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उत्तराखंड: भारी बर्फबारी से भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाला मार्ग बंद

उत्तराखंड में भारी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के चलते गंगोत्री हाईवे डबरानी से आगे बंद हो गया था. जिस कारण आठ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया था. वहीं, भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाला भैरो घाटी-नेलांग रोड 28 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया है.

भारी बर्फबारी
भारी बर्फबारी
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Published : Nov 27, 2020, 10:44 PM IST

उत्तरकाशी : उत्तराखंड में पल-पल मौसम करवट बदल रहा है. बारिश और बर्फबारी ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं. गुरुवार सुबह से हर्षिल घाटी सहित जनपद के मोरी बड़कोट के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने के कारण गंगोत्री हाईवे डबरानी से आगे बंद हो गया था, जिसे बीआरओ की मशीनरी और जेसीबी ने शुक्रवार दोपहर तक गंगोत्री तक आवाजाही के लिए खोल दिया है.

उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी.

वहीं भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाला भैरो घाटी-नेलांग रोड 28 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया है.

वहीं, बीआरओ के अधिकारियों ने जल्द मार्ग खुलने की संभावना जताई है. गुरुवार सुबह से उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों हर्षिल घाटी सहित मोरी के ऊंचाई वाले गांव और बड़कोट के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी के बाद जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

भारी बर्फबारी के चलते गंगोत्री हाईवे डबरानी से आगे बंद हो गया था. जिस कारण आठ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया था. वहीं, शुक्रवार को हल्का मौसम खुलते ही दोपहर तक बीआरओ ने गंगोत्री धाम तक वाहनों की आवाजाही के लिए गंगोत्री हाईवे खोल दिया था.

पढ़ें- उत्तराखंड : हर्षिल घाटी में तीन फीट तक जमी बर्फ, 8 गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

शुक्रवार को हर्षिल घाटी के आठ गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन मोरी के लीवाड़ी, रेक्चा सहित पांच गांवों में अभी विद्युत आपूर्ति बाधित है.

आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि गंगोत्री हाईवे गंगोत्री तक आवाजाही के लिए सुचारू है. साथ ही मोरी गांव में विद्युत बहाली के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं.

वहीं, बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सड़क को शनिवार सुबह तक आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा.

उत्तरकाशी : उत्तराखंड में पल-पल मौसम करवट बदल रहा है. बारिश और बर्फबारी ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं. गुरुवार सुबह से हर्षिल घाटी सहित जनपद के मोरी बड़कोट के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने के कारण गंगोत्री हाईवे डबरानी से आगे बंद हो गया था, जिसे बीआरओ की मशीनरी और जेसीबी ने शुक्रवार दोपहर तक गंगोत्री तक आवाजाही के लिए खोल दिया है.

उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी.

वहीं भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाला भैरो घाटी-नेलांग रोड 28 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया है.

वहीं, बीआरओ के अधिकारियों ने जल्द मार्ग खुलने की संभावना जताई है. गुरुवार सुबह से उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों हर्षिल घाटी सहित मोरी के ऊंचाई वाले गांव और बड़कोट के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी के बाद जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

भारी बर्फबारी के चलते गंगोत्री हाईवे डबरानी से आगे बंद हो गया था. जिस कारण आठ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया था. वहीं, शुक्रवार को हल्का मौसम खुलते ही दोपहर तक बीआरओ ने गंगोत्री धाम तक वाहनों की आवाजाही के लिए गंगोत्री हाईवे खोल दिया था.

पढ़ें- उत्तराखंड : हर्षिल घाटी में तीन फीट तक जमी बर्फ, 8 गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

शुक्रवार को हर्षिल घाटी के आठ गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन मोरी के लीवाड़ी, रेक्चा सहित पांच गांवों में अभी विद्युत आपूर्ति बाधित है.

आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि गंगोत्री हाईवे गंगोत्री तक आवाजाही के लिए सुचारू है. साथ ही मोरी गांव में विद्युत बहाली के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं.

वहीं, बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सड़क को शनिवार सुबह तक आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा.

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