने हाल ही में सुनवाई के दौरान पाया कि जीएमसीएच अधिकारियों ने उन्हें पेइंग केबिन में स्थानांतरित करने से पहले जांच एजेंसी सीआईडी से अनुमति नहीं ली है. हालांकि, जीएमसीएच अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि निलंबित अधिकारी को मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के अनुसार पेइंग केबिन में स्थानांतरित कर दिया गया था और उसे पेइंग केबिन में स्थानांतरित करने से पहले भंगगढ़ पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया था.
जीएमसीएच को लगाई फटकार
अदालत ने जीएमसीएच की भी आलोचना की कि उसने कृष्णा से पेइंग केबिन में रहने के लिए शुल्क लिया. अदालत ने कहा कि एक आरोपी जब हिरासत में था तो केबिन भुगतान की फीस का भुगतान नहीं कर सकता और न ही करना चाहिए. अदालत ने कहा कि जेल अधिकारी तय करेंगे कि क्या वे कृष्णा के लिए पेइंग केबिन के शुल्क का भुगतान कर सकते हैं और यदि नहीं तो उन्हें अस्पताल के एक सामान्य वार्ड में स्थानांतरित करना होगा.
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