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FSSAI ने खाद्य सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र से अपने वैज्ञानिक पैनल का पुनर्गठन किया - खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम

FSSAI ने खाद्य सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र से अपने वैज्ञानिक पैनलों का पुनर्गठन किया है. साथ ही खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न वैज्ञानिक संगठनों और विभिन्न संस्थानों के लगभग 200 वैज्ञानिक विशेषज्ञों को सूचीबद्ध किया है. ये वैज्ञानिक अगले तीन वर्षों तक FSSAI के साथ काम करेंगे और FSSAI को खाद्य सुरक्षा के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में सुझाव देंगे.

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Published : Mar 23, 2023, 6:49 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने अपने वैज्ञानिक पैनलों का पुनर्गठन किया है. साथ ही खाद्य सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न वैज्ञानिक संगठनों और विभिन्न संस्थानों के लगभग 200 वैज्ञानिक विशेषज्ञों को सूचीबद्ध किया है. इस पैनल में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीएमआर), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटीईएम) से विशेषज्ञों का चयन किया गया है.

ये वैज्ञानिक अगले तीन वर्षों तक FSSAI के साथ काम करेंगे और FSSAI को खाद्य सुरक्षा के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में सुझाव देंगे. यह आगे खाद्य मानकों और विनियमों को अधिसूचित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. आपको बता दें कि वैज्ञानिक समिति और 21 वैज्ञानिक पैनल मानक विकास प्रक्रिया में खाद्य प्राधिकरण के प्रमुख वैज्ञानिक अंग हैं. FSSAI ने 24 फरवरी को 21 वैज्ञानिक पैनलों का पुनर्गठन किया है, जिनमें से प्रत्येक में नौ सदस्य हैं. 21 वैज्ञानिक पैनलों की अध्यक्षता वाली वैज्ञानिक समिति और 06 स्वतंत्र सदस्य हैं, जो 01 मार्च, 2023 से प्रभावी हैं.

आपको बता दें कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (FSS अधिनियम) की धारा 13 के तहत खाद्य प्राधिकरण द्वारा मानकों को विकसित करने के उद्देश्य से वैज्ञानिक पैनल गठित किए जाते हैं. वैज्ञानिक समिति (Scientific Committee) का गठन खाद्य प्राधिकरण द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (FSS अधिनियम) की धारा 14 के तहत किया गया है. यह एक स्वतंत्र निकाय होता है, जिसमें 6 स्वतंत्र सदस्य शामिल होते हैं. वर्तमान में इनकी संख्या 27 है.

ये भी पढ़ें- 'ईट राइट कैंपस' बना रामोजी फिल्म सिटी, FSSAI ने दी फाइव स्टार रेटिंग

वैज्ञानिक समिति एक वैधानिक निकाय के रूप में वैज्ञानिक पैनलों (SPs) और खाद्य प्राधिकरण के बीच कड़ी के रूप में कार्य करती है. SC मुख्य रूप से प्रत्येक पैनल द्वारा की गई सिफारिशों की जांच करता है और आगे खाद्य प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन की सिफारिश करता है. यह सर्वोच्च निकाय है, जो खाद्य प्राधिकरण को वैज्ञानिक राय प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है.

ये भी पढ़ें- regulatory standards for Basmati rice : देश में पहली बार बासमती चावल के लिए मानक तय,अब प्राकृतिक सुगंध होगी असली पहचान

आपको बता दें कि FSSAI की स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत देश में मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य पदार्थों के विज्ञान आधारित मानकों को निर्धारित करने के लिए की गई थी. FSSAI की स्थापना के समय खाद्य प्राधिकरण ने केवल 8 SPs को नियुक्त किया था. वर्तमान में, कुल 21 एसपी हैं, जिनमें 11 लंबवत (vertical) और 10 क्षैतिज (horizontal) पैनल शामिल हैं.

एक मानक के विकास की प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा के सिद्धांत और उससे जुड़े जोखिमों के आंकलन से संचालित होती है. एक मानक सामान्य प्रकृति का हो सकता है, जो सभी उत्पाद श्रेणियों पर लागू होता है. अक्सर इसे क्षैतिज मानक कहा जाता है. एक अधिकारी ने बताया कि क्षैतिज मानक खाद्य उत्पादों की सुरक्षा आवश्यकताओं को निर्धारित करते हैं.

