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चार चीनी नागरिकों ने वतन वापसी के लिए हाई कोर्ट से मांगी अनुमति, इस मामले में मिली है सजा - चीनी नागरिकों पर अगले हफ्ते सुनवाई

चार चीनी नागरिकों ने उत्तराखंड हाई कोर्ट से अपने देश लौटने की अनुमति मांगी है. फिलहाल कोर्ट ने इस मांग पर कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद की मुकर्रर की है. ये चारों चीनी नागरिक फर्जी वोटर आईडी के साथ पकड़े गए थे. इससे पहले ये मुंबई में सोने की तस्करी में गिरफ्तार हुए थे.

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Published : Sep 4, 2021, 5:07 PM IST

नैनीताल : उत्तराखंड हाई कोर्ट में चार चीनी नागरिकों के वतन वापसी की मांग को लेकर सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने उन चारों को कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद करने की बात कही है. मामले की सुनवाई न्यायाधीश आरसी खुल्बे की एकल पीठ में हुई.

टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे ये चीनी

मामले के अनुसार साल 2018 में चार चीनी नागरिक वांग गुवांग, वेंग शूं जेन, नी हे पेंग, लीयो जीन कांग भारत घूमने के लिए आए थे. जिन्हें मुंबई पुलिस ने सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. महाराष्ट्र हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद चारों चीनी नागरिकों को रिहा कर दिया गया था. साल 2019 में चारों चीनी नागरिक उत्तराखंड के चंपावत के बनबसा से गिरफ्तार किये गए थे.

उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक चारों चीनी नागरिक फर्जी वोटर आईडी कार्ड के जरिए बनबसा से नेपाल जाने की फिराक में थे. इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 120बी, 420, 467 और 471 में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट के आदेश पर इन्हें चंपावत जेल भेज दिया था.

न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. फर्जी वोटर आईडी के आरोप में बंद इन चारों ने निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने इन सभी को जमानत देते हुए हर हफ्ते बनबसा थाने में हाजिरी लगाने का आदेश दिया था, तब से ये चंपावत क्षेत्र में रह रहे थे. जिसके बाद चारों आरोपियों ने चीन वापस भेजे जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसपर अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी.

पढ़ेंः इलाहाबाद हाई कोर्ट को जल्द मिलेंगे 16 नए जज, इनका बनना तय

नैनीताल : उत्तराखंड हाई कोर्ट में चार चीनी नागरिकों के वतन वापसी की मांग को लेकर सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने उन चारों को कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद करने की बात कही है. मामले की सुनवाई न्यायाधीश आरसी खुल्बे की एकल पीठ में हुई.

टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे ये चीनी

मामले के अनुसार साल 2018 में चार चीनी नागरिक वांग गुवांग, वेंग शूं जेन, नी हे पेंग, लीयो जीन कांग भारत घूमने के लिए आए थे. जिन्हें मुंबई पुलिस ने सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. महाराष्ट्र हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद चारों चीनी नागरिकों को रिहा कर दिया गया था. साल 2019 में चारों चीनी नागरिक उत्तराखंड के चंपावत के बनबसा से गिरफ्तार किये गए थे.

उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक चारों चीनी नागरिक फर्जी वोटर आईडी कार्ड के जरिए बनबसा से नेपाल जाने की फिराक में थे. इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 120बी, 420, 467 और 471 में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट के आदेश पर इन्हें चंपावत जेल भेज दिया था.

न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. फर्जी वोटर आईडी के आरोप में बंद इन चारों ने निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने इन सभी को जमानत देते हुए हर हफ्ते बनबसा थाने में हाजिरी लगाने का आदेश दिया था, तब से ये चंपावत क्षेत्र में रह रहे थे. जिसके बाद चारों आरोपियों ने चीन वापस भेजे जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसपर अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी.

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