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Uttarakhand Politics: कोश्यारी ने 'शिष्य' धामी की जमकर की तारीफ, सक्रिय राजनीति में वापसी से किया इनकार

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी से इनकार किया है. पत्रकारों से बातचीत में कोश्यारी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जमकर तारीफ की है.

Bhagat Singh Koshyari
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
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Published : Feb 26, 2023, 10:16 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी ने अपने शिष्य की जमकर तारीफ की और कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी की संभावना को सिरे नकारते हुए कहा कि वे उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना जारी रखेंगे. महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से संवाद करते हुए कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी, क्योंकि वह बार बार यात्रा करने के कारण थक गए थे.

पद पर बने रहना होता अपराध: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कोश्यारी और महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि 'यदि मैं 24 में 16 घंटे भी काम नहीं कर पाता तो राज्यपाल के पद पर बने रहना अपराध होता'. वहीं, राजनीतिक सरगर्मियों से भरे अपने कार्यकाल के बारे में टिप्पणी करते हुए कोश्यारी ने कहा कि वह मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के आदी हैं. पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने अपने विवादास्पद बयानों के बारे में बोलते हुए कहा कि यदि किसी बच्चे को भी लगा कि उन्होंने गलती की है तो वह उसके लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे.

'मुंबई से राजस्थानियों और गुजरातियों को निकाल दो तो महाराष्ट्र में बचेगा क्या' वाले बयान पर बोलते हुए कोश्यारी ने कहा कि उत्साह में कुछ बातें निकल गई थीं और यह अहसास होने के बाद कि इससे लोग आहत हुए हैं, उन्होंने तुरंत माफी मांग ली थी. हालांकि, कोश्यारी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज या सावित्रीबाई फुले के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है.

ये भी पढ़ें: Uttarakhand Politics: क्या 'गुरु'-'शिष्य' के बीच सब कुछ सही नहीं? कांग्रेस बोली- दाल में कुछ काला है

पैसों और सत्ता के लिए नहीं भागा: उन्होंने कहा कि कार्यकाल पूरा होने से दो साल पहले ही राज्यपाल से इस्तीफा देना दिखाता है कि वह पैसे और सत्ता के पीछे नहीं भागते हैं. एक सवाल के जवाब में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अब उनकी 'सक्रिय राजनीति' में वापसी की संभावना नहीं है.उन्होंने आगे कहा कि मैं उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसकी सेवा करता रहूंगा. मैं चाहता हूं कि यह हिमालय की तरह शुद्ध और गंगा की तरह पवित्र बने.

भगत सिंह कोश्यारी ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि राष्ट्र निर्माण की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी को मेरा समर्थन जारी रहेगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भाजपा से दो साल पहले ही इस्तीफा दे दिया था लेकिन पार्टी में रहे बिना भी उसकी विचारधारा का अनुसरण करते हैं. वहीं, कोश्यारी ने भाजपा से मिले सम्मान और अवसर के लिए पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया है.

सीएम धामी की तारीफ की: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले कोश्यारी ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यहां तक प्रधानमंत्री ने भी धामी के लिए यह कहा है. मेरा मानना है कि वह पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं.

(इनपुट- पीटीआई भाषा)

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी ने अपने शिष्य की जमकर तारीफ की और कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी की संभावना को सिरे नकारते हुए कहा कि वे उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना जारी रखेंगे. महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से संवाद करते हुए कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी, क्योंकि वह बार बार यात्रा करने के कारण थक गए थे.

पद पर बने रहना होता अपराध: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कोश्यारी और महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि 'यदि मैं 24 में 16 घंटे भी काम नहीं कर पाता तो राज्यपाल के पद पर बने रहना अपराध होता'. वहीं, राजनीतिक सरगर्मियों से भरे अपने कार्यकाल के बारे में टिप्पणी करते हुए कोश्यारी ने कहा कि वह मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के आदी हैं. पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने अपने विवादास्पद बयानों के बारे में बोलते हुए कहा कि यदि किसी बच्चे को भी लगा कि उन्होंने गलती की है तो वह उसके लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे.

'मुंबई से राजस्थानियों और गुजरातियों को निकाल दो तो महाराष्ट्र में बचेगा क्या' वाले बयान पर बोलते हुए कोश्यारी ने कहा कि उत्साह में कुछ बातें निकल गई थीं और यह अहसास होने के बाद कि इससे लोग आहत हुए हैं, उन्होंने तुरंत माफी मांग ली थी. हालांकि, कोश्यारी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज या सावित्रीबाई फुले के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है.

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पैसों और सत्ता के लिए नहीं भागा: उन्होंने कहा कि कार्यकाल पूरा होने से दो साल पहले ही राज्यपाल से इस्तीफा देना दिखाता है कि वह पैसे और सत्ता के पीछे नहीं भागते हैं. एक सवाल के जवाब में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अब उनकी 'सक्रिय राजनीति' में वापसी की संभावना नहीं है.उन्होंने आगे कहा कि मैं उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसकी सेवा करता रहूंगा. मैं चाहता हूं कि यह हिमालय की तरह शुद्ध और गंगा की तरह पवित्र बने.

भगत सिंह कोश्यारी ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि राष्ट्र निर्माण की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी को मेरा समर्थन जारी रहेगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भाजपा से दो साल पहले ही इस्तीफा दे दिया था लेकिन पार्टी में रहे बिना भी उसकी विचारधारा का अनुसरण करते हैं. वहीं, कोश्यारी ने भाजपा से मिले सम्मान और अवसर के लिए पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया है.

सीएम धामी की तारीफ की: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले कोश्यारी ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यहां तक प्रधानमंत्री ने भी धामी के लिए यह कहा है. मेरा मानना है कि वह पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं.

(इनपुट- पीटीआई भाषा)

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