इन मानकों में खाद्य योजक (food additives), दूषित पदार्थ, विषाक्त पदार्थ, एंटीबायोटिक अवशेष (antibiotic residues), कीटनाशक अवशेष, सूक्ष्मजीवविज्ञानी पैरामीटर, पैकेजिंग और लेबलिंग शामिल हैं. इसी तरह जो मानक किसी उत्पाद या उत्पाद श्रेणी के लिए विशिष्ट होते हैं, उन्हें लंबवत मानक कहा जाता है. अधिकारी ने बताया कि लंबवत मानक मुख्य रूप से उत्पाद/उत्पाद श्रेणी के लिए पहचान और गुणवत्ता निर्धारित करते हैं. मानक विकास में मुख्य रूप से एसपी शामिल होते हैं, जो आधार मानक को जानबूझकर और विकसित करते हैं. और इन्हें खाद्य प्राधिकरण द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित किए जाने से पहले SC द्वारा आगे मान्य किया जाता है.

नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने अपने वैज्ञानिक पैनलों का पुनर्गठन किया है. साथ ही खाद्य सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न वैज्ञानिक संगठनों और विभिन्न संस्थानों के लगभग 200 वैज्ञानिक विशेषज्ञों को सूचीबद्ध किया है. इस पैनल में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीएमआर), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटीईएम) से विशेषज्ञों का चयन किया गया है.

ये वैज्ञानिक अगले तीन वर्षों तक FSSAI के साथ काम करेंगे और FSSAI को खाद्य सुरक्षा के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में सुझाव देंगे. यह आगे खाद्य मानकों और विनियमों को अधिसूचित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. आपको बता दें कि वैज्ञानिक समिति और 21 वैज्ञानिक पैनल मानक विकास प्रक्रिया में खाद्य प्राधिकरण के प्रमुख वैज्ञानिक अंग हैं. FSSAI ने 24 फरवरी को 21 वैज्ञानिक पैनलों का पुनर्गठन किया है, जिनमें से प्रत्येक में नौ सदस्य हैं. 21 वैज्ञानिक पैनलों की अध्यक्षता वाली वैज्ञानिक समिति और 06 स्वतंत्र सदस्य हैं, जो 01 मार्च, 2023 से प्रभावी हैं.

आपको बता दें कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (FSS अधिनियम) की धारा 13 के तहत खाद्य प्राधिकरण द्वारा मानकों को विकसित करने के उद्देश्य से वैज्ञानिक पैनल गठित किए जाते हैं. वैज्ञानिक समिति (Scientific Committee) का गठन खाद्य प्राधिकरण द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (FSS अधिनियम) की धारा 14 के तहत किया गया है. यह एक स्वतंत्र निकाय होता है, जिसमें 6 स्वतंत्र सदस्य शामिल होते हैं. वर्तमान में इनकी संख्या 27 है.

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वैज्ञानिक समिति एक वैधानिक निकाय के रूप में वैज्ञानिक पैनलों (SPs) और खाद्य प्राधिकरण के बीच कड़ी के रूप में कार्य करती है. SC मुख्य रूप से प्रत्येक पैनल द्वारा की गई सिफारिशों की जांच करता है और आगे खाद्य प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन की सिफारिश करता है. यह सर्वोच्च निकाय है, जो खाद्य प्राधिकरण को वैज्ञानिक राय प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है.

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आपको बता दें कि FSSAI की स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत देश में मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य पदार्थों के विज्ञान आधारित मानकों को निर्धारित करने के लिए की गई थी. FSSAI की स्थापना के समय खाद्य प्राधिकरण ने केवल 8 SPs को नियुक्त किया था. वर्तमान में, कुल 21 एसपी हैं, जिनमें 11 लंबवत (vertical) और 10 क्षैतिज (horizontal) पैनल शामिल हैं.

एक मानक के विकास की प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा के सिद्धांत और उससे जुड़े जोखिमों के आंकलन से संचालित होती है. एक मानक सामान्य प्रकृति का हो सकता है, जो सभी उत्पाद श्रेणियों पर लागू होता है. अक्सर इसे क्षैतिज मानक कहा जाता है. एक अधिकारी ने बताया कि क्षैतिज मानक खाद्य उत्पादों की सुरक्षा आवश्यकताओं को निर्धारित करते हैं.

इन मानकों में खाद्य योजक (food additives), दूषित पदार्थ, विषाक्त पदार्थ, एंटीबायोटिक अवशेष (antibiotic residues), कीटनाशक अवशेष, सूक्ष्मजीवविज्ञानी पैरामीटर, पैकेजिंग और लेबलिंग शामिल हैं. इसी तरह जो मानक किसी उत्पाद या उत्पाद श्रेणी के लिए विशिष्ट होते हैं, उन्हें लंबवत मानक कहा जाता है. अधिकारी ने बताया कि लंबवत मानक मुख्य रूप से उत्पाद/उत्पाद श्रेणी के लिए पहचान और गुणवत्ता निर्धारित करते हैं. मानक विकास में मुख्य रूप से एसपी शामिल होते हैं, जो आधार मानक को जानबूझकर और विकसित करते हैं. और इन्हें खाद्य प्राधिकरण द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित किए जाने से पहले SC द्वारा आगे मान्य किया जाता है.

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