नई दिल्ली : जी-20 का 2023 का शिखर बैठक लद्दाख में हो सकता है. मीडिया में ऐसी खबरें आ रहीं हैं. इस फैसले को चीन को जवाब के रूप में देखा जा रहा है. पहले यह बैठक जम्मू-कश्मीर में होनी थी. लेकिन चीन और पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी. विदेश मंत्रालय अब इस बैठक को लद्दाख में आयोजित कर सकता है. लद्दाख प्रशासन ने बैठक को लेकर अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. वैसे, औपचारिक तौर पर विदेश मंत्रालय ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है.
लद्दाख प्रशासन ने दो वरिष्ठ (एक आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी) अधिकारियों को बैठक की तैयारी करने को लेकर बड़ी जवाबदेही सौंपी है. विदेश मंत्रालय के एक पत्र का हवाला देते हुए लद्दाख के उपराज्यपाल आरके मथुआ के नेतृत्व में प्रशासन ने इन्हें जवाबदेही दी है. वे नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे. एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता भारत के पास होगी.
सूत्रों के अनुसार या तो पूरी बैठक लद्दाख में होगी या फिर बैठक का एक हिस्सा यहां पर आयोजित किया जा सकता है. आपको बता दें कि पहले चर्चा थी कि इसे जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया जा सकता है. सरकार ने 23 जून को पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया था.
लद्दाख प्रशासन के कमिश्नर सचिव अजित साहू की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, 'जी-20 की बैठकों और विदेश मंत्रालय के साथ आवश्यक समन्वय के मद्देनजर, लद्दाख के यूटी प्रशासन की ओर से निम्नलिखित नोडल अधिकारियों के नामांकन को मंजूरी दी जाती है.' केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा नामित नोडल अधिकारियों में सौगत विश्वास (आयुक्त सचिव, उद्योग और वाणिज्य विभाग-सह-विभागीय आयुक्त लद्दाख) और शेख जुनैद महमूद (डीआईजी लेह-कारगिल रेंज) शामिल हैं. विश्वास केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर नोडल अधिकारी/समग्र समन्वयक होंगे. आदेश के अनुसार, विश्वास एक कोर को-ऑर्डिनेशन टीम गठित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे, जिसमें नगर प्रशासन, पुलिस, पर्यटन और संस्कृति विभाग, और प्रोटोकॉल या किसी अन्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे, जैसा कि आवश्यक समझा जाएगा.
शेख जुनैद महमूद को सुरक्षा समन्वय के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है. महमूद को एक सुरक्षा समन्वय दल गठित करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा गया है जिसमें खुफिया, कानून और व्यवस्था, यातायात, एफआरआरओ कार्यालय आईएसडब्ल्यू और किसी भी अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हो सकते हैं. सुरक्षा समन्वय दल एडीजीपी लद्दाख के मार्गदर्शन में काम कर सकता है. इसमें कहा गया है कि नोडल अधिकारी लद्दाख के प्रशासन की ओर से जी -20 सचिवालय के अनुरोध के अनुसार बैठकों की मेजबानी के हर चरण में आवश्यक अन्य रसद व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'हम उन मुद्दों पर कुछ नहीं कह रहे हैं जिन्हें अंतिम रूप नहीं दिया गया है. किसी भी प्रकार का कोई शेड्यूल नहीं हुआ है,' उल्लेखनीय है कि अगस्त 2019 के बाद केंद्र शासित प्रदेशों जैसे जम्मू कश्मीर और लद्दाख में होने वाला यह पहला अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा, जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को विभाजित करने का कदम उठाया था.