मुंबई : गैंगस्टर अश्विन नाइक और उसके साथियों पर एक बिल्डर का अपहरण करने और फिरौती मांगने का आरोप लगाया गया था. जिससे कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. नतीजतन अश्विन नाइक को तलोजा जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
दिसंबर 2015 में अश्विन नाइक और उसके साथियों पर अपहरण और जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था. नाइक पर मुंबई के दादर इलाके से एक बिल्डर को उसके सात साथियों के साथ अगवा करने का आरोप था. उन पर 50 लाख रुपये की फिरौती और 6,000 वर्ग फुट के फ्लैट की मांग करने का आरोप था. इस मामले की सुनवाई मुंबई सेशंस कोर्ट में हुई. अश्विन नाइक के वकील प्रकाश शेट्टी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है.
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न्यायाधीश आरआर भोसले ने अश्विन नाइक, प्रमोद केलुस्कर, प्रथमेश परब, जनार्दन सकपाल, राजेश तांबे, अविनाश खेडेकर, मिलिंद परब और सूरज पाल को अपहरण और फिरौती मांगने और फिरौती के लिए जान से मारने की धमकी देने के आरोप से बरी कर दिया. नतीजतन, अश्विन नाइक को तलोजा जेल से रिहा कर दिया जाएगा.