कच्छ: भुज में नरनारायण देव की मूर्ति के 200 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में द्विशताब्दी उत्सव आयोजित होने जा रहा है, जिसके एक भाग के रूप में विभिन्न प्रदर्शनियाँ रेखांकित की गई हैं, जिसमें गौ महिमा दर्शन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. जिसमें कृषि का महत्व, गाय की महिमा, प्राचीन गौरव सहित जीवित गौशाला का निर्माण यहां किया गया है. साथ ही गाय आधारित खेती के लाभों को यहां सभी प्रकार के व्यावहारिक मॉडल के साथ समझाया गया है.
भुज के स्वामीनारायण मंदिर के शास्त्रीय स्वामी देवचरण दास ने गौ महिमा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 17 अप्रैल से शुरू हो रहे पर्व के अवसर पर गौ महिमा दर्शन का प्रोजेक्ट है. जो भारतीय गौ वंश को समर्पित है. गाय की जीवंत महिमा को दर्शाने वाली यह दुनिया की पहली प्रदर्शनी है. इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गौ माता से जोड़ना और उनकी महिमा को साकार करना है. यह प्रदर्शनी 2.5 एकड़ में फैली हुई है. गाय के प्रति हमारी जो सद्भावना है, उसे चरितार्थ करने के उद्देश्य से यह प्रदर्शनी लगाई गई है.
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इसके अलावा, स्वामी ने कहा, गौ महिमा प्रदर्शनी में दो डॉक्युमेन्टरी फिल्में हैं, जिसमें गोबर और गोमूत्र का महत्व व्यावहारिक और प्रयोगात्मक रूप से लोगों को समझाया गया है. गाय के गोबर और गोमूत्र का प्रयोग खेती में भी किया जाता है. उनमें से कुछ को औषधि के साथ-साथ खाद बनाने के लिए यहां प्रदर्शित किया जा रहा है. प्रदर्शन में आगे डॉक्टर पंचगव्य चिकित्सा के बारे में अच्छी तरह समझा रहे हैं और मार्गदर्शन कर रहे हैं. इसलिए गोबर शिल्प का एक अलग क्षेत्र भी स्थापित किया गया है, जिसमें गोबर से तरह-तरह के सजावटी सामान बनाए गए हैं.
गो महिमा प्रदर्शनी जो 2.5 एकड़ में फैली हुई है, यह पूरी तरह गोबर में बनी हुई है. 1 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करने वाली दीवारें 11,000 किलो गोबर से बनी हैं. इस पूरी प्रदर्शनी में 3100 से ज्यादा गोबर के तोरण लगाए गए हैं. इस प्रदर्शनी को देखने के लिए आने वाले दर्शकों और अंदर उपयोग किए गए रंगों की मात्रा के लिए एक सम्मोहक दृश्य बनाया गया है.
गौरतलब है कि भुज स्वामीनारायण मंदिर द्वारा गाय आधारित खेती अभियान पिछले 1 साल से चल रहा है. इस अभियान में लगभग 255 किसानों का पंजीयन किया गया और उनमें से लगभग 160 किसानों ने गौ आधारित खेती पर शीतकालीन रोपण किया और यह शीतकालीन रोपण सफल रहा. वे किसान आज अन्य किसानों को भी इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं.
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गौ महिमा प्रदर्शनी जितनी दीवारें हैं, उन सभी दीवारों पर गाय के गोबर का लेप किया गया है. भुज के बगल के एक गाँव नरनारायण नगर के लोगों ने वहाँ की सांख्य योगी माताओं के मार्गदर्शन में गाय के गोबर से आभूषण बनाए हैं. 2 फीट से लेकर 8 फीट तक के 3100 से ज्यादा तोरण बनाए गए हैं, जो इस गौ महिमा दर्शन की शोभा बढ़ा रहा है.
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